एके-47 सहित कई हथियार रखता था कुख्यात बदमाश मुख्तार, उस पर दर्ज थे 56 केस | Mukhtar Malik had stepped into the world of crime by weekly recovery | Patrika News h3>
दरअसल मुख्तार मलिक भोपाल की अदालत में 1995 में खुलेआम गोलीबारी करने के बाद वह सुर्खियों में आया था। उसके श्यामला हिल्स रुस्तम खां आहाता और पुराने शहर में घर हैं, जहां वो अपनी पत्नी शीबा के साथ रहता था। पुराने शहर में रिश्तेदारों के घर के पास उसने ठिकाना बनाया था। मलिक वर्ष 1982 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ रायसेन, भोपाल के विभिन्न थानों में 56 केस दर्ज थे।
शुरुआती दिनों में वह हफ्ता वसूली और अड़ीबाजी जैसे अपराध करता था। बाद में उसने विवादित प्रॉपर्टी डीलिंग, जमीन पर कब्जा करने, कब्जा दिलाने, मछली ठेके जैसे काम शुरू कर दिए। इस दौरान हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा जैसे संगीन मामले उस पर दर्ज होते चले गए। मुख्तार मलिक के पास एके-47 से लेकर विदेशी माउजर, रिवाल्वर, ऑटोमेटिक पिस्टल जैसे आधुनिक हथियार मौजूद थे। हाल ही में पुलिस ने इनमें से कई उससे बरामद किए थे।
हाईकोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा
वर्ष 1995 में भोपाल अदालत में मुन्ने पेंटर गिरोह के साथ हुई गैंगवार में तीन बदमाश मारे गए थे। इस मामले में हाईकोर्ट ने मुख्तार मलिक, आसिफ मामू को फांसी की सजा सुनाई थी। तब सजा सुनते ही मुन्ने पेंटर, मुख्तार मलिक, आसिफ मामू हाईकोर्ट से फरार हो गए थे। बाद में सभी ने आत्मसमर्पण कर दिया था। अपील की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था।
कोहेफिजा में मचाया था आतंक
आखिरी बार शहर में कोहेफिजा इलाके में स्थित अहमदाबाद पैलेस में प्राइवेट बिल्डर अमलतास ग्रुप से जुड़े जमीन विवाद को लेकर पिछले दिनों दो गुटों में जमकर विवाद हुआ। पुलिस ने मुख्तार मलिक, पर केस दर्ज किया था। मुख्तार मलिक तभी से फरार चल रहा था।
पुलिस ने तोड़ा था पुराना मकान
दो साल पहले पुलिस ने मुख्तार के अहाता रुस्तम खां स्थित मकान को भी तोड़ दिया था। क्राइम ब्रांच ने आखिरी बार रायसेन के गौहरगंज स्थित एक रिसोर्ट से फरार चल रहे मुख्तार को गिरफ्तार किया था। उसके पास से कई हथियार बरामद हुए थे।
शव कोहेफिजा के फ्लैट पर लाए फिर गौहरगंज ले गए
पीएम के बाद मुख्तार मलिक का शव शुक्रवार शाम भोपाल के कोहेफिजा में प्राइड हाइट््स स्थित घर लाया गया। गौहरगंज के कब्रिस्तान में शव को दफनाने ले जाया गया।
पटवा को धमकाया, जेलर पर भी चलवाई थी गोली
मुख्तार 1990 में तत्कालीन सीएम सुंदरलाल पटवा तक को धमका चुका था। 1996 में इसने फिरौती के लिए रायसेन जिले के तीन बच्चों का अपहरण किया था। हालांकि, पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उसके साथियों का एनकाउंटर करते हुए बच्चों को छुड़ा लिया था।
मुख्तार जेल में मोबाइल चलाने, नॉनवेज सहित दूसरी सुविधाएं अपने हिसाब से मांगता था। इंदौर जेल में बंद रहने के दौरान उसने युवा डिप्टी जेलर को मुंहमांगा पैसा देने का ऑफर किया था। भोपाल जेल में भी उसने पीडी श्रीवास्तव को पैसे का लालच देकर मुंह बंद रखने कहा था। श्रीवास्तव ने जब सख्ती की तो उन पर गोली चलवा दी गई थी। इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे।
चल रहा था फरार
कोहेफिजा इलाके में स्थित अहमदाबाद पैलेस में जमीन विवाद विवाद को लेकर पिछले दिनों दो गुटों में जमकर विवाद हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से गोलियां चल गईं। इस घटना की वजह से इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। दो कारों में तोडफोड़ भी कर दी गई।
दोनों पक्षों ओर से करीब 14-15 लोग झगड़े में शामिल थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। पुलिस ने चंद्रशेखर पांडे की तरफ से दर्ज कराई शिकायत पर कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक और उसके साथियों पर केस दर्ज किया था। मुख्तार मलिक तभी से फरार चल रहा था। दो साल पहले पुलिस ने मुख्तार के अहाता रुस्तमखां स्थित मकान को भी तोड़ दिया था।
दरअसल मुख्तार मलिक भोपाल की अदालत में 1995 में खुलेआम गोलीबारी करने के बाद वह सुर्खियों में आया था। उसके श्यामला हिल्स रुस्तम खां आहाता और पुराने शहर में घर हैं, जहां वो अपनी पत्नी शीबा के साथ रहता था। पुराने शहर में रिश्तेदारों के घर के पास उसने ठिकाना बनाया था। मलिक वर्ष 1982 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ रायसेन, भोपाल के विभिन्न थानों में 56 केस दर्ज थे।
शुरुआती दिनों में वह हफ्ता वसूली और अड़ीबाजी जैसे अपराध करता था। बाद में उसने विवादित प्रॉपर्टी डीलिंग, जमीन पर कब्जा करने, कब्जा दिलाने, मछली ठेके जैसे काम शुरू कर दिए। इस दौरान हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा जैसे संगीन मामले उस पर दर्ज होते चले गए। मुख्तार मलिक के पास एके-47 से लेकर विदेशी माउजर, रिवाल्वर, ऑटोमेटिक पिस्टल जैसे आधुनिक हथियार मौजूद थे। हाल ही में पुलिस ने इनमें से कई उससे बरामद किए थे।
हाईकोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा
वर्ष 1995 में भोपाल अदालत में मुन्ने पेंटर गिरोह के साथ हुई गैंगवार में तीन बदमाश मारे गए थे। इस मामले में हाईकोर्ट ने मुख्तार मलिक, आसिफ मामू को फांसी की सजा सुनाई थी। तब सजा सुनते ही मुन्ने पेंटर, मुख्तार मलिक, आसिफ मामू हाईकोर्ट से फरार हो गए थे। बाद में सभी ने आत्मसमर्पण कर दिया था। अपील की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था।
कोहेफिजा में मचाया था आतंक
आखिरी बार शहर में कोहेफिजा इलाके में स्थित अहमदाबाद पैलेस में प्राइवेट बिल्डर अमलतास ग्रुप से जुड़े जमीन विवाद को लेकर पिछले दिनों दो गुटों में जमकर विवाद हुआ। पुलिस ने मुख्तार मलिक, पर केस दर्ज किया था। मुख्तार मलिक तभी से फरार चल रहा था।
पुलिस ने तोड़ा था पुराना मकान
दो साल पहले पुलिस ने मुख्तार के अहाता रुस्तम खां स्थित मकान को भी तोड़ दिया था। क्राइम ब्रांच ने आखिरी बार रायसेन के गौहरगंज स्थित एक रिसोर्ट से फरार चल रहे मुख्तार को गिरफ्तार किया था। उसके पास से कई हथियार बरामद हुए थे।
शव कोहेफिजा के फ्लैट पर लाए फिर गौहरगंज ले गए
पीएम के बाद मुख्तार मलिक का शव शुक्रवार शाम भोपाल के कोहेफिजा में प्राइड हाइट््स स्थित घर लाया गया। गौहरगंज के कब्रिस्तान में शव को दफनाने ले जाया गया।
पटवा को धमकाया, जेलर पर भी चलवाई थी गोली
मुख्तार 1990 में तत्कालीन सीएम सुंदरलाल पटवा तक को धमका चुका था। 1996 में इसने फिरौती के लिए रायसेन जिले के तीन बच्चों का अपहरण किया था। हालांकि, पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उसके साथियों का एनकाउंटर करते हुए बच्चों को छुड़ा लिया था।
मुख्तार जेल में मोबाइल चलाने, नॉनवेज सहित दूसरी सुविधाएं अपने हिसाब से मांगता था। इंदौर जेल में बंद रहने के दौरान उसने युवा डिप्टी जेलर को मुंहमांगा पैसा देने का ऑफर किया था। भोपाल जेल में भी उसने पीडी श्रीवास्तव को पैसे का लालच देकर मुंह बंद रखने कहा था। श्रीवास्तव ने जब सख्ती की तो उन पर गोली चलवा दी गई थी। इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे।
चल रहा था फरार
कोहेफिजा इलाके में स्थित अहमदाबाद पैलेस में जमीन विवाद विवाद को लेकर पिछले दिनों दो गुटों में जमकर विवाद हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से गोलियां चल गईं। इस घटना की वजह से इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। दो कारों में तोडफोड़ भी कर दी गई।
दोनों पक्षों ओर से करीब 14-15 लोग झगड़े में शामिल थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। पुलिस ने चंद्रशेखर पांडे की तरफ से दर्ज कराई शिकायत पर कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक और उसके साथियों पर केस दर्ज किया था। मुख्तार मलिक तभी से फरार चल रहा था। दो साल पहले पुलिस ने मुख्तार के अहाता रुस्तमखां स्थित मकान को भी तोड़ दिया था।