एमडीएम की सफल संचालन को बीआरपी व रसोईयों होंगे प्रशिक्षित
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव :
पीएम पोषण योजना : एमडीएम के सफल संचालन को बीआरपी व रसोईये होंगे प्रशिक्षित
बीआरसी में 40-50 के बैच में रसोईयों को दी जाएगी 4 घंटे की ट्रेनिंग
भोजन आपूर्ति में गुणवत्ता, मात्रा, सुरक्षा, समयबद्धता व पारदर्शिता के रसोईये सीखेंगे गुर
राज्य के 152 मास्टर ट्रेनर हुए प्रशिक्षित
फोटो :
एमडीएम : स्कूल में भोजन करते बच्चे व अन्य।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
पीएम पोषण योजना के सफल संचालन के लिए प्रखंड साधन सेवियों व रसोईयों को प्रशिक्षित किये जाने की रणनीति बनायी गयी है। एमडीएम निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी जिलों के डीपीओ को इस संबंध में पत्र भेजा है। कहा है कि एमडीएम के सफल संचालन के लिए बच्चों की मिलने वाला भोजन की आपूर्ति में गुणवत्ता, मात्रा, सुरक्षा, समयबद्धता व पारदर्शिता का होना जरूरी है। इसके लिए प्रखंड संसाधन सेवियों व रसोईयों को क्षमता संवर्धन के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत है। राज्य स्तर पर 152 मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। ये ट्रेनर जिलास्तरीय प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। जिलास्तरीय ट्रेनर हर प्रखंड के पांच-पांच रसोईयों को प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद सभी बीआरसी में 40-50 के बैच में बांटकर सभी रसोईयों को चार घंटे का प्रशिक्षण देकर खाना बनाने व स्वच्छता बनाए रखने के गुर बताये जाएंगे।
सूबे में 70,804 स्कूल हैं संचालित :
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार नालंदा जिले में 2215 समेत सूबे में 70 हजार 804 स्कूलों में एमडीएम योजना चलाया जा रही है। इनमें नालंदा में 18 समेत सूबे में 458 बीआरपी (प्रखंड साधनसेवी) तैनात हैं। प्रशिक्षण में लैपटॉप व प्रोजेक्टर का इस्तेमाल कर बेहतर तरीके से प्रशिक्षण दिये जाने की योजना बनी है। राज्य स्तर पर प्रशिक्षित दो मास्टर ट्रेनर रसोईया को जिलास्तरीय प्रशिक्षण देने में सहयोग करने व आने-जाने व अल्पाहार के लिए 300 रुपये का भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रति प्रखंड 5-5 रसोईये सह सहायक को प्रशिक्षण स्थल पर आने-जाने व अल्पहार के लिए भी 300 रुपये दिये जाएंगे।
बोले अधिकारी :
बीआरपी व रसोईयों को प्रशिक्षण देने की रणनीति बनायी जा रही है। रोस्टर बनाकर जल्द ही सभी प्रखंड साधनसेवियों व रसोईयों को प्रशिक्षित करा लिया जाएगा। ताकि, बच्चों को एमडीएम में और गुणवत्तापूर्ण भोजन दिलाया जा सके।
अनिल कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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पीएम पोषण योजना : एमडीएम के सफल संचालन को बीआरपी व रसोईये होंगे प्रशिक्षित
बीआरसी में 40-50 के बैच में रसोईयों को दी जाएगी 4 घंटे की ट्रेनिंग
भोजन आपूर्ति में गुणवत्ता, मात्रा, सुरक्षा, समयबद्धता व पारदर्शिता के रसोईये सीखेंगे गुर
राज्य के 152 मास्टर ट्रेनर हुए प्रशिक्षित
फोटो :
एमडीएम : स्कूल में भोजन करते बच्चे व अन्य।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
पीएम पोषण योजना के सफल संचालन के लिए प्रखंड साधन सेवियों व रसोईयों को प्रशिक्षित किये जाने की रणनीति बनायी गयी है। एमडीएम निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी जिलों के डीपीओ को इस संबंध में पत्र भेजा है। कहा है कि एमडीएम के सफल संचालन के लिए बच्चों की मिलने वाला भोजन की आपूर्ति में गुणवत्ता, मात्रा, सुरक्षा, समयबद्धता व पारदर्शिता का होना जरूरी है। इसके लिए प्रखंड संसाधन सेवियों व रसोईयों को क्षमता संवर्धन के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत है। राज्य स्तर पर 152 मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। ये ट्रेनर जिलास्तरीय प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। जिलास्तरीय ट्रेनर हर प्रखंड के पांच-पांच रसोईयों को प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद सभी बीआरसी में 40-50 के बैच में बांटकर सभी रसोईयों को चार घंटे का प्रशिक्षण देकर खाना बनाने व स्वच्छता बनाए रखने के गुर बताये जाएंगे।
सूबे में 70,804 स्कूल हैं संचालित :
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार नालंदा जिले में 2215 समेत सूबे में 70 हजार 804 स्कूलों में एमडीएम योजना चलाया जा रही है। इनमें नालंदा में 18 समेत सूबे में 458 बीआरपी (प्रखंड साधनसेवी) तैनात हैं। प्रशिक्षण में लैपटॉप व प्रोजेक्टर का इस्तेमाल कर बेहतर तरीके से प्रशिक्षण दिये जाने की योजना बनी है। राज्य स्तर पर प्रशिक्षित दो मास्टर ट्रेनर रसोईया को जिलास्तरीय प्रशिक्षण देने में सहयोग करने व आने-जाने व अल्पाहार के लिए 300 रुपये का भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रति प्रखंड 5-5 रसोईये सह सहायक को प्रशिक्षण स्थल पर आने-जाने व अल्पहार के लिए भी 300 रुपये दिये जाएंगे।
बोले अधिकारी :
बीआरपी व रसोईयों को प्रशिक्षण देने की रणनीति बनायी जा रही है। रोस्टर बनाकर जल्द ही सभी प्रखंड साधनसेवियों व रसोईयों को प्रशिक्षित करा लिया जाएगा। ताकि, बच्चों को एमडीएम में और गुणवत्तापूर्ण भोजन दिलाया जा सके।
अनिल कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम
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