एमपी के विधायकों को ‘रामचरितमानस’ पढ़ने में दिलचस्पी नहीं, किसी ने नहीं लिया दाखिला, स्पीकर की सलाह भी नहीं माना

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एमपी के विधायकों को ‘रामचरितमानस’ पढ़ने में दिलचस्पी नहीं, किसी ने नहीं लिया दाखिला, स्पीकर की सलाह भी नहीं माना

एमपी के विधायकों को ‘रामचरितमानस’ पढ़ने में दिलचस्पी नहीं, किसी ने नहीं लिया दाखिला, स्पीकर की सलाह भी नहीं माना

हाइलाइट्स

  • रामचरितमानस कोर्स में बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
  • विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की सलाह की भी विधायकों ने नहीं माना
  • कोर्स के लिए अध्यक्ष ने विधायकों को दो बार लिखा था पत्र
  • भोज ओपन यूनिवर्सिटी ने तैयार किया था पाठ्यक्रम

भोपाल
राम (MLA Not Interested In Ramcharitmanas Course) के नाम पर राजनीति तो सभी दल के विधायक खूब करते हैं। मगर विधायकों के अध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए भोपाल स्थित भोज ओपन यूनिवर्सिटी में कुछ पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई थी। ये पाठ्यक्रम रामचरित मानस और भगवदगीता से जुड़े हुए थे। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधायकों को पत्र लिखकर इन कोर्सों को करने का आग्रह किया था। मगर किसी विधायक ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली है।

अब भोज ओपन यूनिवर्सिटी ने कोर्स के लिए फिर से डेट बढ़ा दिया है। 15 जनवरी तक विधायक रामचरितमानस से संबंधित कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। विधायकों को इन कोर्स में दाखिला लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने दो-दो बार खत लिखा है। मगर किसी विधायक ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यूनिवर्सिटी की तरफ से ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद किसी ने रुचि नहीं दिखाई है।

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कोर्स की अनदेखी पर एमपी विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मीडिया से कहा कि मैं विधायकों से आग्रह ही कर सकता हूं। वे लोग कक्षा एक छात्र नहीं हैं कि जबरदस्ती उन्हें क्लास में ले जाकर बैठा दें। सभी समझदार और जिम्मेदार लोग हैं। मैं सिर्फ उन लोगों से आग्रह ही कर सकता हूं। विश्वविद्यालय की तरफ से भी मेरे पास आग्रह पत्र आया है।

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अध्यक्ष ने कहा कि रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ एक बार अगर हम लोग कर लें तो राजनीत में भी बहुत काम आएगा। इस दौरान उन्होंने एक छोटी चौपाई भी पढ़कर उदाहरण भी दिया है। इसलिए मैंने विधायकों से कहा था कि इस तरह की सुविधा मिल रही है तो इसका उपयोग कीजिए।

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गौरतलब है कि एमपी विधानसभा में सदस्यों की संख्या 230 है। इनमें एक दर्जन विधायक पांचवीं पास हैं। कांग्रेस और बीजेपी के विधायक राम के नाम पर राजनीति भी खूब करते हैं। मगर विधायकों के लिए डिजाइनड इस कोर्स में किसी की दिलचस्पी नहीं है।

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