ऑनलाइन क्लास के दौरान टीचर को हुआ छात्रा से प्यार, फिर बिना दहेज और बाराती के मंदिर में रचाई शादी, हो रही तारीफ h3>
रूपेश झा, भागलपुर
कहते हैं प्यार कब-किससे-कहां हो जाए ये कोई नहीं जानता। बिहार के भागलपुर में ऐसा ही मामला सामने आया जहां कोचिंग शिक्षक को अपनी एक छात्रा से प्यार हो गया। कोरोना काल में स्कूल-कॉलेज बंद हैं ऐसे में ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई हो रही है। भागलपुर में फिजिक्स की कोचिंग चलाने वाले रोहित भी ऑनलाइन क्लास लेते हैं। इसी दौरान उन्होंने अपनी क्लास में बांका की रहने वाली काजल को देखा। पढ़ाई के दौरान ही दोनों में प्यार हुआ और फिर बात शादी तक पहुंच गई। खास बात ये रही कि उनकी शादी बिना दहेज और बैंड-बाजा बारात के एक मंदिर में हुई।
जानिए कैसे हुआ प्यार…फिर शादी तक पहुंच गई बात
रोहित, सुल्तानगंज प्रखंड के कटारा पंचायत में स्थित कुमारपुर गांव के रहने वाले गिरिनंद सिंह के बेटे हैं। वहीं काजल बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड स्थित बिरौंधा निवासी संजय मंडल की बेटी हैं। बताया जा रहा कि रोहित की ऑनलाइन कोचिंग क्लास को काजल ने भी ज्वाइन किया। ‘ज़ूम ऐप’ और ‘व्हाट्सऐप’ पर ऑनलाइन क्लासेज होतीं। इसी दौरान रोहित-काजल में प्यार परवान चढ़ा तो उन्होंने मिलने का फैसला किया। फिर मामला शादी तक पहुंच गया।
इसे भी पढ़ें:- छपरा में ‘हम दिल दे चुके सनम’ पार्ट-2, पति ने पत्नी की शादी प्रेमी से कराई
बिना दहेज और धूम-धड़ाके शादी…लोग कर रहे तारीफ
रोहित और काजल की शादी सुल्तानगंज के कुमारपुर गांव में स्थित काली मंदिर में बीते 2 जून को हुई। रोहित ने बिना दहेज के शादी रचाकर एक ओर जहां समाज में मिशाल पेश की, वहीं दहेज लोभियों को भी इस विवाह के जरिए सख्त संदेश दिया है। बिना किसी खर्च और धूम-धड़ाके के हुई इस शादी की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। इस बारे में काजल के परिजन बताते हैं कि काजल कुमारी ने जब इंटर की पढ़ाई पूरी की तो परिवार वाले उनकी शादी को लेकर चिंतित रहने लगे। ये चिंता शादी में लगने वाले दहेज को लेकर थी। लेकिन काजल हमेशा दहेज का विरोध करती थीं।
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शादी के बाद नवदंपत्ति ने पौधा लगाकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
परिजनों के मुताबिक, घर में जब भी शादी की चर्चा होती तो काजल दहेज देने का नाम सुनकर ही भड़क जाती थीं। काजल के परिवार वालों की मानें तो काजल को ऐसे वर की तलाश थी जो बिना दहेज शादी करे। वो कहते हैं ना अगर आपकी कोशिश उम्दा हो तो निश्चित रूप से इसे पूरा करने में भगवान भी मदद करने अप्रत्यक्ष रूप से आ ही जाते हैं। वही काजल के साथ भी हुआ। पेशे से शिक्षक रोहित कुमार ने काजन के इस सपने को साकार करके दिखाया। यही नहीं रोहित के पिता गिरिनंद सिंह भी अपने बेटे के इस दहेज मुक्त शादी से काफी उत्साहित हैं। यही नहीं शादी के बाद नवविवाहित जोड़ों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने घर में पौधा भी लगाया।
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BDO ने कहा- दंपति को मिलेगा कन्या विवाह योजना का लाभ
पूरे मामले में शंभूगंज के प्रखंड विकास अधिकारी (BDO) प्रभात रंजन ने बताया कि रोहित और काजल की शादी बिना दहेज के हुई है। हमें जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली तो हमने नवदंपति से संपर्क किया और उनको बधाई दी। बीडीओ ने ये कहा कि हम इस शादी को लेकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत दुल्हन को दिए जाने वाले इनाम की भी सिफारिश करेंगे।
कहते हैं प्यार कब-किससे-कहां हो जाए ये कोई नहीं जानता। बिहार के भागलपुर में ऐसा ही मामला सामने आया जहां कोचिंग शिक्षक को अपनी एक छात्रा से प्यार हो गया। कोरोना काल में स्कूल-कॉलेज बंद हैं ऐसे में ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई हो रही है। भागलपुर में फिजिक्स की कोचिंग चलाने वाले रोहित भी ऑनलाइन क्लास लेते हैं। इसी दौरान उन्होंने अपनी क्लास में बांका की रहने वाली काजल को देखा। पढ़ाई के दौरान ही दोनों में प्यार हुआ और फिर बात शादी तक पहुंच गई। खास बात ये रही कि उनकी शादी बिना दहेज और बैंड-बाजा बारात के एक मंदिर में हुई।
जानिए कैसे हुआ प्यार…फिर शादी तक पहुंच गई बात
रोहित, सुल्तानगंज प्रखंड के कटारा पंचायत में स्थित कुमारपुर गांव के रहने वाले गिरिनंद सिंह के बेटे हैं। वहीं काजल बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड स्थित बिरौंधा निवासी संजय मंडल की बेटी हैं। बताया जा रहा कि रोहित की ऑनलाइन कोचिंग क्लास को काजल ने भी ज्वाइन किया। ‘ज़ूम ऐप’ और ‘व्हाट्सऐप’ पर ऑनलाइन क्लासेज होतीं। इसी दौरान रोहित-काजल में प्यार परवान चढ़ा तो उन्होंने मिलने का फैसला किया। फिर मामला शादी तक पहुंच गया।
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रोहित और काजल की शादी सुल्तानगंज के कुमारपुर गांव में स्थित काली मंदिर में बीते 2 जून को हुई। रोहित ने बिना दहेज के शादी रचाकर एक ओर जहां समाज में मिशाल पेश की, वहीं दहेज लोभियों को भी इस विवाह के जरिए सख्त संदेश दिया है। बिना किसी खर्च और धूम-धड़ाके के हुई इस शादी की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। इस बारे में काजल के परिजन बताते हैं कि काजल कुमारी ने जब इंटर की पढ़ाई पूरी की तो परिवार वाले उनकी शादी को लेकर चिंतित रहने लगे। ये चिंता शादी में लगने वाले दहेज को लेकर थी। लेकिन काजल हमेशा दहेज का विरोध करती थीं।
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परिजनों के मुताबिक, घर में जब भी शादी की चर्चा होती तो काजल दहेज देने का नाम सुनकर ही भड़क जाती थीं। काजल के परिवार वालों की मानें तो काजल को ऐसे वर की तलाश थी जो बिना दहेज शादी करे। वो कहते हैं ना अगर आपकी कोशिश उम्दा हो तो निश्चित रूप से इसे पूरा करने में भगवान भी मदद करने अप्रत्यक्ष रूप से आ ही जाते हैं। वही काजल के साथ भी हुआ। पेशे से शिक्षक रोहित कुमार ने काजन के इस सपने को साकार करके दिखाया। यही नहीं रोहित के पिता गिरिनंद सिंह भी अपने बेटे के इस दहेज मुक्त शादी से काफी उत्साहित हैं। यही नहीं शादी के बाद नवविवाहित जोड़ों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने घर में पौधा भी लगाया।
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पूरे मामले में शंभूगंज के प्रखंड विकास अधिकारी (BDO) प्रभात रंजन ने बताया कि रोहित और काजल की शादी बिना दहेज के हुई है। हमें जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली तो हमने नवदंपति से संपर्क किया और उनको बधाई दी। बीडीओ ने ये कहा कि हम इस शादी को लेकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत दुल्हन को दिए जाने वाले इनाम की भी सिफारिश करेंगे।