<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> कोरोना संक्रमण के मामलों में रोज़ होती बेतहाशा बढ़ोतरी के बीच अब ऑक्सीजन की कमी से भी लोगों की जान जाने लगी है. आज दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्ताल में ऑक्सीजन सप्लाई में कमी होने के चलते 25 मरीज़ों की मौत हो गई. इसके अलावा पंजाब के अमृतसर में एक अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी के चलते छह मरीज़ों की जान चली गई. </p>
<p style="text-align: justify;">अमृतसर के अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से पांच कोरोना वायरस से संक्रमित थे. नीलकंठ अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुनील देवगन ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की.’’</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ‘‘दो महिलाओं सहित छह मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है.’’ देवगन ने बताया कि मरीजों की मौत होने के बाद ऑक्सीजन के पांच सिलेंडर पहुंचाए गए. बार-बार संपर्क करने के बावजूद जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी मामले पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हुआ.</p>
<p style="text-align: justify;">अस्पताल के अध्यक्ष ने दावा किया कि उसके तीन प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि आपूर्ति के मामले में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है. देवगन ने आरोप लगाया कि निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने के लिए ऑक्सीजन संयंत्रों के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि जिन छह मरीजों की मौत शनिवार को हुई, उनमें से दो मरीज गुरदासपुर जिले के और एक मरीज तरन-तारण का था, जबकि बाकी तीन मरीज अमृतसर के ही थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी</strong><br />इस घटना पर पंजाब के मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि अमृतसर के नीलकंठ अस्पताल के अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी की जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए थी. इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. </p>