एक्सीडेंट मामलों में ढाई करोड़ से अधिक का क्लेम मिले: इस साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में 90 हजार से ज्यादा मामले निपटाए – Kota News h3>
राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों का निस्तारण करते जिला सेशन न्यायाधीश
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की और से इस साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय पर किया। जिला एवं सेशन न्यायाधीश सत्यनारायण व्यास की अध्यक्षता में लोक अदालत में कुल 15 बेंचों का गठन किया। 11 बेंच कोटा मुख्यालय पर रामगंज मण्डी,
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अतिरिक्त जिला सत्र/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायाधीश गीता चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन प्रकरणों, विभिन्न न्यायालयों व राजस्व विवाद, उपभोक्ता विवाद,एवं अन्य अधिकरणों आयोग, मंचों, आथोरिटी,आयुक्त, प्राधिकारियों के क्षेत्राधिकार से संबधित लम्बित प्रकरणों को कोटा जिले पर 15 बैंचों का गठन किया गया। आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कोटा जिले में लंबित प्रकरणों के कुल 39,588 प्रकरण व राजस्व प्रकरणों सहित प्री-लिटिगेशन के 54,225 मामले निस्तारित किए गए। इस प्रकार कुल 93,813 मामले निस्तारित किए गए।
राष्ट्रीय लोक अदालत में लगी लंबी कतारे
न्यायाधीश गीता चौधरी ने बताया कि एमएसीटी क्रम 1/2 न्यायालय व श्रम न्यायालय, श्रम आयुक्त कोटा के प्रकरणों के निस्तारण गठित बैंच संख्या 3 में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण क्रम-1 से संबंधित मामले का राजीनामा से निस्तारण किया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण कम-1, कोटा के कुल 129 प्रकरण राजीनामे में रखे गये थे, जिनमें से कुल 40 प्रकरणों को राजीनामे के आधार पर निस्तारित किया गया। प्रकरणों में कुल 2,72,42,000 रुपए की राशि अधिकरण में लम्बित याचिकाओं से वसूली प्रार्थना-पत्र को प्रार्थीगण को राजीनामे के आधार पर दिलवाई गई। निस्तारित प्रकरणों में से एक प्रकरण में दुर्घटना में घायल होने पर फरियादी के द्वारा क्लेम प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमे फरियादी को इंश्योरेंस कम्पनी से समझाइश की गई। प्रकरण में उभयपक्षो के मध्य 15,00,000 रुपए में राजीनामा होने पर प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित किया।
अधिकरण के अन्य प्रकरण में एक व्यक्ति की 7 सितंबर 2024 को सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के वारिसान आश्रित गण के द्वारा क्लेम प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमें अप्रार्थी इंश्योरेंस कम्पनी की ओर से उपस्थिति के उपरान्त राजीनामा की सम्भावना होने पर प्री-काउंसलिंग कराई गई। उभयपक्षो के मध्य 41,00,000 रुपए में राजीनामा होने पर प्रकरण को राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित किया गया।