ऐसे भी प्राचार्य: ट्रांसफर हुआ लेकिन गए नहीं, अब काम में भी लापरवाहीं | Transfer happened but did not go, now negligence in work | Patrika News h3>
प्रशासनिक आधार पर हुआ देवास ट्रांसफर फिर भी नहीं हुए रिलीव
जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से की शिकायत, डीईओ ने थमाया नोटिस
इंदौर
Published: April 20, 2022 11:14:52 am
इंदौर। एक साल पहले प्रशासनिक आधार पर हुए ट्रांसफर के बाद भी काम करने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मानपुर के प्राचार्य डीके परमार की शिकायत कलेक्टर तक पहुंची है। पद की गरिमा के खिलाफ कार्य किए जाने की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने प्राचार्य को शोकाज नोटिस जारी किया है।
ऐसे भी प्राचार्य: ट्रांसफर हुआ लेकिन गए नहीं, अब काम में भी लापरवाहीं
बता दें कि मानपुर में पदस्थ प्राचार्य परमार के खिलाफ सत्ताधारी दल के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पहले भी मंत्री व विधायक उषा ठाकुर को भी शिकायतें की थीं। प्राचार्य की कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधियों और राजनेताओं में असंतोष रहा है, संकुल के तहत आने वाले स्कूलों के कुछ शिक्षकों में भी नाराजगी है। 31 अगस्त 2021 में प्रशासनिक ट्रांसफर में वे शासकीय हाई स्कूल बरोठा जिला देवास में पदस्थ हुए, लेकिन राजनीतिक पहुंच के चलते परमार कार्यमुक्त नहीं हुए। इसके बाद से ही परमार को लेकर शिकायतें होती रहीं। इसके बाद 8 जुलाई 2022 को डीईओ ने देवास के लिए कार्य मुक्त कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि कार्य मुक्त किए जाने के बाद सेवा रिकॉर्ड और सेवा पुस्तिका भी भेज दी गई। कार्यमुक्ति के आदेश के बाद भी प्राचार्य मानपुर में ही कार्यरत रहे और आदेश तक निकालते रहे। जबकि डीईओ ने कार्यमुक्त आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया था कि वे तत्काल रिलीव हों, लेकिन प्राचार्य परमार ने ऐसा नहीं किया।
जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर नोटिस इधर, जनप्रतिनिधियों ने प्राचार्य परमार के खिलाफ एक शिकायत कलेक्टर मनीष ङ्क्षसह को की है। इसके बाद डीईओ ने परमार को शोकाज नोटिस जारी किया। जिसमें कहा गया कि आप पद की गरिमा के विपरीत होकर कार्य किया जा रहा है। साथ ही एक लोक सेवक के पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं उदासीनता के साथ आपकी कर्तव्य विमुखता का परिचायक है। समय सीमा में जवाब नहीं देने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
एक सप्ताह में कार्यमुक्त आदेश हो गया निरस्त डीईओ ने 8 जुलाई को प्राचार्य परमार को रिलीव किए जाने के आदेश जारी किया था, लेकिन एक सप्ताह में ही वरिष्ठ अधिकारियों को हवाला देकर 17 जुलाई को रिलीव आदेश को निरस्त कर दिया और परमार को मानपुर में ही पदस्थ रखा गया। सूत्रों का कहना है कि परमार का ट्रांसफर प्रशासनिक हुआ है और ट्रांसफर आदेश निरस्त किए जाने का अधिकार सीएम समन्वय समिति को ही है। इसके बाद भी परमार को इंदौर जिले में यथावत रखा जा रहा है।
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प्रशासनिक आधार पर हुआ देवास ट्रांसफर फिर भी नहीं हुए रिलीव
जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से की शिकायत, डीईओ ने थमाया नोटिस
इंदौर
Published: April 20, 2022 11:14:52 am
इंदौर। एक साल पहले प्रशासनिक आधार पर हुए ट्रांसफर के बाद भी काम करने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मानपुर के प्राचार्य डीके परमार की शिकायत कलेक्टर तक पहुंची है। पद की गरिमा के खिलाफ कार्य किए जाने की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने प्राचार्य को शोकाज नोटिस जारी किया है।
ऐसे भी प्राचार्य: ट्रांसफर हुआ लेकिन गए नहीं, अब काम में भी लापरवाहीं
बता दें कि मानपुर में पदस्थ प्राचार्य परमार के खिलाफ सत्ताधारी दल के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पहले भी मंत्री व विधायक उषा ठाकुर को भी शिकायतें की थीं। प्राचार्य की कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधियों और राजनेताओं में असंतोष रहा है, संकुल के तहत आने वाले स्कूलों के कुछ शिक्षकों में भी नाराजगी है। 31 अगस्त 2021 में प्रशासनिक ट्रांसफर में वे शासकीय हाई स्कूल बरोठा जिला देवास में पदस्थ हुए, लेकिन राजनीतिक पहुंच के चलते परमार कार्यमुक्त नहीं हुए। इसके बाद से ही परमार को लेकर शिकायतें होती रहीं। इसके बाद 8 जुलाई 2022 को डीईओ ने देवास के लिए कार्य मुक्त कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि कार्य मुक्त किए जाने के बाद सेवा रिकॉर्ड और सेवा पुस्तिका भी भेज दी गई। कार्यमुक्ति के आदेश के बाद भी प्राचार्य मानपुर में ही कार्यरत रहे और आदेश तक निकालते रहे। जबकि डीईओ ने कार्यमुक्त आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया था कि वे तत्काल रिलीव हों, लेकिन प्राचार्य परमार ने ऐसा नहीं किया।
जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर नोटिस इधर, जनप्रतिनिधियों ने प्राचार्य परमार के खिलाफ एक शिकायत कलेक्टर मनीष ङ्क्षसह को की है। इसके बाद डीईओ ने परमार को शोकाज नोटिस जारी किया। जिसमें कहा गया कि आप पद की गरिमा के विपरीत होकर कार्य किया जा रहा है। साथ ही एक लोक सेवक के पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं उदासीनता के साथ आपकी कर्तव्य विमुखता का परिचायक है। समय सीमा में जवाब नहीं देने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
एक सप्ताह में कार्यमुक्त आदेश हो गया निरस्त डीईओ ने 8 जुलाई को प्राचार्य परमार को रिलीव किए जाने के आदेश जारी किया था, लेकिन एक सप्ताह में ही वरिष्ठ अधिकारियों को हवाला देकर 17 जुलाई को रिलीव आदेश को निरस्त कर दिया और परमार को मानपुर में ही पदस्थ रखा गया। सूत्रों का कहना है कि परमार का ट्रांसफर प्रशासनिक हुआ है और ट्रांसफर आदेश निरस्त किए जाने का अधिकार सीएम समन्वय समिति को ही है। इसके बाद भी परमार को इंदौर जिले में यथावत रखा जा रहा है।
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