कभी डांटा तो कभी मुफलिसी में बनीं सहारा- लता मंगेशकर को याद कर भावुक हुए अभिजीत भट्टाचार्य
‘डर’ और ‘परंपरा’ जैसी फिल्मों में Lata Mangeshkar के साथ सुर से सुर मिलाने वाले मशहूर गायक अभिजीत भट्टाचार्य, लता मंगेशकर को याद करते हुए कहते हैं, ‘मैं उन खुशनसीब गायकों में से हूं, जिन्हें लता जी के साथ न केवल फिल्मों बल्कि स्टेज शोज में भी गाने का अवसर मिला। इस सफर में मैंने कई बार उनकी डांट भी सुनी और बहुत सारा प्यार भी पाया। जब मैं मुंबई नया-नया आया था, तब संगीत की इस देवी के दर्शन के लिए धुंआधार बारिश में उनके ताड़देव के स्टूडियो गया था। मुफलिसी के उस दौर में मेरे पास छाता भी नहीं था और सिर पर प्लास्टिक लगा कर गया था।’
‘उस समय भी उन्होंने मुझे चाय ऑफर की थी। उसके दस साल बाद मैं उनके साथ गा रहा था। मैं इसे भाग्य ही मानता हूं। उनके साथ डर और परंपरा जैसी फिल्मों में गाने का मौका मिला, तो स्टेज शोज भी काफी किए मैंने उनके साथ। स्टेज शोज में मैं उनके साथ ‘कोरा कागज था ये मन मेरा’, ‘चांदनी रात है, तू मेरे साथ है’, ‘एक चंचल शोख हसीना’ जैसे गाने गाया करता था। आज उनको गए हुए भले एक साल हो गया, मगर मुझे लगता है कि वे हमारे बीच में है। मैं जब कानपुर में था, तब भी उन्हें सुनता था और आज भी उन्हें सुनता हूं।’ उनका संगीत हमारे जीवन में रचा-बसा है।
‘उनकी 1 कॉल से धन्य महसूस किया’
ब्लॉकबस्टर ‘पठान’ के संगीत से दुनियाभर में हंगामा मचाने वाले संगीतकार विशाल (विशाल-शेखर) कुछ इस अंदाज में लता मंगेशकर को याद करते हैं, ‘उनके साथ मुझे काम करने का मौका तो नहीं मिल पाया, मगर उनका एक फोन कॉल मुझे ताउम्र याद रह गया। ‘इंडियन आइडल 12’ के दौरान उनका फोन आया, पहले तो मुझे यकीन ही नहीं आया कि लाइन पर लता जी हैं, फिर उनकी स्कूल गर्ल जैसी चुलबुली आवाज ने मुझे मोह लिया। उन्होंने वो कॉल ‘इंडियन आइडल 12’ के प्रतियोगियों और जजेज की सराहना के लिए किया था। मैं तो सुनकर धन्य हो उठा। वे एक महान गायिका थीं, मगर विनम्रता उनमें कूट-कूट कर भरी थी। उस फोन कॉल में भी उन्होंने सभी जजेज और प्रतियोगियों के नाम लिए थे और सभी के काम को बहुत सराहा। वे संगीत का एक ऐसा संस्थान हैं, जिनके लिए कोई भी विशेषण या खिताब पूरा नहीं पड़ता। आज तक इंडियन आइडियल का शायद ही ऐसा कोई एपिसोड रहा हो, जिसमें उनका जिक्र न हो। वे संगीत का महासगार थीं।
शेखर रवजियानी
‘जितनी महान गायिका, उतनी ही खूबसूरत इंसान भी’
‘बाजीगर’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’, ‘जोश’ जैसी कई फिल्मों में लता मंगेशकर के साथ सुपरहिट गाने देने वाले सीनियर संगीतकार अनु मलिक का कहना है, ‘मैं उन्हें साक्षात सरस्वती मां मानता हूं। उनमें सिंगिंग का वो खजाना था, जो कभी कम नहीं होता था। मैं अपने आपको भाग्यवान मानता हूं, जो संगीत के इस पावरहाउस के साथ मुझे काम करने का मौका मिला। उनके साथ रिकॉर्ड किया हुआ हर गाना मेरे लिए एक लर्निंग एक्सपीरियंस होता था। मुझे तो उनकी विदाई कभी महसूस ही नहीं हुई। मुझे लगता है, वे हमारे आस-पास हैं और हर पल हमें प्रोत्साहित करती हैं, हमारा मार्गदर्शन करती हैं। उनके गीत हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं।