एक वैन में 25 बच्चे, खराब हुई तो दूसरी बुलाई: कन्नौज में स्कूली बच्चों की जान से खिलवाड़, अफसरों की कार्रवाई सिर्फ दिखावा – Kannauj News h3>
विकास अवस्थी | कन्नौज6 मिनट पहले
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स्कूली वैनों में ठूंस-ठूंस कर भरे जाते हैं बच्चे।
कन्नौज जिले में स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। छिबरामऊ में दो दिन पहले स्कूली वैन के पलटने की घटना के बावजूद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में नियमों को ताक पर रखकर वैन संचालक एक वाहन में 25 से 28 बच्चों को खतरनाक तरीके से भर रहे हैं।
ताजा मामला ठठिया क्षेत्र का है, जहां एक स्कूली वैन के खराब होने पर चालक ने बच्चों को सड़क किनारे उतार दिया। करीब 25 मिनट तक बच्चे दूसरी वैन का इंतजार करते रहे। अधिकतर वैन एलपीजी गैस से चलती हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यवाही सिर्फ दिखावे तक सीमित है। शहरी क्षेत्रों में वाहनों की जांच की जाती है, लेकिन रिश्वत लेने के बाद नियम-कायदों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। छिबरामऊ के जगतपुर गांव में हुई दुर्घटना के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे बच्चों की सुरक्षा लगातार खतरे में बनी हुई है।
जो वैन पलटी, उसका 4 वर्षों से फिटनेस नहीं
छिबरामऊ के जगतपुर गांव में स्कूली बच्चों को लेकर जा रही जो वैन दो दिन पहले पलट गई थी, उसका 4 वर्षों से फिटनेस नहीं कराया गया। ये बात खुद एआरटीओ इज्या तिवारी ने मीडिया के सामने कही। उन्होंने बताया कि वैन का फिटनेस वर्ष 2020 के बाद से कराया ही नहीं गया। वैन में एलपीजी टैंक लगा पाया गया, जोकि नियम विरुद्ध है। वैन के एक्सीडेंट के बाद विभाग कार्यवाही की खानापूर्ति में जुट गया।
स्कूल संचालक ने खींचा हाथ
जगतपुर गांव में जो स्कूली वैन पलटी, उसमें सभी बच्चे सिकंदरपुर स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल के सवार थे। लेकिन जब एआरटीओ जांच करने पहुंची तो स्कूल संचालक ने कहाकि उनके स्कूल में बच्चों को लाने या ले जाने के लिए न तो कोई वाहन है और न ही किसी वाहन को उन्होंने अनुबंधित कर रखा है। संचालक ने ये कहते हुए भी पल्ला झाड़ लिया कि स्कूल वैन से उनका कोई लेनादेना नहीं है। एक साथ स्कूल आने के लिए बच्चों ने खुद ही वाहन की व्यवस्था की होगी।
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विकास अवस्थी | कन्नौज6 मिनट पहले
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स्कूली वैनों में ठूंस-ठूंस कर भरे जाते हैं बच्चे।
कन्नौज जिले में स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। छिबरामऊ में दो दिन पहले स्कूली वैन के पलटने की घटना के बावजूद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में नियमों को ताक पर रखकर वैन संचालक एक वाहन में 25 से 28 बच्चों को खतरनाक तरीके से भर रहे हैं।
ताजा मामला ठठिया क्षेत्र का है, जहां एक स्कूली वैन के खराब होने पर चालक ने बच्चों को सड़क किनारे उतार दिया। करीब 25 मिनट तक बच्चे दूसरी वैन का इंतजार करते रहे। अधिकतर वैन एलपीजी गैस से चलती हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यवाही सिर्फ दिखावे तक सीमित है। शहरी क्षेत्रों में वाहनों की जांच की जाती है, लेकिन रिश्वत लेने के बाद नियम-कायदों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। छिबरामऊ के जगतपुर गांव में हुई दुर्घटना के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे बच्चों की सुरक्षा लगातार खतरे में बनी हुई है।
जो वैन पलटी, उसका 4 वर्षों से फिटनेस नहीं
छिबरामऊ के जगतपुर गांव में स्कूली बच्चों को लेकर जा रही जो वैन दो दिन पहले पलट गई थी, उसका 4 वर्षों से फिटनेस नहीं कराया गया। ये बात खुद एआरटीओ इज्या तिवारी ने मीडिया के सामने कही। उन्होंने बताया कि वैन का फिटनेस वर्ष 2020 के बाद से कराया ही नहीं गया। वैन में एलपीजी टैंक लगा पाया गया, जोकि नियम विरुद्ध है। वैन के एक्सीडेंट के बाद विभाग कार्यवाही की खानापूर्ति में जुट गया।
स्कूल संचालक ने खींचा हाथ
जगतपुर गांव में जो स्कूली वैन पलटी, उसमें सभी बच्चे सिकंदरपुर स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल के सवार थे। लेकिन जब एआरटीओ जांच करने पहुंची तो स्कूल संचालक ने कहाकि उनके स्कूल में बच्चों को लाने या ले जाने के लिए न तो कोई वाहन है और न ही किसी वाहन को उन्होंने अनुबंधित कर रखा है। संचालक ने ये कहते हुए भी पल्ला झाड़ लिया कि स्कूल वैन से उनका कोई लेनादेना नहीं है। एक साथ स्कूल आने के लिए बच्चों ने खुद ही वाहन की व्यवस्था की होगी।