कंपनी नहीं सुधरेगी…. सीएफओ ने निगम से बैठक में कूड़ा लिफ्टिंग की 200 गाड़ियां बढ़ाने का भरोसा दिया था, 3 माह बाद भी अमल नहीं – Amritsar News

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कंपनी नहीं सुधरेगी…. सीएफओ ने निगम से बैठक में कूड़ा लिफ्टिंग की 200 गाड़ियां बढ़ाने का भरोसा दिया था, 3 माह बाद भी अमल नहीं – Amritsar News

कंपनी नहीं सुधरेगी…. सीएफओ ने निगम से बैठक में कूड़ा लिफ्टिंग की 200 गाड़ियां बढ़ाने का भरोसा दिया था, 3 माह बाद भी अमल नहीं – Amritsar News

नगर निगम हाउस के दो साल से अधिक समय से भंग होने के कारण शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल रही। जब 21 दिसंबर को चुनाव हो गया तो लोगों को लगा कि राहत मिलेगी, लेकिन अब भी हालात नहीं बदले। सफाई और कूड़ा लिफ्टिंग की जिम्मेदारी निभाने वाली अवरडा कंपनी की कार्यशैल

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हां, यह बात जरूर है कि लीपापोती जरूर हो रही है। िनगम ने मीटिंग के बाद 83 ट्रालियां सड़कों पर कूड़ा उठाने के िलए लगाया है , मगर ना काफी साबित हो रही हैं। इससे पहले बीते मई महीने में तत्कालीन निगम कमिश्नर हरप्रीत सिंह ने भी कंपनी के अफसरों की बैठक की थी, मगर सुधार नहीं होता रहा। कंपनी के अफसर 200 गाड़ियां बढ़ाने के लिए 1 महीने का और समय मांग रहे हैं। अवरडा की खामियों को लेकर नगर निगम कई बार शोकॉज नोटिस जारी कर चुका है। कंपनी को हर महीने जुर्माना भी लगाया जाता रहा है। जुर्माने को कंपनी की टिपिंग फीस से काटा जा रहा है। पूर्व निगम कमिश्नर हरप्रीत सिंह ने कंपनी को फाइनल नोटिस जारी किया था। जिसमें कंपनी की वर्किंग में सुधार नहीं होने की सूरत में नया टेंडर लगाकर काम करवाने की बात कही गई थी। साथ ही कंपनी के कामकाज के रिव्यू के लिए स्टेट लेवल की कमेटी भी बनाई गई थी। इन तमाम कोशिशों के बावजूद निगम शहर में रेगुलर कूड़ा लिफ्टिंग नहीं करवा पा रहा है।

कंपनी की तरफ से जरूरत मुताबिक गाड़ियां फील्ड में नहीं उतारे जाने से कई घरों में 3 से 5 दिन तक कूड़ा लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। इस वजह से लोग इधर-उधर कूड़ा फेंक देते हैं। शहर में रेगुलर कूड़ा लिफ्टिंग नहीं होने-भगतांवाला डंप खाली करने में देरी के मुद्दे पर बनी स्टेट लेवल कमेटी ने पीएमआईडीसी को रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें कंपनी से समयबद्ध तरीके से काम करने के लिए लिखित लेने का सुझाव दिया गया था। कंपनी को डोर-टू-डोर लिफ्टिंग और बायो रेमिडेशन के लिए जरूरत मुताबिक मशीनरी लगाने को कहा गया था। वैसे तो कंपनी के अधिकारी लंबे समय से मशीनरी बढ़ाने और बायो रेमिडेशन जल्द शुरू करने की बात कहते आ रहे हैं, मगर कुछ नहीं हो रहा।

बीते साढ़े 5 माह में कंपनी के सीएफओ 2 बार दुबई से आ चुके हैं, मगर वह भी वादे पर खरे नहीं उतर रहे। कंपनी की मशीनरी की स्थिति और जरूरत कंपनी के पास वर्तमान मशीनरी और जरूरत की मशीनरी की स्थिति पर नजर डालें तो मिनी टिपर 277 चाहिए लेकिन काम कर रहे हैं 150, साइकिल रिक्शा 56 चाहिए लेकिन हैं 32 से 36, कंपैक्टर की संख्या कम से कम 26 चाहिए लेकिन 5-6 ही काम कर रहे हैं। 100 फुटी रोड निवासी सुरिंदर पाल महेंद्रू का कहना है कि ढाई साल से पूरा शहर नर्क बना हुआ है। पहले तो पार्षद आदि से कह कर काम करवा लेते थे लेकिन आज कोई सुनने वाला नहीं है।

उनका कहना है कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के नियमित रूप से न आने के चलते लोग कूड़ा या तो घर में रखते हैं या फिर आसपास फेंक देते हैं। उनका कहना है कि अब तो लोगों को खुद ही कूड़ा मैनेज करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि इसका असर देश-विदेश से आने वाली संगत पर भी पड़ रहा है। रणजीत एवेन्यू में कलैक्शन प्वाइंट के बाहर सड़क पर पड़ा कूड़ा, वहीं कलैक्शन प्वाइंट की बाउंड्री पर टीन लगाकर वहां स्वच्छता के संदेश लिखे जा रहे हैं। निगम कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख का कहना है कि बैठक में निर्देश दिए गए थे और उस पर काम भी हो रहा है। लेकिन मशीनरी लाने और अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने में कुछ समय लगेगा। फिलहाल उन्होंने काम करने के लिए हिदायत दी हैं। कंपनी के काम पर खुद नजर रख रहे हैं।

पैसे देकर भी सही से नहीं होता काम : पुतलीघर निवासी रोबन सिंह गिल का कहना है कि कंपनी के लोगों को पैसे भी दिया जाता है लेकिन वह कभी-कभार भी आते हैं। यही नहीं बल्कि उनके आने का समय भी वह होता है जब घर में कोई नहीं होता। उनकी मांग है कि निगम खुद सफाई की जिम्मेदारी संभाले कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाए। घरों से कूड़ा तीन से चार दिन बाद लिया जा रहा है।

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