एसी बस में दम घुटने से मां-बेटे की तबियत बिगड़ी, ड्राइवर-कंडक्टर की लापरवाही से मौत | Due to suffocation in ac bus mother son death | Patrika News h3>
रात भर उल्टियां करते रहे दोनों पर नहीं करवाया उपचार, भाई का आरोप पूरे रास्ते नहीं ली सुध, एम्बुलेंस ही बुला लेते तो बच जाती जान
इंदौर
Published: April 19, 2022 06:15:06 pm
इंदौर, पुणे से एसी स्लीपर बस में सवार होकर उज्जैन के लिए निकले एक ही परिवार के तीन सदस्यों में से दो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस को आशंका है की बस में घुटन की वजह से मां-बेटे की तबियत बिगड़ी थी। सफर के दौरान दोनों को उल्टीयां भी हुई। कई घंटे बाद परिजन इंदौर पहुंचे तब तक मां-बेटे की हालत गंभीर हो गई थी। अस्पताल में पहले बेटे और फिर मां को मृत घोषित कर दिया गया। इस पूरे मामले में उज्जैन से आए परिवार ने बस स्टॉफ पर गंभीर आरोप लगाए है। वहीं मामले में पुलिस ने बस ड्राइवर और कंडक्टर के बयान लेने की बात कही है।
एसी बस में दम घुटने से मां-बेटे की तबियत बिगड़ी, ड्राइवर-कंडक्टर की लापरवाही से मौत
एएसआइ दिलीप सिंह ने बताया, अशोक ट्रेवल्स की एसी स्लिपर बस से पुणे से उज्जैन के लिए निकले एक ही परिवार के दो सदस्य दीपिका ३८ पति संदीप पटेल, उनका बेटा आदित्यराज पटेल ११ निवासी वैद्य नगर, नानाखेड़ा, उज्जैन की सोमवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रविवार को परिवार के बुजुर्ग पुष्पा ५६ पति प्रवीणकुमार वर्मा, उनकी बेटी दीपिका और नाती आदित्यराज एसी स्लिपर बस में पुणे से चढ़े थे। सफर के दौरान दीपिका और उनके बेटे की तबियत बिगड़ गई। इस वजह से दोनों उल्टीयां करने लगे। रविवार सुबह बस तीन ईमली बस स्टैंड पहुंची तो यहां से उन्हेें उपचार के लिए किसी क्लिनिक ले जाया गया। परिवार की सदस्य पुष्पा अपनी बेटी और नाती को उपचार के लिए सुयश हॉस्पिटल लेकर पहुंची। सुबह करीब साढ़े नौ बजे बच्चे को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वहीं मां को दोपहर करीब सवा दो बजे उपचार के दौरान डॉक्टर ने मृत घोषित किया। सूचना मिलते ही शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम कराया। आशंका है एसी बस में घुटन की वजह से शरीर का ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से मां-बेटे की तबियत बिगडऩे से मौत हुई है। इस मामले में बस के कंडक्टर और ड्राइवर के बयान लिए जाऐंगे। वहीं जानकारी मिली है पुष्पा वर्मा निवासी उज्जैन अपनी बेटी और नाती के साथ १३ अप्रैल को पुणे घुमने गई थी।
आरोप है अग्रिशमन यंत्र होता रहा लीकेज, बस कंडक्टर कई घंटे परिजन से करता रहा अभद्रता भाई अजीत वर्मा ने बताया, मां पुष्पा, बहन दीपिका और भांजा आदित्यराज पुणे घुमने गए थे। वहां से उज्जैन आने के लिए तीनों ने अशोक ट्रेवल्स, उज्जैन के लिए ऑनलाइन टिकट बुक की थी। रात में मां ने फोन पर बताया कि बहन और भांजे की तबियत बिगड़ गई है। दोनों को उल्टीयां हो रही है। बस कंडक्टर उनसे अभद्रता कर रहा है। मां ने बताया कि जब वे बस में बैठने पहुंचे तो पता चला की सीट के पास लगे अग्रिशमन यंत्र से गैस का रिसाव हो रहा है। उसमें से अजीब बदबू आ रही है। इस संबंध में उन्होंने बस कंडक्टर को भी बताया। कुछ देर बाद रास्ते में बस खाना खाने के लिए रूकी। यहां परिवार ने सब्जी खरीदी। सब्जी खाने के बाद सभी बस में बैठ गए। आरेाप है इसके बाद भी गैस की बदबू नहीं रूकी। इस वजह से दोनों उल्टीयां करने लगे। जबकि उनकी मां की तबियत ठीक थी। आरोप है रातभर बस कंडक्टर उनसे अभद्रता करता रहा। मां द्वारा फोन पर मिली जानकारी के बाद खुद अजीत नानाखेड़ा स्थित बस सर्विस के ऑफिस पहुंचे। लेकिन ऑफिस बंद मिला। आरोप है ट्रेवल्स वाले को इस संबंध में फोन किया तो वह अभद्रता करने लगा।
सुरक्षित स्थान पर बस रोक एम्बुलेंस बुलाना थी
भाई ने बताया की उन्हें जानकारी मिली है बस में कई लोगों ने इस वजह से उल्टीयां की थी। क्यों बस कंडक्टर और ड्राइवर ने किसी सुरक्षित स्थान पर बस नहीं रोकी। बहन, भांजा हवा में आने के लिए बोलते रहे। लेकिन कंडक्टर ने नहीं सुनी। अभद्रता की जगह कंडक्टर बस रोककर एम्बुलेंस को बुलाकर परिजन को उपचार के लिए हॉस्पिटल भेज सकता था। आरोप है लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। रास्ते में कहीं भी बस नहीं रोकी। वह बस सीधे इंदौर लेकर पहुंचा। तीन ईमली पर ऑटो वाले को आवाज देकर मां, बहन और भांजे को उसमें बैठा दिया। दोनों सदस्य का किस क्लिनिक में उपचार हुआ पता नहीं। इसके बाद जब हालत बिगड़ी तो उन्हें सुयश हॉस्पिटल ले जाया गया। घटना से दुखी मामा ने बताया की उनकी बहन शिक्षिका थी। भांजा आदित्यराज पांचवी का छात्र था। वह परिवार का इकलौता बेटा था। दामाद रतलाम में शिक्षक है।
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रात भर उल्टियां करते रहे दोनों पर नहीं करवाया उपचार, भाई का आरोप पूरे रास्ते नहीं ली सुध, एम्बुलेंस ही बुला लेते तो बच जाती जान
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Published: April 19, 2022 06:15:06 pm
इंदौर, पुणे से एसी स्लीपर बस में सवार होकर उज्जैन के लिए निकले एक ही परिवार के तीन सदस्यों में से दो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस को आशंका है की बस में घुटन की वजह से मां-बेटे की तबियत बिगड़ी थी। सफर के दौरान दोनों को उल्टीयां भी हुई। कई घंटे बाद परिजन इंदौर पहुंचे तब तक मां-बेटे की हालत गंभीर हो गई थी। अस्पताल में पहले बेटे और फिर मां को मृत घोषित कर दिया गया। इस पूरे मामले में उज्जैन से आए परिवार ने बस स्टॉफ पर गंभीर आरोप लगाए है। वहीं मामले में पुलिस ने बस ड्राइवर और कंडक्टर के बयान लेने की बात कही है।
एसी बस में दम घुटने से मां-बेटे की तबियत बिगड़ी, ड्राइवर-कंडक्टर की लापरवाही से मौत
एएसआइ दिलीप सिंह ने बताया, अशोक ट्रेवल्स की एसी स्लिपर बस से पुणे से उज्जैन के लिए निकले एक ही परिवार के दो सदस्य दीपिका ३८ पति संदीप पटेल, उनका बेटा आदित्यराज पटेल ११ निवासी वैद्य नगर, नानाखेड़ा, उज्जैन की सोमवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रविवार को परिवार के बुजुर्ग पुष्पा ५६ पति प्रवीणकुमार वर्मा, उनकी बेटी दीपिका और नाती आदित्यराज एसी स्लिपर बस में पुणे से चढ़े थे। सफर के दौरान दीपिका और उनके बेटे की तबियत बिगड़ गई। इस वजह से दोनों उल्टीयां करने लगे। रविवार सुबह बस तीन ईमली बस स्टैंड पहुंची तो यहां से उन्हेें उपचार के लिए किसी क्लिनिक ले जाया गया। परिवार की सदस्य पुष्पा अपनी बेटी और नाती को उपचार के लिए सुयश हॉस्पिटल लेकर पहुंची। सुबह करीब साढ़े नौ बजे बच्चे को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वहीं मां को दोपहर करीब सवा दो बजे उपचार के दौरान डॉक्टर ने मृत घोषित किया। सूचना मिलते ही शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम कराया। आशंका है एसी बस में घुटन की वजह से शरीर का ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से मां-बेटे की तबियत बिगडऩे से मौत हुई है। इस मामले में बस के कंडक्टर और ड्राइवर के बयान लिए जाऐंगे। वहीं जानकारी मिली है पुष्पा वर्मा निवासी उज्जैन अपनी बेटी और नाती के साथ १३ अप्रैल को पुणे घुमने गई थी।
आरोप है अग्रिशमन यंत्र होता रहा लीकेज, बस कंडक्टर कई घंटे परिजन से करता रहा अभद्रता भाई अजीत वर्मा ने बताया, मां पुष्पा, बहन दीपिका और भांजा आदित्यराज पुणे घुमने गए थे। वहां से उज्जैन आने के लिए तीनों ने अशोक ट्रेवल्स, उज्जैन के लिए ऑनलाइन टिकट बुक की थी। रात में मां ने फोन पर बताया कि बहन और भांजे की तबियत बिगड़ गई है। दोनों को उल्टीयां हो रही है। बस कंडक्टर उनसे अभद्रता कर रहा है। मां ने बताया कि जब वे बस में बैठने पहुंचे तो पता चला की सीट के पास लगे अग्रिशमन यंत्र से गैस का रिसाव हो रहा है। उसमें से अजीब बदबू आ रही है। इस संबंध में उन्होंने बस कंडक्टर को भी बताया। कुछ देर बाद रास्ते में बस खाना खाने के लिए रूकी। यहां परिवार ने सब्जी खरीदी। सब्जी खाने के बाद सभी बस में बैठ गए। आरेाप है इसके बाद भी गैस की बदबू नहीं रूकी। इस वजह से दोनों उल्टीयां करने लगे। जबकि उनकी मां की तबियत ठीक थी। आरोप है रातभर बस कंडक्टर उनसे अभद्रता करता रहा। मां द्वारा फोन पर मिली जानकारी के बाद खुद अजीत नानाखेड़ा स्थित बस सर्विस के ऑफिस पहुंचे। लेकिन ऑफिस बंद मिला। आरोप है ट्रेवल्स वाले को इस संबंध में फोन किया तो वह अभद्रता करने लगा।
सुरक्षित स्थान पर बस रोक एम्बुलेंस बुलाना थी
भाई ने बताया की उन्हें जानकारी मिली है बस में कई लोगों ने इस वजह से उल्टीयां की थी। क्यों बस कंडक्टर और ड्राइवर ने किसी सुरक्षित स्थान पर बस नहीं रोकी। बहन, भांजा हवा में आने के लिए बोलते रहे। लेकिन कंडक्टर ने नहीं सुनी। अभद्रता की जगह कंडक्टर बस रोककर एम्बुलेंस को बुलाकर परिजन को उपचार के लिए हॉस्पिटल भेज सकता था। आरोप है लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। रास्ते में कहीं भी बस नहीं रोकी। वह बस सीधे इंदौर लेकर पहुंचा। तीन ईमली पर ऑटो वाले को आवाज देकर मां, बहन और भांजे को उसमें बैठा दिया। दोनों सदस्य का किस क्लिनिक में उपचार हुआ पता नहीं। इसके बाद जब हालत बिगड़ी तो उन्हें सुयश हॉस्पिटल ले जाया गया। घटना से दुखी मामा ने बताया की उनकी बहन शिक्षिका थी। भांजा आदित्यराज पांचवी का छात्र था। वह परिवार का इकलौता बेटा था। दामाद रतलाम में शिक्षक है।
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