एसडीएम बोले-जमीन के चक्कर में कोर्ट तक नहीं पहुंचे परिवार: विवाद से लड़ाई- झगड़े बढ़ते हैं; नागौर एसडीएम कोर्ट में दिया 501वां फैसला – Nagaur News h3>
नागौर एसडीएम कोर्ट में उपखंड अधिकारी(एसडीएम) गोविंद सिंह भींचर ने आज 501वें जमीन संबंधी प्रकरण का फैसला सुनाया। फैसला सुनाने के बाद एसडीओ गोविंद सिंह भींचर ने भावुक होकर आमजन से कहा कि जमीन के चक्कर में परिवार का सुख और पैसा खत्म नहीं करना चाहिए।
.
बता दें कि नागौर उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर 9 अक्टूबर 2024 को दांतारामगढ़ से ट्रांसफर होकर आए थे। पिछले साढ़े 6 महीने के कार्यकाल में एसडीओ भींचर ने जमीन संबंधी 500 प्रकरणों में फैसला सुनाया।
मंगलवार को एसडीओ भींचर ने 501वां फैसला सुनाया। जमीन संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए गोविंद सिंह भींचर इससे पहले बतौर दांतारामगढ़ उपखंड अधिकारी सीकर जिला कलेक्टर से भी सम्मानित हो चुके हैं।
एसडीओ दफ्तर में गोविंद सिंह भींचर
उपखंड अधिकारी भींचर ने बताया कि उन्होंने पिछले साढ़े 5 महीने में पत्थरगढ़ी संबंधी मामले 26, रास्ता विवाद संबंधित मामले 32, तरनीम शुद्धि संबंधी मामले 39, नामांतरण अपील के 44 मामले, बंटवारा, खातेदारी उद्घोषणा, स्थाई निषेधाज्ञा संबंधी मामले 159, स्टे संबंधित मामले 174 और इसके अलावा जमीन संबंधी अन्य 7 मामलों में फैसला सुनाया है। इस तरह पिछले साढ़े 5 महीनों के लिए सरकार के निर्धारित लक्ष्यों में 147 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल किया हुआ है।
राजस्व मामले के लिए दांतारामगढ़ के तत्कालीन एसडीओ रहते हुए सम्मानित हुए थे गोविंद सिंह भींचर
उपखंड अधिकारी भींचर ने बताया कि वे फैसले के साथ ही हर प्रकरण के वादी-प्रतिवादी से अपील करते हैं कि परिवार में जब सभी सदस्य आपस में राजी व हंसी खुशी से रहे व आपस में लड़ाई झगड़ा न हो उसी समय संयुक्त व पुश्तैनी भूमियों का बंटवारा करवा लिया जाना चाहिए, जिससे परिवार की लड़ाई जमीन के चक्कर में कोर्ट तक ना पहुंचे। परिवार का विवाद कोर्ट में पहुंचता है तो परिवार के सभी सदस्यों को समय और पैसे की हानि होती है।
नागौर उपखंड क्षेत्र का मानचित्र
भींचर बोले- विवाद में बोलचाल बंद हो जाती है, इनसे बचना चाहिए उपखंड अधिकारी भींचर ने कहा कि कोई व्यक्ति जब न्यायालय में अपना वाद या प्रार्थना पत्र लगाता है तो वह बरसों तक चलता है, जिससे सगे भाई-बहन, पिता-पुत्र, माता-पुत्र, दादा-दादी, मामा-मामी, नानी-नाना व अन्य रिश्तेदार व पड़ोसी मिलनसार व्यक्ति से बोलचाल बंद हो जाती है और आपस में विवाद होने से लड़ाई-झगड़े बढ़ते है। इसके अतिरिक्त दोनों पक्षों को भारी आर्थिक नुकसान भी होता है। आखिर में जब न्यायालय द्वारा किसी एक पक्षकार के पक्ष में फैसला हो जाता है तो दूसरा पक्ष उस निर्णय के विरुद्ध अग्रिम न्यायालय में जाकर अपील करता है, इस प्रकार यह मामला अनवरत चलता ही रहता है। इसलिए हमें धन और खुशियों के नुकसान से बचना चाहिए।
यह था 501वां फैसला
एसडीओ गोविंद सिंह भींचर ने बताया कि साडोकन ग्राम पंचायत के फागली का पत्थरगढ़ी से जुड़ा प्रकरण काफी समय से लंबित था। आज रामनिवास बनाम मूली देवी के इस प्रकरण में पत्थरगढ़ी के आदेश जारी कर दिए हैं। फैसले के बाद दोनों पक्ष अब खेत की सीमा तय कर पाएंगे।