एन. रघुरामन का कॉलम: स्ट्रीमिंग की बदलती दुनिया में आप कहां खड़े हैं? h3>
- Hindi News
- Opinion
- N. Raghuraman’s Column Where Do You Stand In The Changing World Of Streaming?
53 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
साल 2021 में एमिली ने अपनी नौकरी छोड़ दी। जो भी जरूरी सामान उसे चाहिए था, उसे पैक करके कार में रखा और अपने बॉयफ्रेंड को अलविदा कहकर घर से निकल गई। और 30 घंटे गाड़ी चलाने के बाद दूर एक छोटे-से अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गई, ताकि ट्विच (Twitch) पर पूरा ध्यान दे सके, ये अमेजन का एक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है।
एमिली अपना स्लीप मास्क हटाती हैं, आईलाइनर लगाती हैं, एनर्जी ड्रिंक खोलती हैं, ब्रेड टोस्ट करती हैं और चीज़ या अंडे के साथ नाश्ता करती हैं। फिर सोफे पर बैठकर सुबह की खबरें या कोई प्रोग्राम देखती हैं। इस दौरान 600 से ज्यादा लोग उन्हें अलग-अलग जगहों से देख रहे होते हैं और एक घंटे में 1100 से ज्यादा लोग उन्हें देखते हैं।
उनके अपार्टमेंट में वॉशरूम ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां कैमरा नहीं है और जब वह वॉशरूम जाती हैं, तो तुरंत खामोशी छा जाती है, और फिर कोई दर्शक टाइप करता है, “एमिली कहां हैं?’ कुछ मिनटों बाद वह वॉशरूम से बाहर आती हैं और कैमरा फिर उनके पीछे-पीछे लग जाता है। पिछले तीन सालों से वह बिना एक दिन का ब्रेक लिए अपने जीवन का खुद ही प्रसारण कर रही हैं। वह कैमरा लेकर ग्रॉसरी स्टोर, ट्रैफिक जंक्शन पर जाती हैं और अनवरत स्क्रीन से बात करती रहती हैं।
हर ग्राहक जो उन्हें देख रहा है, वे इसके लिए 5.99 डॉलर चुका रहे हैं और इस प्लेटफॉर्म पर हर महीने औसतन 10 करोड़ से ज्यादा विजिटर्स हैं। 30-40% की कटौती के बाद एमिली जैसे सेल्फ ब्रॉडकास्टर को भुगतान किया जाता है।
एमिली ट्विच की प्रसिद्ध हस्ती हैं। उनके जैसे क्रिएटर्स, जिन्हें मैराथन स्ट्रीमर्स भी कहते हैं, वे इंटरनेट युग की नई खोज हैं और किसी के व्यक्तिगत जीवन का अलग ही स्तर पेश करते हैं, जहां इंटिमेसी भी है। अमेरिका में पांच में से एक किशोर इस प्लेटफॉर्म पर किसी न किसी को देख रहे हैं या फॉलो कर रहे हैं।
स्ट्रीमर को स्ट्रीमिंग कब शुरू या बंद करनी है, इसका कोई नियम नहीं है। वे अपनी रणनीति खुद तय करते हैं। एमिली जैसे लोगों का खुद के प्रति कमिटमेंट है, जिसने उन्हें नई इंटरनेट अर्थव्यवस्था में सफलता का मॉडल बना दिया है।
22 हजार लोग उन्हें देखते हैं, कभी-कभी ये संख्या घटकर 6 हजार सब्सक्राइबर तक आ जाती है। एक अमेरिकी एनालिटिकल फर्म के अनुसार उनकी बेस इनकम कभी भी 5,000 डॉलर (4.21 लाख रुपए) प्रति माह से कम नहीं रही हैै।
हाल ही में पढ़ी ये स्टोरी सोमवार को मुझे तब याद आ गई, जब मुझे पता चला कि ग्लोबल स्ट्रीमिंग की अगली लहर में भारत पूरी ताकत झोंक रहा है। हमारे देश में भले ही मैराथन स्ट्रीमर्स न हों, लेकिन हमारे पास निश्चित रूप से मैराथन वॉचर्स हैं, जो आईपीएल मैच जैसी किसी भी चीज़ की लाइव स्ट्रीमिंग से अपनी नजरें नहीं हटाते।
अगर ऐसा नहीं है, तो मुझे बताइए कि कैसे कंटेंट बनाने वाले कुछ प्लेटफॉर्म लाखों पेड सब्सक्राइबर्स अपने साथ जोड़ सकते हैं और साल 2024 में कई हजार करोड़ का टर्नओवर हासिल कर सकते हैं? कोविड के बाद, दुनियाभर में हर कोई अकेलेपन को दूर करने के लिए छोटे स्क्रीन पर शिफ्ट हो गया है। और हर प्लेटफॉर्म ने उस स्ट्रीमिंग मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है।
कास्ट और क्रू की हजारों नौकरियां सृजित हुई हैं और स्ट्रीमिंग मार्केट में भारतीय कंटेंट काफी बढ़ा है। एक प्लेटफॉर्म पर भारतीय कंटेंट को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से तीन अरब घंटे व्यूज़ मिलते हैं, जो प्रति सप्ताह 6 करोड़ घंटे के बराबर है।
समय आ गया है, हम समझें कि बदलती स्ट्रीमिंग दुनिया में हम कहां खड़े हैं- मैराथन स्ट्रीमर या मैराथन वॉचर। ये मत भूलें कि दोनों ही मामलों में हमारे समय का निवेश और व्यापार हो रहा है। इसलिए यह हमारे लिए, विशेष रूप से किशोर और युवाओं के लिए अपने हुनर को बेहतर करने और अपने लिए पैसा कमाने की योजना बनाने का समय है।
फंडा यह है कि जब स्ट्रीमिंग दुनिया अपना ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) गिन रही हैै; तब हमें भी स्मार्ट बनकर हिसाब लगाना होगा कि हमारा ROTI (रिटर्न ऑन टाइम इन्वेस्टेड) क्या है। इसलिए स्मार्ट बनें।
खबरें और भी हैं…
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
- Hindi News
- Opinion
- N. Raghuraman’s Column Where Do You Stand In The Changing World Of Streaming?
53 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
साल 2021 में एमिली ने अपनी नौकरी छोड़ दी। जो भी जरूरी सामान उसे चाहिए था, उसे पैक करके कार में रखा और अपने बॉयफ्रेंड को अलविदा कहकर घर से निकल गई। और 30 घंटे गाड़ी चलाने के बाद दूर एक छोटे-से अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गई, ताकि ट्विच (Twitch) पर पूरा ध्यान दे सके, ये अमेजन का एक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है।
एमिली अपना स्लीप मास्क हटाती हैं, आईलाइनर लगाती हैं, एनर्जी ड्रिंक खोलती हैं, ब्रेड टोस्ट करती हैं और चीज़ या अंडे के साथ नाश्ता करती हैं। फिर सोफे पर बैठकर सुबह की खबरें या कोई प्रोग्राम देखती हैं। इस दौरान 600 से ज्यादा लोग उन्हें अलग-अलग जगहों से देख रहे होते हैं और एक घंटे में 1100 से ज्यादा लोग उन्हें देखते हैं।
उनके अपार्टमेंट में वॉशरूम ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां कैमरा नहीं है और जब वह वॉशरूम जाती हैं, तो तुरंत खामोशी छा जाती है, और फिर कोई दर्शक टाइप करता है, “एमिली कहां हैं?’ कुछ मिनटों बाद वह वॉशरूम से बाहर आती हैं और कैमरा फिर उनके पीछे-पीछे लग जाता है। पिछले तीन सालों से वह बिना एक दिन का ब्रेक लिए अपने जीवन का खुद ही प्रसारण कर रही हैं। वह कैमरा लेकर ग्रॉसरी स्टोर, ट्रैफिक जंक्शन पर जाती हैं और अनवरत स्क्रीन से बात करती रहती हैं।
हर ग्राहक जो उन्हें देख रहा है, वे इसके लिए 5.99 डॉलर चुका रहे हैं और इस प्लेटफॉर्म पर हर महीने औसतन 10 करोड़ से ज्यादा विजिटर्स हैं। 30-40% की कटौती के बाद एमिली जैसे सेल्फ ब्रॉडकास्टर को भुगतान किया जाता है।
एमिली ट्विच की प्रसिद्ध हस्ती हैं। उनके जैसे क्रिएटर्स, जिन्हें मैराथन स्ट्रीमर्स भी कहते हैं, वे इंटरनेट युग की नई खोज हैं और किसी के व्यक्तिगत जीवन का अलग ही स्तर पेश करते हैं, जहां इंटिमेसी भी है। अमेरिका में पांच में से एक किशोर इस प्लेटफॉर्म पर किसी न किसी को देख रहे हैं या फॉलो कर रहे हैं।
स्ट्रीमर को स्ट्रीमिंग कब शुरू या बंद करनी है, इसका कोई नियम नहीं है। वे अपनी रणनीति खुद तय करते हैं। एमिली जैसे लोगों का खुद के प्रति कमिटमेंट है, जिसने उन्हें नई इंटरनेट अर्थव्यवस्था में सफलता का मॉडल बना दिया है।
22 हजार लोग उन्हें देखते हैं, कभी-कभी ये संख्या घटकर 6 हजार सब्सक्राइबर तक आ जाती है। एक अमेरिकी एनालिटिकल फर्म के अनुसार उनकी बेस इनकम कभी भी 5,000 डॉलर (4.21 लाख रुपए) प्रति माह से कम नहीं रही हैै।
हाल ही में पढ़ी ये स्टोरी सोमवार को मुझे तब याद आ गई, जब मुझे पता चला कि ग्लोबल स्ट्रीमिंग की अगली लहर में भारत पूरी ताकत झोंक रहा है। हमारे देश में भले ही मैराथन स्ट्रीमर्स न हों, लेकिन हमारे पास निश्चित रूप से मैराथन वॉचर्स हैं, जो आईपीएल मैच जैसी किसी भी चीज़ की लाइव स्ट्रीमिंग से अपनी नजरें नहीं हटाते।
अगर ऐसा नहीं है, तो मुझे बताइए कि कैसे कंटेंट बनाने वाले कुछ प्लेटफॉर्म लाखों पेड सब्सक्राइबर्स अपने साथ जोड़ सकते हैं और साल 2024 में कई हजार करोड़ का टर्नओवर हासिल कर सकते हैं? कोविड के बाद, दुनियाभर में हर कोई अकेलेपन को दूर करने के लिए छोटे स्क्रीन पर शिफ्ट हो गया है। और हर प्लेटफॉर्म ने उस स्ट्रीमिंग मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है।
कास्ट और क्रू की हजारों नौकरियां सृजित हुई हैं और स्ट्रीमिंग मार्केट में भारतीय कंटेंट काफी बढ़ा है। एक प्लेटफॉर्म पर भारतीय कंटेंट को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से तीन अरब घंटे व्यूज़ मिलते हैं, जो प्रति सप्ताह 6 करोड़ घंटे के बराबर है।
समय आ गया है, हम समझें कि बदलती स्ट्रीमिंग दुनिया में हम कहां खड़े हैं- मैराथन स्ट्रीमर या मैराथन वॉचर। ये मत भूलें कि दोनों ही मामलों में हमारे समय का निवेश और व्यापार हो रहा है। इसलिए यह हमारे लिए, विशेष रूप से किशोर और युवाओं के लिए अपने हुनर को बेहतर करने और अपने लिए पैसा कमाने की योजना बनाने का समय है।
फंडा यह है कि जब स्ट्रीमिंग दुनिया अपना ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) गिन रही हैै; तब हमें भी स्मार्ट बनकर हिसाब लगाना होगा कि हमारा ROTI (रिटर्न ऑन टाइम इन्वेस्टेड) क्या है। इसलिए स्मार्ट बनें।
News