उप्र बन रहा स्टार्टअप व नवाचार का नया केंद्र,जानिए कैसे | New Center Of Startup In Uttar Pradesh | Patrika News

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उप्र बन रहा स्टार्टअप व नवाचार का नया केंद्र,जानिए कैसे | New Center Of Startup In Uttar Pradesh | Patrika News

उप्र बन रहा स्टार्टअप व नवाचार का नया केंद्र,जानिए कैसे | New Center Of Startup In Uttar Pradesh | Patrika News

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जीबीसी-3 में रु 80,000 करोड़ से अधिक के 1406 औद्योगिक प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई, जिनमे कई बड़े प्रोजेक्ट महत्वाकांक्षी मेक-इन-इण्डिया कार्यक्रम और नवाचार (इनोवेशन) से जुड़े हुए हैं। इन आयोजन में देश के प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए थे जिनमे गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला, निरंजन हीरानंदानी, मैथ्यू आइरीज़, विजय शेखर शर्मा आदि शामिल थे।

इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि कई निवेशकों ने अपने गैर-परंपरागत और अत्याधुनिक तकनीक के प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश को चुना। उप्र की विशाल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा युवाओं का है, जो व्यापार व उत्पादन की अपनी नई सोच को आकार देना चाहते हैं। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र सरकार द्वारा निवेश और नवाचार उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई नीतियों की वजह से यह संभव हो सका कि ऐसे प्रस्तावों को उप्र में बिना किसी अड़चन के जमीन पर उतारने का मौका मिला।

जिन कुल 1,406 निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया, उनमें लगभग 85 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) श्रेणी (रु 50 करोड़ से कम) में हैं, जबकि अधिकांश मेगा निवेश डेटा सेंटर (25 प्रतिशत) जैसे नवोदय क्षेत्रों में आ रहे हैं। अन्य निवेश परियोजनाएं कृषि एवं सम्बद्ध सेक्टर (14 प्रतिशत), आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स (10 प्रतिशत), अवस्थापना सुविधाएं (8.2 प्रतिशत), मैन्युफैक्चरिंग (8 प्रतिशत), हथकरघा एवं टेक्सटाइल (7 प्रतिशत), नवीकरणीय ऊर्जा (6 प्रतिशत) जैसे क्षेत्रों में हैं। यह निवेश राज्य के पश्चिम क्षेत्र (73 प्रतिशत), पूर्वांचल (12 प्रतिशत), मध्यांचल (11 प्रतिशत) और बुंदेलखंड क्षेत्र (4 प्रतिशत) में किया जा रहा है।

इस आयोजन में शुरू की गई परियोजनाओं में से कई अपरंपरागत क्षेत्रों में अभिनव व्यावसायिक प्रकृति की हैं। इनमें एक उत्साहवर्धक प्रस्ताव ड्रोन / यू ए वी के निर्माण को लेकर है। वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश में विकसित किए जा रहे डिफेन्स इंडस्ट्रियल कॉरिडर के कारण राज्य में ड्रोन और यूएवी के निर्माण को प्रोत्साहन मिला है। न्यू स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज प्रा. लि., एलन एंड अल्वन प्रा. लि. जैसे स्टार्टअप्स ने हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट यूएवी, एयर लॉन्च फ्लेक्सिबल,हैवी लिफ्ट ड्रोन और ड्रोन सुरक्षा प्रणाली परियोजनाएं स्थापित करने के लिए उनके गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ को चुना है।

इसी प्रकार 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की मांग में भारी वृद्धि के बाद उत्तर प्रदेश में विभिन्न वायु पृथक्करण (एयर सेपरेशन) संयंत्र स्थापित किए गए हैं, या किए जा रहे हैं। इस सेक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने मई-2021 में ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति घोषित की, जिसके अंतर्गत निवेश के 100 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी तथा स्टाम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति जैसे आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं। ऑक्सीजन तथा अन्य औद्योगिक गैसों के उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित करने के लिए जीबीसी-3 में रु 500 करोड़ रुपये की कुल सात परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है।

कुछ उल्लेखनीय निवेशकों में फ्रांस की एयर लिक्विड द्वारा रु 300 करोड़ का निवेश किया जा रहा है और आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स रु 150 करोड़ का निवेश कर रही है। इसी प्रकार रोबाटिक्स एवं वेयरहाउस ऑटोमेशन प्रौद्योगिकी के विकास के लिए एडवर्ब टेक्नालॉजीज के रु 500 करोड़ के निवेश और एनटीपीसी की 20 मेगावाट प्रत्येक की दो फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं जैसी अन्य नवीन परियोजनाएं भी इस आयोजन का हिस्सा थीं। उत्तर प्रदेश के देश में नवाचार, स्टार्टअप और अत्याधुनिक तकनीक से जुड़े उद्योग लगाने में पसंदीदा प्रदेश बनने का एक उत्साहवर्धक संकेत है।



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