एमपी में इस गांव में महिलाओं ने बनाई ‘मसूल सेना’, जानें ऐसा क्या किया कि हर तरफ हो रही चर्चा

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एमपी में इस गांव में महिलाओं ने बनाई ‘मसूल सेना’, जानें ऐसा क्या किया कि हर तरफ हो रही चर्चा

एमपी में इस गांव में महिलाओं ने बनाई ‘मसूल सेना’, जानें ऐसा क्या किया कि हर तरफ हो रही चर्चा

सतना: मध्यप्रदेश के सतना जिले के बड़ा इटमा में शराबबंदी को लेकर महिलाओं ने ऐसा सख्त कदम उठाया है कि उसकी तारीफ हो रही है। कुछ दिन पहले सामाजिक बैठक कर शराब बेचने पर प्रतिबंध लगाते हुए पंचायत ने जुर्माना लगाने का फैसला किया था। पंचायत ने शराब की बिक्री और पीने वालों के साथ ही सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी दी थी। अब गांव की महिलाओं ने शराब पीने वालों को मूसल से सबक सिखाने का निर्णय लिया है। महिलाओं ने मूसल सेना बनाई है।

शराब के खिलाफ महिलाओं ने बढ़ाया कदम

रामनगर ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बड़ा इटमा की महिलाओं ने शराब प्रेमियों को सुधारने के लिए मूसल उठा लिया है। पूरे गांव में शराब की बिक्री नहीं हो इसके लिए मूसल सेना का गठन किया गया है। महिलाओं द्वारा लगातार किए जा रहे नवाचार पर नवाचार के खूब चर्चे हैं। इस संबंध में मूसल मार सेना की महिलाओं ने बताया कि यह कदम उन्होंने शराबियों के हुड़दंग से तंग आकर उठाया है। महिलाओं की यह सेना गांव में बिकने वाली शराब सहित शराब को पीकर हुड़दंग करने वालों पर नकेल कस रही है।

बैठक में जुर्माने की बनी थी रणनीति

बैठक में जुर्माने की बनी थी रणनीति

हाल ही में गठित हुए मूसलमार सेना की महिलाओं का कहना है‌ कि कुछ दिनों पहले ग्राम पंचायत में सभी जनप्रतिनिधियों और ग्राम वासियों ने एक बैठक की थी। महिलाओं ने बताय कि सामाजिक बैठक में जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया था।

शराब की बोतल के साथ नजर आने पर एक्शन

शराब की बोतल के साथ नजर आने पर एक्शन

बैठक में फैसला लिया गया कि यदि ग्राम पंचायत के अंदर कोई व्यक्ति शराब की बोतल के साथ नजर आता है। सार्वजनिक तौर पर शराब पीता नजर आता है तो उस पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। ग्राम पंचायत के द्वारा तय किए गए जुर्माने की राशि अगर नहीं भरी जाती है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

क्यों बनाई मसूल सेना

क्यों बनाई मसूल सेना

अंबेडकर बस्ती के रहवासियों ने बताया था कि ग्राम पंचायत में अवैध शराब की बिक्री ने पूरे गांव का माहौल खराब कर रखा है। बड़ा इटमा के आसपास शराब दुकान नहीं है इससे नजदीकी दुकान गोरसरी में है। जो तकरीबन 10 किलोमीटर दूर है। ऐसे में ग्राम पंचायत में भी कुछ लोग शराब माफियाओं से सांठगांठ कर शराब बेचते हैं।

शराब के कारण होता है हंगामा

शराब के कारण होता है हंगामा

महिलाओं ने बताया कि गांव में अवैध शराब आने से घरों में विवाद बढ़ गया है। जिससे आए दिन लड़ाई झगड़े और परिवारिक कलह के मामले सामने आ रहे हैं। गांव का माहौल सुधारने के लिए जुर्माने और बहिष्कार की कार्यवाही आवश्यक थी। वहीं, अब महिलाएं भी लगातार निरगारी कर रही हैं कि गांव में अवैध रूप से शराब नहीं आने पाए।

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