कपूर फैमिली का वो चिराग, जिसे सबने भुला दिया, 80 साल पहले त्र‍िलोक के स्‍टारडम ने उड़ाए थे सबके होश

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कपूर फैमिली का वो चिराग, जिसे सबने भुला दिया, 80 साल पहले त्र‍िलोक के स्‍टारडम ने उड़ाए थे सबके होश


कपूर फैमिली का वो चिराग, जिसे सबने भुला दिया, 80 साल पहले त्र‍िलोक के स्‍टारडम ने उड़ाए थे सबके होश

कपूर फैमिली एकमात्र ऐसी फैमिली (Kapoor family) है, जिसकी 5 पीढ़ियों ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम किया। पिछले करीब 93 सालों से इस फैमिली के कई सदस्यों ने अलग-अलग दौर में हिंदी सिनेमा में काम किया और खानदान के साथ-साथ फिल्मी पर्दे को भी रोशन किया। लेकिन इसी फैमिली के उस शख्स के बारे में हम आपको बताएंगे, जिसने 30 के दशक में फिल्मों में कदम रखा था और ऐसा स्टारडम बटोरा कि हर कोई हैरान रह गया।

कपूर फैमिली के इस चिराग ने हिंदी सिनेमा को अपनी जिंदगी के 50 साल दिए और 120 से भी अधिक फिल्मों में काम किया। पर अफसोस इसकी मौत के बाद न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री भूल गई, बल्कि कपूर फैमिली भी भूल बैठी। Throwback Thursday में आज इसी चिराग की बात करते हैं।

पृथ्वीराज कपूर के छोटे भाई थे त्रिलोक कपूर
इनका नाम त्रिलोक कपूर (Trilok Kapoor) था, जो पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) के छोटे भाई थे। कपूर फैमिली से जिस शख्स ने पहली बार हिंदी फिल्मों में कदम रखे थे वह पृथ्वीराज कपूर थे। उन्होंने ही इंडियन थिएटर की खोज की थी। 1928 में पेशावर से बॉम्बे आने के बाद उन्होंने फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार किए और फिर 1994 में अपने नाम से पृथ्वी थिएटर की शुरुआत की। पृथ्वीराज कपूर के बाद तो अलग-अलग दौर और पीढ़ियों में कपूर फैमिली के कई सदस्यों ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। इनमें शशि कपूर (Shashi Kapoor) से लेकर राज कपूर (Raj Kapoor), रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) और रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) तक का नाम शामिल है। इनमें से जहां कुछ ने जबरदस्त सफलता पाई, वहीं कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। लेकिन कपूर फैमिली के इसी सदस्य यानी त्रिलोक कपूर ने 30 के दशक में तहलका मचा दिया था।

त्रिलोक कपूर-पृथ्वीराज कपूर के भाई और राज कपूर के चाचा

त्रिलोक कपूर ने इंडस्ट्री को दिए 50 साल, सबने भुला दिया
आज कपूर फैमिली के हर सदस्य की बात होती है, लेकिन त्रिलोक कपूर का बहुत ही कम जिक्र होता है। त्रिलोक कपूर के बाद कपूर फैमिली के कई सदस्यों ने आने वाले वक्त में फिल्मों में एंट्री की। हर तरफ उनकी चर्चा हुई, लेकिन दुख की बात है कि त्रिलोक कपूर को भुला दिया गया। उस कपूर को भुला दिया गया जिसने हिंदी सिनेमा में 50 साल तक काम किया।

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त्रिलोक कपूर ने 1933 में किया डेब्यू, पहली फिल्म रही थी ब्लॉकबस्टर
त्रिलोक कपूर के पिता का नाम दीवान बश्केश्वरनाथ कपूर था। उनका जन्म 11 फरवरी 1912 को हुआ था। जब त्रिलोक कपूर ने बड़े भाई पृथ्वीराज को फिल्मों में काम करते देखा तो उनके मन में लालसा पैदा हुई कि वह भी ऐक्टिंग में हाथ आजमाएं। इसी लालसा के साथ त्रिलोक कपूर ने 1933 में फिल्म ‘चार दरवेश’ से बॉलिवुड में कदम रखे। इसमें उनकी हिरोइन कनन देवी थीं। कनन देवी (Kanan Devi) इंडियन सिनेमा की शुरुआत सिंगिंग स्टार्स में से एक थीं और बंगाली सिनेमा का भी बड़ा नाम थीं। त्रिलोक कपूर की डेब्यू फिल्म ब्लॉकबस्टर रही। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘सीता’ में काम किया। इसमें त्रिलोक कपूर ने लक्ष्मण जबकि उनके बड़े भाई पृथ्वीराज ने राम का रोल प्ले किया था।


लीड हीरो पर भारी पड़ता था कैरेक्टर रोल

इसके बाद त्रिलोक कपूर ने कई और फिल्में कीं। वह ज्यादातर फिल्मों में कैरेक्टर आर्टिस्ट का किरदार निभाते थे। लेकिन इन पर भी उनकी पकड़ ऐसी थी कि वह लीड हीरो पर भी भारी पड़ जाते थे। त्रिलोक कपूर 1930 और 40 के दशक में इतने पॉप्युलर हो गए थे कि उस दौर के निर्माता-निर्देशक उन्हें ही फिल्मों में लेने की कोशिश करते। जानकारी के मुताबिक, वह वक्त कई सालों तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाले ऐक्टरों में शामिल रहे। उनकी जोड़ी को ऐक्ट्रेस नूर (Noor Jahan) जहां के साथ खूब पसंद किया गया।


‘भगवान शिव’ बन बदली त्रिलोक कपूर की जिंदगी, निरूपा रॉय संग जोड़ी
1950 में आई फिल्म ‘हर हर महादेव’ ने त्रिलोक कपूर के करियर की दिशा ही बदल दी। इसके बाद उन्होंने अपने करियर में पौराणिक किरदार ही निभाए। इन किरदारों से त्रिलोक कपूर को काफी स्टारडम मिला। उन्होंने अपने करियर में दर्जनों फिल्में कीं, जिनमें से करीब 18 फिल्मों में वह भगवान शिव के किरदार में नजर आए। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी 18 फिल्मों में ऐक्ट्रेस निरूपा रॉय ने माता पार्वती का किरदार निभाया था। यानी उस दौर में त्रिलोक कपूर और निरूपा रॉय की जोड़ी ‘शिव और पार्वती’ की जोड़ी के रूप में मशहूर हो गई थी।


TK Films बैनर की शुरुआत, त्रिलोक कपूर ने प्रड्यूस कीं फिल्में

त्रिलोक कपूर एक ऐक्टर ही नहीं बल्कि प्रड्यूसर भी थे। उन्होंने TK Films के नाम से अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था। कुछ फिल्में भी बनाईं, जिन्होंने अच्छी-खासी कमाई की। लेकिन 1962 के बाद से त्रिलोक कपूर ने कैरेक्टर रोल ही प्ले करने शुरू कर दिए।

1988 में त्रिलोक कपूर का निधन, थे दो बेटे

त्रिलोक कपूर का 1988 में निधन हो गया। उनकी आखिरी फिल्म भी उसी साल आई थी जोकि एक टेलीफिल्म थी। त्रिलोक कपूर के नाम पर चेंबूर में एक रोड का नाम ‘त्रिलोक कपूर मार्ग’ रखा गया। इसी इलाके में त्रिलोक कपूर रहते थे। त्रिलोक कपूर के दो बेटे थे-विक्की कपूर और विजय कपूर। जानकारी के मुताबिक, विक्की कपूर एक वकील और नेता थे जबकि विजय कपूर एक फिल्म डायरेक्टर थे।





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