कभी 25 रुपये खर्च कर पेट पालने पर मजबूर थे शरद केलकर, अंडे और रोटी से मिटती थी भूख

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कभी 25 रुपये खर्च कर पेट पालने पर मजबूर थे शरद केलकर, अंडे और रोटी से मिटती थी भूख

कभी 25 रुपये खर्च कर पेट पालने पर मजबूर थे शरद केलकर, अंडे और रोटी से मिटती थी भूख

शरद केलकर ने बीते 19 साल के करियर में टीवी से लेकर फिल्‍मों और यहां तक की ओटीटी की दुनिया में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। हिंदी के साथ-साथ मराठी फिल्‍मों में भी उनका नाम है। वॉइस ओवर आर्टिस्‍ट के तौर पर पर शरद केलकर ने खूब नाम कमाया है। लेकिन जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में पैदा हुए शरद केलकर का सिल्‍वर स्‍क्रीन का यह सफर मुश्‍क‍िलों भरा रहा है। टीवी पर ‘सात फेरे’ और ‘नच बलिए’ से घर-घर में पहचान बनाने वाले शरद केलकर ने खुलासा किया है कि मुंबई में उनकी शुरुआत कठ‍िनाइयों से भरी रही है। उन्‍होंने वो दिन भी देखे हैं, जब पेट पालने के लिए रोज 25 रुपये में गुजारा करना पड़ता था। साल 2002 में मायानगरी मुंबई आने वाले शरद केलकर की यह कहानी संघर्ष से सफलता की अनूठी मिसाल की तरह है।

2002 में मॉडल बनने मुंबई आए थे शरद केलकर

Sharad Kelkar ने साइसर ब्रोचा के पॉडकास्‍ट में अपने करियर स्‍ट्रगल की कहानी शेयर की है। शरद ग्रासिम मिस्‍टर इंडिया के फाइनलिस्‍ट थे और 2002 में वह मॉडलिंग में करियर बनाने के लिए मुंबई आए थे। वह बताते हैं कि एक मॉडल के रूप में उन्‍होंने कई विज्ञापनों के लिए काम किया, लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं था। वह बताते हैं कि जब पहली बार एक मॉडल के तौर पर उन्‍हें फैशन शो के लिए 5000 रुपये का ऑफर मिला तो वह बहुत एक्‍साइटेड हो गए थे, क्‍योंकि उससे पहले वह एक जिम ट्रेनर के तौर पर महीने के 2750 रुपये कमाते थे।

चार अंडे और दो रोटियां, ऐसे मिटती थी शरद केलकर की भूख

चार अंडे और दो रोटियां, ऐसे मिटती थी शरद केलकर की भूख

शरद केलकर बताते हैं, ‘मैं पहली बार छुट्टी में अपने चचेरे भाई से मिलने मुंबई आया था। इसी दौरान एक फैशन शो के लिए कॉल आया। मैं बांद्रा के बाजार रोड में एक कमरे में नौ लड़कों के साथ रहा करता था। वहां एक राजस्थानी होटल था, जो डब्बा सर्विस देते थे। एक चपाती को 2 रुपये और कुछ अंडे मिलते थे। किसी तरह मैंने एक गैस सिलेंडर की व्यवस्था की थी। मेरी डील सामान्‍य थी, चार अंडे और दो रोटी, सुबह और शाम को। बस इतना ही। मुझे यह 25 रुपये में मिल जाते थे।’

जब कोई काम मिलता था, तब करते थे पार्टी

जब कोई काम मिलता था, तब करते थे पार्टी

पॉडकास्‍ट के दौरान शरद केलकर से पूछा गया कि क्‍या वह उन दिनों में कभी शराब पर खर्च कर पाते थे? एक्‍टर ने कहा, ‘यह तो प्रिव‍िलेज (विशेषाध‍िकार) वाली बात थी। शायद तीन महीने में एक बार ऐसी स्थिति बनती थी। हम तभी पार्टी करते थे जब हमें कोई काम मिलता था, जैसे कोई विज्ञापन या फोटोशूट। वर्ना वह मुश्‍क‍िल वक्‍त था। लेकिन जब टीवी में काम मिलना शुरू हुआ तो चीजें बेहतर हो गईं।’

ज‍िम ट्रेनर बनकर कमाते थे 2750 रुपये महीना

-2750-

शरद केलकर ने कहा कि वह उन दिनों में खर्च चलाने के लिए जिम में ट्रेनर के तौर पर काम करते थे। इसके लिए हर महीने 2750 रुपये की कमाई होती थी। जब उन्हें एक फैशन शो में ‘तीन मिनट’ के लिए रैम्‍प पर चलने के लिए 5000 रुपये ऑफर हुए तो उन्‍होंने झट से उसे स्‍वीकार कर लिया। वह कहते हैं, ‘मैंने मुंबई के बारे में अपने अंदर कुछ महसूस किया, और फिर इसी तरह मैंने शुरुआत भी की।’