एआई से रसायन विज्ञान में हुआ डिजिटल नवाचार

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एआई से रसायन विज्ञान में हुआ डिजिटल नवाचार

एआई से रसायन विज्ञान में हुआ डिजिटल नवाचार

दरभंगा के एमएलएसएम कॉलेज में पीजी रसायन विज्ञान विभाग द्वारा ‘भविष्य के लिए विज्ञान’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि प्रो. प्रतीक कुमार झा ने रासायनिक विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की…

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाTue, 8 Oct 2024 07:47 PM
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दरभंगा। एमएलएसएम कॉलेज में मंगलवार को पीजी रसायन विज्ञान विभाग के तत्वावधान में भविष्य के लिए विज्ञान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन बर्सर डॉ. अनिल कुमार चौधरी की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि आईआईटी, रुड़की में केमिकल इंजीनियरिंग के शिक्षक प्रो. प्रतीक कुमार झा ने विषय पर प्रकाश डालते हुए विस्तार से मानव सभ्यता के विकास के क्रम में बिग बैंक थ्योरी से लेकर आधुनिक दौर के विकास आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को अगले विकासवादी स्तर पर लाने के लिए रासायनिक विज्ञान में अपेक्षित छलांग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल रसायन विज्ञान की शुरुआत और परिपक्वता का विश्लेषण किया गया है।

विश्लेषणात्मक विवरण शीर्ष 20 एआई आधारित प्रौद्योगिकियों और सात व्यापक विषयों का चयन करता है और उन पर प्रकाश डालता है जो क्षेत्र को नया आकार दे रहे हैं। यह अनुसंधान विधियों, शैक्षिक को बढ़ाने में मशीन लर्निंग, बिग डेटा, डिजिटल ट्विन्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक प्लेटफॉर्म, रासायनिक प्रक्रियाओं का स्मार्ट नियंत्रण, आभासी वास्तविकता और ब्लॉकचेन जैसे कई अन्य डिजिटल उपकरणों के एकीकरण को रेखांकित करता है।

विभागीय व्याख्याता डॉ. आनन्द मोहन झा ने कहा कि रसायन विज्ञान में दृष्टिकोण और औद्योगिक प्रथाएं, इस अध्ययन का महत्व इसके केंद्रित अवलोकन में निहित है कि कैसे ये डिजिटल नवाचार रासायनिक विज्ञान में अधिक कुशल, टिकाऊ और नवीन भविष्य को बढ़ावा देते हैं। यह लेख न केवल इन प्रौद्योगिकियों के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाता है, बल्कि रसायन विज्ञान में नए रास्ते भी बनाता है, जो शोधकर्ताओं, शिक्षकों और उद्योग के पेशेवरों को क्षेत्र में समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए इन प्रगतियों को अपनाने के लिए एक व्यापक दिशा देता है।

रसायन विभागाध्यक्ष डॉ. लोक नाथ झा ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि एक शिक्षक के लिये इससे ज्यादा गर्व का क्षण क्या होगा जब उनके मार्गदर्शन में पढ़ा छात्र उनके सामने मुख्य अतिथि बनकर व्याख्यान देने के उपस्थित हो। कार्यक्रम का संचालन भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. कालिदास झा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आनन्द मोहन झा ने किया। इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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