एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बोलूं या गुंडा मंत्री? रोशनी शिंदे से अस्पताल में मिलकर उद्धव ने दिया विवादित बयान

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एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बोलूं या गुंडा मंत्री? रोशनी शिंदे से अस्पताल में मिलकर उद्धव ने दिया विवादित बयान

एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बोलूं या गुंडा मंत्री? रोशनी शिंदे से अस्पताल में मिलकर उद्धव ने दिया विवादित बयान


अनिल कुमार शुक्ल, ठाणे: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट करने को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे समर्थकों के बीच मारपीट मामला बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार रात शिंदे समर्थक करीब 20 महिलाओं ने ठाकरे गुट के युवा सेना की महिला विंग से जुड़ी रोशनी दीपक शिंदे की पिटाई कर दी थी। जख्मी रोशनी का इलाज एक निजी अस्पताल में जारी है। मंगलवार को उद्धव, रश्मि और आदित्य ठाकरे उनके मिलने अस्पताल पहुंचे। घटना के बाद सांसद राजन विचारे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मामला दर्ज कराने के लिए कासरवडवली पुलिस स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।

रोशनी की तरफ से घटना की लिखित शिकायत पुलिस से की गई है। रोशनी घोडबंदर रोड स्थित एक शो रूम में कार्यरत हैं। शोरूम में ही रोशनी के साथ मारपीट की गई। मारपीट की घटना की एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से नाराज उद्धव ठाकरे समर्थक बुधवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय पर मोर्चा निकालेंगे। सांसद विनायक राउत ने बताया है कि इस दौरान पुलिस आयुक्त के कार्यालय में ताला लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री या गुंडा मंत्री?: उद्धव ठाकरे
रोशनी से मुलाकात के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ने मुख्यमंत्री शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री बोलूं या गुंडा मंत्री? यह जनता तय करेगी। उन्होंने राज्य के गृह मंत्री को लाचार बताते कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को नपुंसक बताए जाने का हवाला देते कहा कि जब सरकार ही नपुंसक है, तो उससे कोई उम्मीद कैसे की जा सकती है?

जिस ठाणे शहर की पहचान महिलाओं की रक्षा करने वाले शिवसैनिकों के रूप में थी, जिसे धर्मवीर आनंद दिघे का शहर कहा जाता है, आज उसे गुंडों का ठिकाना बनाने की कोशिश हो रही है। महिलाएं गुंडागर्दी करने लगी हैं। इसके बाद उद्धव आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग लेकर ठाणे पुलिस कमिश्नर जयजीत सिंह से मिलने पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे, लेकिन आयुक्त उस वक्त ऑफिस में मौजूद नहीं थे। इस दौरान, उनके साथ सांसद राजन विचारे, विनायक राउत, ठाणे अध्यक्ष केदार दिघे मौजूद थे।

गर्भवती रोशनी को लात-घूसों से पीटा: विचारे
राजन विचारे ने आरोप लगाया है कि गर्भवती शिंदे की लात-घूसों से पिटाई की गई। उनके पेट पर लात मारी गई। सीसीटीवी फुटेज में सब दिख रहा है, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया, सिर्फ शिकायत पत्र लिया। सरकारी अस्पताल में जांच के लिए गईं, तो वहां भी स्टाफ टालमटोल करता रहा। विचारे ने कहा कि क्या महिला पर जानलेवा हमला दिवंगत बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के विचारों के साथ आगे बढ़ना है? उन्होंने कहा कि अगर रोशनी को कुछ हुआ, तो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होगी।

शिकायत पत्र में 20 नामजद
रोशनी ने पुलिस को दिए शिकायत पत्र में बताया है कि शिंदे समर्थक दत्ताराम गवस ने उद्धव ठाकरे पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट की थी। इसके जवाब में शिंदे ने कॉमेंट किया था। आरोप है कि इसके बाद गवस ने रोशनी पर व्यक्तिगत टिप्पणी की, तो रोशनी ने उसका जवाब दिया। इसके बाद उन्हें फोन पर धमकी दी गई। रोशनी ने गलतफहमी के लिए माफी भी मांगी, लेकिन शिंदे समर्थक महिलाएं ऑफिस में घुसीं और जानलेवा हमला किया। रोशनी ने पत्र में पूर्व नगरसेविका नम्रता भोसले के अलावा, पूजा तिडके, प्रियंका मसूरकर, प्रतीक्षा विचारे, हर्षाली शिंदे, रोहिणी ठाकुर, अनघा पवार और सिद्धार्थ ओवलेकर सहित 20 लोगों के नाम लिखे हैं।

इससे पहले कांग्रेस पदाधिकारी की पिटाई
इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने ठाणे कांग्रेस के एक पदाधिकारी की पिटाई कर दी थी। कांग्रेस पदाधिकारी ने कथित तौर पर शिंदे के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट की थी। इसके बाद शिवसेना उप विभाग प्रमुख बंटी वाडकर और उनके सहयोगियों ने उन पर हमला किया था।

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