एक किडनी और एक लीवर किया दान कर बचाई दो जिंदगियां | Donated one kidney and one liver and saved two lives | Patrika News

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एक किडनी और एक लीवर किया दान कर बचाई दो जिंदगियां | Donated one kidney and one liver and saved two lives | Patrika News

एक किडनी और एक लीवर किया दान कर बचाई दो जिंदगियां | Donated one kidney and one liver and saved two lives | Patrika News

परिवार के विशेष आग्रह पर यह परीक्षण एमवायएच के न्यूरोसर्जन डॉ. राकेश गुप्ता द्वारा किया गया। इसके बाद सुबह पहला ग्रीन कॉरिडोर 6.09 बजे से 6.18 बजे तक शैल्बी अस्पताल से चोइथराम अस्पताल के बीच बनाया गया। दूसरा ग्रीन कॉरिडोर सुबह 6.20 से 6.23 बजे तक शैल्बी अस्पताल से सीएचएल के लिए संपन्न हुआ।

इंदौर

Published: June 07, 2022 11:44:58 am

इंदौर. शहर में एक बार फिर अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। यह शहर का 44वां ग्रीन कॉरिडोर है जो शैल्बी अस्पताल से चोइथराम और सीएचएल अस्पताल के लिए बनाया गया। लीवर जहां चोइथराम अस्पताल में भर्ती मरीज को लगाया गया वहीं एक अन्य किडनी शैल्बी अस्पताल के मरीज को लगाई गई। सीएचएल अस्पताल में भेजी गई किडनी तकनीकी कारणों से नहीं लग पाई।
खरगौन के ग्राम दसोड़ा निवासी 52 वर्षीय मायाचंद्र बिरला के अंगदान शैल्बी अस्पताल में संपन्न हुए। रविवार को ब्रेन स्टेम डेथ परीक्षण की प्रक्रिया होने के बाद अंगदान की प्रक्रिया सोमवार को अलसुबह 4 बजे से शुरू की गई। ब्रेन स्टेम डेथ का कार्य शैल्बी अस्पताल के 4 डॉक्टरों ने किया। परिवार के विशेष आग्रह पर यह परीक्षण एमवायएच के न्यूरोसर्जन डॉ. राकेश गुप्ता द्वारा किया गया। इसके बाद सुबह पहला ग्रीन कॉरिडोर 6.09 बजे से 6.18 बजे तक शैल्बी अस्पताल से चोइथराम अस्पताल के बीच बनाया गया। दूसरा ग्रीन कॉरिडोर सुबह 6.20 से 6.23 बजे तक शैल्बी अस्पताल से सीएचएल के लिए संपन्न हुआ। अंगदान की सहमति दिवंगत के बेटे शिशुपाल बिरला और पंकज बिरला ने दी। इस सहमति में परिवार के ही सदस्य नरेंद्र बिरला की महती भूमिका रही। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा व एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित की अगुवाई में यह 44वां अंगदान संपन्न हुआ है। वरीयता सूची के अनुसार लिवर चोइथराम अस्पताल के एक मरीज को जबकि किडनी 40 वर्षीय शैल्बी अस्पताल में ही भर्ती पुरूष रोगी को व दूसरी किडनी सीएचएल के पंजीकृत रोगी को प्रत्यारोपण के लिए बनाया गया।
ब्रेन हेमरेज के कारण किया था भर्ती
52 वर्षीय बिरला को ब्रेन हेमरेज के उपरांत उपचार के लिए बरोठ हॉस्पिटल, सुखलिया भर्ती कराया गया था। बाद में सर्जरी के लिए उन्हें शेल्बी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। उपचार दौरान न्यूरोसर्जन डॉ. अभिषेक सोनगरा द्वारा परिवार को संभावित ब्रेन डेथ के लक्षण की जानकारी दी गई। छोटे बेटे पंकज समेत अन्य परिजनों ने अस्पताल के समक्ष अंगदान का प्रस्ताव रखा गया। पारिवारिक स्वीकृति के उपरांत 4 डॉक्टरों के पैनल द्वारा पहला ब्रेन स्टेम डेथ परीक्षण रविवार सुबह व दूसरा शाम 4 बजे किया।
लीवर व एक किडनी सफलापूर्वक प्रत्यारोपित
अंगों का आवंटन वरीयता सूची के अनुसार लीवर चोइथराम हॉस्पिटल के मरीज को, एक किडनी शेल्बी हॉस्पिटल के मरीज को सोमवार शाम तक सफलतापूर्वक प्रत्योरापित की गई। हालांकि दूसरी किडनी सीएचएल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को तकनीकी कारणों से नहीं लग पाई।
सुबह 5 बजे ग्रीन कॉरिडोर के लिए हुई व्यवस्था
यह पहला अवसर था जब सुबह 5 बजे ही पुलिस प्रशासन ग्रीन कॉरिडोर के लिए अपनी व्यवस्थाओं में लग गया। सारी व्यवस्था एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक अनिल पाटिदार, दिलीप परिहार, गजेंद्र सिंह जादौन, राजावत भदौरिया व उनके यातायात पुलिस दल द्वारा कमान संभाली गई। सूचना मिलने के 36 घंटे तक समन्वयक की भूमिका मुस्कान ग्रुप के जीतू बगानी, संदीपन आर्य, राजेंद माखिजा सहित अन्य रहे।

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