ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का चित्तौड़गढ़ दौरा: लापरवाह कंपनी को टर्मिनेट करने के निर्देश, RDSS योजना की समीक्षा की – Chittorgarh News h3>
राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर आज रविवार को चित्तौड़गढ़ जिले के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधियों और ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ प्रगति की समीक्षा की। बैठक में RDSS के अंतर्गत चल रहे कार्यों की स्थिति पर
.
बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि RDSS जैसी महत्त्वपूर्ण योजना की प्रगति बेहद धीमी है, और इस योजना के तहत अब तक मात्र 4 प्रतिशत ही फिजिकल प्रगति दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत नई 9 जीएसएस (गिरिड सबस्टेशन) की स्थापना, ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नए फीडरों की स्थापना जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य निर्धारित किए गए थे। अब तक कंपनी धनलक्ष्मी इंटरप्राइजेज ने एक भी जीएसएस स्थापित नहीं किया है। इससे नाराज होकर ऊर्जा मंत्री नागर ने संबंधित कंपनी को टर्मिनेट करने का आदेश जारी किया।
उन्होंने कहा, “यह योजना प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बेहद जरूरी है। यदि किसी कंपनी को डेढ़-दो साल पहले ठेका मिला और अब तक वह कार्य नहीं कर रही है, तो यह न केवल उसकी लापरवाही है, बल्कि विभाग की भी कमजोरी है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।” ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लापरवाह कंपनी को टर्मिनेट कर तुरंत नया टेंडर जारी किया जाए। इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि कार्य की लिस्ट एंड कोस्ट के अनुसार नई एजेंसी को जल्द जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि निर्धारित समय में लक्ष्य पूरे किए जा सके।
गांवों में बिजली व्यवस्था को लेकर भी दिए निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में फीडर सेपरेशन के तहत जो कार्य होने हैं, उनमें तेजी लाई जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर चिंता जताई और कहा कि कई गांवों में डोमेस्टिक ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो चुके हैं, जिससे बिजली आपूर्ति में बाधा आती है। उन्होंने इन ट्रांसफार्मरों को जल्द बदलने के निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा, “जहां सिंगल फेस फीडर की जरूरत है, वहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। किसानों को भी समय पर बिजली मिले, इसके लिए बकाया एग्रीकल्चर कनेक्शन जून-जुलाई तक पूरे कर लिए जाएं।”
उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने डिमांड नोटिस दे रखे हैं, उन्हें समय पर कनेक्शन देने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। साथ ही गर्मी के मौसम को देखते हुए बिजली विभाग के अभियंताओं को चौकन्ना रहकर काम करने के निर्देश भी दिए, ताकि आमजन को बिजली संकट का सामना न करना पड़े।
विभागीय लापरवाही पर जताई नाराजगी
ऊर्जा मंत्री ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि जिन ठेकेदारों को काम दिए गए थे, उन्होंने समय पर कार्य नहीं किया और फिर भी विभाग ने उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की यह निष्क्रियता भी चिंता का विषय है। अब इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समयबद्ध तरीके से सभी योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में निर्बाध और गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति हो।
सांसद और विधायकों ने भी रखी अपनी बातें
इस समीक्षा बैठक में चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, बेगूं विधायक सुरेश धाकड़, और कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर उपस्थित रहे। जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की बिजली समस्याओं को मंत्री के सामने रखा।
विधायकों ने बताया कि कई क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर बार-बार जल जाते हैं, बिजली सप्लाई में बार-बार रुकावट आती है, और कई गांव अब भी अघोषित कटौती का सामना कर रहे हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री ने विभाग को सभी समस्याओं का समयबद्ध समाधान करने के निर्देश दिए।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर बिजली विभाग के एमडी के. पी. वर्मा, मुख्य अभियंता इंद्रराज मीणा, और चित्तौड़गढ़ के एसई रामसिंह यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने मंत्री को जिले में चल रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और समस्याओं से अवगत कराया।