एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों को अनजान लड़की बनकर पहले मैसेज फिर न्यूड कॉल कर मांग रहे रुपए | sms | Patrika News h3>
एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों को हनी ट्रैप में फंसाने का जाल फेंक रहे साइबर ठग
मामला यह है कि इन दिनों साइबर ठगों की गैंग प्रदेश के सबसे बड़े सवाईमान सिंह अस्पताल के चिकित्सकों को शिकार बना रही हैं। उन्हें अनजान लड़की बनकर व्हाट्स ऐप पर न्यूड कॉल करके रिकॉर्ड कर रहे है फिर परिजन व मित्रों को रिकॉर्डिंग भेजने की धमकी दे रहे हैं। रुपए नहीं देने पर उन्हें फेसबुक मैसेेंजर के माध्यम से भेज भी रहे है। छवि धूमिल होने के भय से ज्यादातर पीड़ित सामने नहीं आ रहे है। ऐसे कॉल अधिकतर रात के समय ही मिल रहे है। लगातार इसके केस बढ़ते जा रहे है। हालांकि एक चिकित्सक ने इसमें हिम्मत जुटाई और एसएमएस पुलिस थाने में इस संबंध में रिपोर्ट भी दी है। उनका कहना है कि पुलिस भी अभी तक इसमें मददगार साबित नहीं हो सकी है। सामने आया कि वे फेसबुक आइडी से नंबर लेकर शिकार बना रहे है और उसपर ही परिजन व मित्रों को ढूंढकर उन्हें स्क्रीन रेकॉर्डिंग शेयर कर रहे है।
यों बनाया शिकार, पीड़ित चिकित्सक बोले, रुपए नहीं देने पर परिजनों को भेज रहे रिकॉर्डिंग
केस एक
तीन दिन पहले इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर था। रात ग्यारह बजे वीडियो कॉल आया। जिसमें एक युवती न्यूड दिखाई दी। यह देखते ही तुरंत कॉल बंद करदिया। इसके बाद ठग ने व्हाट्स चैट पर स्क्रीन रिकॉर्डिंग भेजकर रुपए मांगने शुरू कर दिए। नहीं देने पर मेरी फेसबुक आइडी से परिचितों व परिजनों के नंबर निकालकर उन्हें भेज दिए। पुलिस में भी शिकायत दी। उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। ऐसे कॉल कई साथी चिकित्सकों के पास भी आ रहे है।
राहुल (परिवर्तित नाम) रेजिडेंट चिकित्सक
केस दो
अनजान नंबर से बात करने का मैसेज आया। उठाया तो, स्क्रीन पर पोर्न वीडियो चल रहा था। कुछ सेकण्ड में उसे कॉल कट किया तो, ठग ने चैट में स्क्रीन रेकॉर्डिंग भेजकर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी। अभी तक दस अनजान नंबर ब्लॉक कर चुका हूं। बार बार नंबर बदलकर कॉल कर रहा है। काफी परेशान हो चुका हंू।
शिवराज(परिवर्तित नाम) रेजिडेंट चिकित्सक
फोन उठाया भी मजबूरी, उठाएंगे ठोस कदम
जार्ड के अध्यक्ष डॉ अमित यादव का कहना है कि कोरोना काल में कई गंभीर मरीज अस्पताल आने से कतरा रहे थे। उस वक्त वीडियो कॉल के माध्यम से सिम्टम्स बता रहे थे। अभी भी कई मरीज ऐसा कर रहे है। इसलिए वीडियो कॉल भी रिसीव करना मजबूरी है। इस तरह की बदमाशी से मरीज भी प्रभावित हो रहे है। कारण कि मरीजों का नंबर भी अनजान ही होता है। हर किसी के सेव नहीं कर सकते। पुलिस को शिकायत दी है। कार्रवाई नहीं होती है तो ठोस कदम उठाएंगे।
इंचार्ज बोलीं, डरे नहीं, हमेें बताए
एसओजी साइबर थाना इंचार्ज पूनम चौधरी ने बताया कि कोविड के बाद से इस तरह के मामले बढ़े है। इनमें छोटे अमाउंट की राशि सबसे पहले वसूली जाती है जो क्यूआर कोड को स्कैन करवाकर ली जाती है इससे खाता भी साफ हो सकता है। ऐसे में किसी भी अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल रिसीव नहीं करनी चाहिए। यदि आपके साथ ऐसा कुछ हो जाता है तो डरें नहीं तत्काल नजदीकी पुलिस थाने या साइबर थाने में रिपोर्ट दें।