एमपी में ट्रांसजेंडर को ओबीसी का दर्जा मिला… शिवराज कैबिनेट के बड़े फैसले जानें

27
एमपी में ट्रांसजेंडर को ओबीसी का दर्जा मिला… शिवराज कैबिनेट के बड़े फैसले जानें

एमपी में ट्रांसजेंडर को ओबीसी का दर्जा मिला… शिवराज कैबिनेट के बड़े फैसले जानें

Shivraj Cabinet Meeting: शिवराज कैबिनेट की मीटिंग में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट ने एमपी राज्य मिलेट मिशन को मंजूरी दी है। इसके साथ ही प्रदेश में ट्रांसजेंडर को ओबीसी का दर्जा मिल गया है।

 

शिवराज सिंह चौहान
भोपाल: मध्यप्रदेश (MP Cabinet Meeting News) में मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के लिए ’मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन’ योजना लागू की जाएगी। योजना का क्रियान्वयन किसान-कल्याण और कृषि विकास सभी जिलों में करेगा। 2023-24 और 2024-25 दो वर्ष अवधि की योजना के लिए 23 करोड़ 25 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पर मुहर लग गई है। इस योजना के तहत किसानों को मोटे अनाज के उन्नत प्रमाणित बीज सहकारी/शासकीय संस्थाओं से 80 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किए जाएंगे।
कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति योजना की मॉनिटरिंग करेगी। मिलेट मिशन योजना की गतिविधियों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मिलेट फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण और विपणन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी। मिलेट को बढ़ावा देने के लिए जिला और राज्य स्तर पर मेले, कार्यशाला, सेमिनार, फूड फेस्टिवल, रोड-शो किए जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित

दरअसल, भारत सरकार के प्रस्ताव के आधार पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री ने मिलेट्स को ग्लोबल मिलेट्स (’श्री अन्न’) नाम दिया है। भारत सरकार इसके लिए कई पहल कर रही है। मध्य प्रदेश कैबिनेट का यह निर्णय की उसकी ही बानगी है।

क्या होते हैं मिलेट्स

मृदा वैज्ञानिक डॉ. शेखर सिंह बघेल ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि मिलेट्स फसलों की खेती प्रायः कम उपजाऊ क्षेत्रों में की जाती है। मिलेट्स यानि की मोटे अनाज में कोदो, कुटकी, रागी, सांवा जैसी फसलें शामिल होती हैं, जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभदायक हैं। इन मिलेट फसलों के महत्व के दृष्टिगत इनको पोषक अनाज का दर्जा दिया गया है। इन फसलों के अनाज आयरन, कैल्शियम, फाइबर आदि से भरपूर होते हैं। साथ ही इनमें वसा का प्रतिशत भी कम होता है, जिससे हृदय रोगी और डायबिटीज रोगियों के लिए इसका प्रयोग सुरक्षित है।

क्यों जरूरी है मोटा अनाज

वर्तमान समय में मिलेट फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने एवं मिलेट फसलों से तैयार व्यंजनों का प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है। मध्यप्रदेश में कोदो-कुटकी, ज्वार एवं रागी के क्षेत्र विस्तार, उत्पादकता एवं उत्पादन वृद्धि की पर्याप्त संभावनाएं हैं। साथ ही मिलेट फसलों के बढ़ते बाजार के दृष्टिगत मूल्य संवर्धन की संभावना भी काफी अधिक है। प्रदेश में शासकीय कार्यक्रमों में जहां भोजन की व्यवस्था की जाती है, एक व्यंजन मोटे अनाज का भी रखा जायेगा। छात्रावास और मिड डे मिल में सप्ताह में एक दिन मोटे अनाज का उपयोग हो, इसकी व्यवस्था की जाएगी।

ट्रांसजेंडर को ओबीसी का दर्जा

कैबिनेट में ट्रांसजेंडर को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की स्वीकृति दी गई है। इन्हें मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 93 के बाद क्रमांक 94 में सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति प्रदान गई की।

कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय

1. मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि का वहन मंडी बोर्ड के बजट प्रावधान के कृषि उपज निर्यात प्रोत्साहन मद से किया जावेगा।
2. उज्जैन में डुंगरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसकी लागत राशि 104 करोड़ 74 लाख रूपये है, इससे 3 हजार हेक्टेयर से 8 ग्रामों को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
3. टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी (हरसी उच्च स्तरीय मुख्य नहर से पोषित) परियोजना को स्वीकृति दी है। इसकी लागत 44 करोड़ 90 लाख रुपए है, जबकि इससे 27 गांवों की 3 हजार 700 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
रिपोर्ट: दीपक राय
इसे भी पढ़ें
गेहूं नहीं ‘सोना’ है यह, इसकी चमक से ‘धन’ वाले बन रहे किसान… जानें काली मिट्टी की ‘रानी’ शरबती की कहानी

आसपास के शहरों की खबरें

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News