कभी अमेरिका की ‘रीढ़ की हड्डी’ कहलाने वाली यह कंपनी आज बिकने की कगार पर

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कभी अमेरिका की ‘रीढ़ की हड्डी’ कहलाने वाली  यह कंपनी आज बिकने की कगार पर

कभी अमेरिका की ‘रीढ़ की हड्डी’ कहलाने वाली यह कंपनी आज बिकने की कगार पर

नई दिल्ली: वैश्विक अर्थव्यवस्था इन दिनों कठिन दौर से गुजर रही है। विश्व शक्ति के तौर पर पहचान पाना वाला देश अमेरिका की इकॉनमी भी अभी कुछ ठीक नहीं है। जिस देश की इकॉनमी का परचम दुनियाभर में लहराता है, जिसके शेयर मार्केट की चाल से तमाम देशों के शेयर बाजार की चाल तय होती है, वो देश खुद अभी अस्थिर है। महंगाई और फेडरल की ओर से लगातार ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। हाल ही में रेटिंग एजेंसी फिच ने भी अमेरिकी की रेटिंह को AAA से घटाकर AA+ कर दिया है। वहीं अब अमेरिका की एक बड़ी स्टील कंपनी बिकने जा रही है।


अमेरिका की स्टील कंपनी

एक समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली यूएस स्टील कॉरपोरेशन के लिए अब गिनती के दिन रह गए हैं। मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है।
अपने समय में यूएस स्टील दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी थी। अब यह कंपनी बिकने जा रही है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अब यह प्रतिद्वंद्वियों के बीच बोली युद्ध का विषय है, जो कंपनी की कीमत से बहुत कम की पेशकश कर रहे हैं।

यूएस स्टील एक और प्रतिष्ठित कंपनी हो सकती है जिसके लिए समय समाप्त हो चुका है। कंपनी का संभावित भाग्य वर्तमान वैश्विक दिग्गजों के लिए एक चेतावनी है कि दुनिया कितनी जल्दी बदल सकती है। पिट्सबर्ग स्थित इस कंपनी की शुरुआत साल 1901 में अमेरिका की अग्रणी स्टील कंपनियों का विलय करके किया गया था, जिनमें कार्नेगी स्टील कॉर्प भी शामिल था। इसकी परिकल्‍पना फाइनेंसर जे.पी. मॉर्गन ने की थी। नई कंपनी एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई, जो उस साल के पूरे अमेरिका के बजट से दोगुनी थी। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे ने मालिक एंड्रयू कार्नेगी को दुनिया का सबसे अमीर आदमी बना दिया।

लेकिन, हाल के वर्षों में, स्टील उत्पादन और शेयर बाजार मूल्य में यूएस स्टील अन्य अमेरिकी स्टील कंपनियों से काफी नीचे आ गई है। एनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि यूएस स्टील मुनाफे में बनी हुई है, लेकिन एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में इसके दिन सीमित हो सकते हैं, क्योंकि अब इसे विभिन्न प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बोली युद्ध का सामना करना पड़ रहा है, जो इसे 9 अरब डॉलर से कम में खरीदना चाहते हैं।

लंबे समय तक इस्पात उद्योग के विश्लेषक चार्ल्स ब्रैडफोर्ड ने कहा, “यह कंपनी 1916 में चरम पर थी। उसके बाद से लगातार गिरावट आई है। सबसे ज्‍यादा उत्पादन 1970 के दशक में था। इसने दशकों तक कुछ नहीं किया। यूएस स्टील की खरीद पर नजर रखने वाली कंपनियों में ओहायो स्थित निजी कंपनियां क्लीवलैंड-क्लिफ्स और एस्मार्क हैं जो नॉन-यूनियन स्टील प्रसंस्करण फर्म हैं। दोनों ने ऑन रिकॉर्ड अपनी बोलियों की पेशकश की है। एक वैश्विक वायर सेवा ने बताया कि एक प्रमुख यूरोपीय प्रतिस्पर्धी आर्सेलर मित्तल भी बोली पर विचार कर रही है। प्रस्तावित सौदों में से कौन एंटी-ट्रस्ट नियामकों से मंजूरी प्राप्‍त कर सकेगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिग्रहण को लेकर क्लीवलैंड-क्लिफ्स के रुचि दिखाने की बात सार्वजनिक होने पर यूएस स्टील का शेयर मूल्य 10 अगस्त को 22.50 डॉलर से बढ़कर 14 अगस्त को 31 डॉलर से अधिक हो गया।

यूनाइटेड स्टीलवर्कर्स यूनियन ने कहा कि वह केवल क्लीवलैंड-क्लिफ्स की बोली पर सहमत है, जिसमें यूएस स्टील की तरह यूएसडब्ल्यू अपने अधिकांश प्रति घंटा श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन यूएस स्टील ने अब तक उस बोली को खारिज कर दिया है। और ब्रैडफोर्ड ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि एंटी-ट्रस्ट नियम क्लीवलैंड-क्लिफ्स की खरीद को सफल होने देंगे, हालांकि क्लीवलैंड-क्लिफ्स के नेतृत्‍व का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि यह विनियामक अनुमोदन प्राप्‍त कर सकता है।

ओहायो रिपब्लिकन अमेरिकी सीनेटर जे.डी. वेंस ने गुरुवार को एक बयान जारी कर यूएस स्टील से किसी विदेशी स्टील निर्माता की किसी भी बोली को अस्वीकार करने का आग्रह किया और कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि कंपनी अमेरिकी स्वामित्व वाली बनी रहे क्योंकि यह अभी भी “रणनीतिक राष्ट्रीय महत्व” की है।

यूएस स्टील ने सीधे एस्मार्क ऑफर या आर्सेलरमित्तल की रुचि की रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है, सिवाय इसके कि वह अपने विकल्पों की रणनीतिक समीक्षा कर रही है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने इतिहास में असंख्य बार अधिग्रहणों की अफवाहों और प्रस्तावों से निकलने में कामयाब रही है।

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