ऊंट के मुंह में जीरा.. सिर्फ भाषण… जिस बजट पर फूले नहीं समा रहे योगी, उस पर अखिलेश-मायावती ने इतना सुना दिया

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ऊंट के मुंह में जीरा.. सिर्फ भाषण… जिस बजट पर फूले नहीं समा रहे योगी, उस पर अखिलेश-मायावती ने इतना सुना दिया

ऊंट के मुंह में जीरा.. सिर्फ भाषण… जिस बजट पर फूले नहीं समा रहे योगी, उस पर अखिलेश-मायावती ने इतना सुना दिया


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लिए सत्र 2023-24 का बजट पेश हो चुका है। सत्तारूढ़ योगी आदित्यनाथ की सरकार इस बजट पर फूले नहीं समा रही है। सीएम योगी से लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और तमाम मंत्री तारीफों के पुल बांध रहे हैं। लेकिन इसी बजट को बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ऊंट के मुंह में जीरा बताया है। इतना ही नहीं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बजट को दिशाहीन करार देते हुए कहा कि इसमें किसी भी समस्या को सुलझाने का तरीका नहीं है।

मायावती ने कहा, ‘यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित और जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा। क्या इस अवास्तविक बजट से यहाँ की जनता का हित और कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।’

BSP सुप्रीमो ने कहा, ‘यूपी भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों और दावों को ध्यान में रखकर यहाँ महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों?’

उन्होंने कहा, ‘यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे और दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार और जुमलेबाजी। बजट ऊँट के मुँह में जीरा।’
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मायावती ने कहा, ‘लोगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रति व्यक्ति आय में अपेक्षित वृद्धि, रोजगार व सरकारी भर्ती आदि तो दूर, उन पर कर्ज का बढ़ता बोझ सरकार की गलत नीतियों व प्राथमिकताओं का प्रमाण। कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकार, दावों एवं प्रचारों के विपरीत, हर मोर्चे पर विफल हो रही है।’

वहीं सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट भी दिशाहीन है। बजट में न आज की समस्याओं का समाधान है और न भविष्य की संभावना है। खेती, किसान, नौजवान के लिए कुछ नहीं है। बजट निराशाजनक है और यह महिलाओं, किसानों, नौजवान को निराश करने वाला है।

पूर्व सीएम अखिलेश बोले कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने की बात करते हैं, लेकिन वह बताएं कि प्रदेश की विकास दर क्या है? क्या इस विकास दर से यूपी की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर हो पाएगी। सिर्फ भाषण देने और बोल देने से ही नहीं हो जाता है।
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अखिलेश यादव ने कहा कि गन्ना किसानों के साथ लगातार धोखा हुआ है। मां गंगा की सफाई का वादा झूठा साबित हुआ। सिर्फ बिल्डिंग बना देने से मेडिकल कॉलेज नहीं बन जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं, ईज आफ डूइंग क्राइम है। ईज ऑफ डूइंग मुकदमा है। जो सच दिखाएगा और बोलेगा उस पर मुकदमा हो जाएगा।

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