उफरौल गांव : महादलित टोलें में एक भी चापाकल नहीं, पानी के लिए मचा हाहाकार
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उफरौल गांव : महादलित टोलें में एक भी चापाकल नहीं, पानी के लिए मचा हाहाकार
नल-जल की बोरिंग से बगल के घरों तक ही पहुंचता है पानी
कई जगह नल-जल का पाइप में है लीकेज, देखने वाला कोई नहीं
नल-जल का टावर बना हुआ है शोभा की वस्तु
फोटो :
उफरौल वाटर : रहुई प्रखंड के उफरौल में निजी चापाकल के पास पानी भरतीं महिलाएं।
चमरु मांझी : चमरु मांझी
जितेन्द्र मांझी : जितेन्द्र मांझी
रेखा देवी : रेखा देवी
निभा देवी : निभा देवी
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
रहुई प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर सुपासंग पंचायत के वार्ड नंबर आठ का उफरौल गांव है। इस गांव की आवादी करीब एक हजार है। महादलित टोले में एक भी सरकारी चापाकल नहीं है। पानी की एक-एक बूंद के लिए हाहाकार मचा हुआ है। महादलित टोले के लोग चाहकर भी पानी की व्यवस्था करने में सफल नहीं हो रहे हैं। महादलित टोले में एक भी सरकारी चापाकल लगाने के लिए किसी फरिश्ता का इंतजार कर रहे हैं। ताकि, कम से कम पीने का पानी की व्यव्स्था हो सके।
यहां के लोगों के लिए नल-जल ही पानी का एकमात्र साधन है। लेकिन, कई माह से नल-जल से अधिकतर घरों को पानी नहीं मिल रहा है। कई जगहों पर पाइप लीकेज है। इस कारण नल-जल की बोरिंग की जगह से 100 मीटर दूर तक भी पानी नहीं पहुंच रहा है। महादलित टोले में महज एक निजी चापाकल है। इसी से लोग पानी का जुगाड़ कर रहे हैं। ग्रामीण काशी मांझी, ज्वाला मांझी, द्वारिका मांझी, लखन मांझी, कुसुम देवी, ललिता देवी व अन्य ने बताया कि पानी का टावर महज दिखाने के लिए बनाये गयी है। एक भी दिन सेनटेक्स में पानी भरकर आपूर्ति नहीं करायी गयी है।
टूटा है पाइप :
दर्जनों जगह नल-जल का पाइप टूटा हुआ है। सड़क पर पानी बहता रहता है। लेकिन, सभी घरों तक पानी नही मिल रहा है। मोटर जब बंद होता है तो गंदा पानी सोख लेता है। जब मोटर चालू होता है तो कभी-कभार गंदा पानी ही निकलता है। उपेन्द्र मांझी, अमृत मांझी व अन्य ने बताया कि पहले पानी घरों तक पहुंचता था। लेकिन, कई माह से पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा है। कई घरों में पानी पहुंचता भी है तो बिजली कट जाने के बाद तो पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है। महादलित टोले में चापाकल लगाने की जरूरत है। ताकि, पानी की वैकल्पिक व्यवस्था बनी रहे।
आये थे सीएम नीतीश कुमार:
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार इस गांव के महादलित टोले की विकास का जायजा लिया था। उस वक्त कई दिनों तक जिले के वरीय अधिकारी कैंप कर नल-जल का टावर का निर्माण, पीसीसी ढलाई, आवास योजना के तहत बने मकानों की गली की तरफ रंगाई-पुताई करायी गयी थी। लोगों में उम्मीद जगी थी। पानी की व्यवस्था सभी दिनों के लिए करा दी गयी है। लेकिन, कुछ ही दिन बाद पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है। जनसंवाद कार्यक्रम के बाद जिले या प्रखंड के कोई भी अधिकारी इस गांव में महादलितों का हाल जानने नहीं गए।
बोले अधिकारी :
नल-जल का लीकेज पाइप की मरम्मत करायी जाएगी। चापाकल लगाने के लिए विभाग को सूचना दी जाएगी। ताकि, सभी लोगों को आसानी से पानी की सुविधा उपलब्ध हो सके।
उपेन्द्र कुमार, कनीय अभियंता, पीएचईडी
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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उफरौल गांव : महादलित टोलें में एक भी चापाकल नहीं, पानी के लिए मचा हाहाकार
नल-जल की बोरिंग से बगल के घरों तक ही पहुंचता है पानी
कई जगह नल-जल का पाइप में है लीकेज, देखने वाला कोई नहीं
नल-जल का टावर बना हुआ है शोभा की वस्तु
फोटो :
उफरौल वाटर : रहुई प्रखंड के उफरौल में निजी चापाकल के पास पानी भरतीं महिलाएं।
चमरु मांझी : चमरु मांझी
जितेन्द्र मांझी : जितेन्द्र मांझी
रेखा देवी : रेखा देवी
निभा देवी : निभा देवी
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
रहुई प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर सुपासंग पंचायत के वार्ड नंबर आठ का उफरौल गांव है। इस गांव की आवादी करीब एक हजार है। महादलित टोले में एक भी सरकारी चापाकल नहीं है। पानी की एक-एक बूंद के लिए हाहाकार मचा हुआ है। महादलित टोले के लोग चाहकर भी पानी की व्यवस्था करने में सफल नहीं हो रहे हैं। महादलित टोले में एक भी सरकारी चापाकल लगाने के लिए किसी फरिश्ता का इंतजार कर रहे हैं। ताकि, कम से कम पीने का पानी की व्यव्स्था हो सके।
यहां के लोगों के लिए नल-जल ही पानी का एकमात्र साधन है। लेकिन, कई माह से नल-जल से अधिकतर घरों को पानी नहीं मिल रहा है। कई जगहों पर पाइप लीकेज है। इस कारण नल-जल की बोरिंग की जगह से 100 मीटर दूर तक भी पानी नहीं पहुंच रहा है। महादलित टोले में महज एक निजी चापाकल है। इसी से लोग पानी का जुगाड़ कर रहे हैं। ग्रामीण काशी मांझी, ज्वाला मांझी, द्वारिका मांझी, लखन मांझी, कुसुम देवी, ललिता देवी व अन्य ने बताया कि पानी का टावर महज दिखाने के लिए बनाये गयी है। एक भी दिन सेनटेक्स में पानी भरकर आपूर्ति नहीं करायी गयी है।
टूटा है पाइप :
दर्जनों जगह नल-जल का पाइप टूटा हुआ है। सड़क पर पानी बहता रहता है। लेकिन, सभी घरों तक पानी नही मिल रहा है। मोटर जब बंद होता है तो गंदा पानी सोख लेता है। जब मोटर चालू होता है तो कभी-कभार गंदा पानी ही निकलता है। उपेन्द्र मांझी, अमृत मांझी व अन्य ने बताया कि पहले पानी घरों तक पहुंचता था। लेकिन, कई माह से पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा है। कई घरों में पानी पहुंचता भी है तो बिजली कट जाने के बाद तो पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है। महादलित टोले में चापाकल लगाने की जरूरत है। ताकि, पानी की वैकल्पिक व्यवस्था बनी रहे।
आये थे सीएम नीतीश कुमार:
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार इस गांव के महादलित टोले की विकास का जायजा लिया था। उस वक्त कई दिनों तक जिले के वरीय अधिकारी कैंप कर नल-जल का टावर का निर्माण, पीसीसी ढलाई, आवास योजना के तहत बने मकानों की गली की तरफ रंगाई-पुताई करायी गयी थी। लोगों में उम्मीद जगी थी। पानी की व्यवस्था सभी दिनों के लिए करा दी गयी है। लेकिन, कुछ ही दिन बाद पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है। जनसंवाद कार्यक्रम के बाद जिले या प्रखंड के कोई भी अधिकारी इस गांव में महादलितों का हाल जानने नहीं गए।
बोले अधिकारी :
नल-जल का लीकेज पाइप की मरम्मत करायी जाएगी। चापाकल लगाने के लिए विभाग को सूचना दी जाएगी। ताकि, सभी लोगों को आसानी से पानी की सुविधा उपलब्ध हो सके।
उपेन्द्र कुमार, कनीय अभियंता, पीएचईडी
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