उन्नाव पुलिस का डिजिटल कदम:553 मोबाइल और 39 टैबलेट से विवेचक करेंगे ऑनलाइन जांच, साक्ष्य होंगे सुरक्षित h3>
उन्नाव पुलिस ने अपराध की जांच को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल युग में प्रवेश किया है। पुलिस विभाग ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक से लैस किया है। जिले में तैनात दारोगाओं और बीट सिपाहियों को मोबाइल फोन दिए गए हैं। थानेदारों और इंस्पेक्टरों को टैबलेट मिले हैं। कुल 553 मोबाइल फोन और 39 टैबलेट का वितरण किया गया है। पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर की पहल से यह तकनीकी सुविधा मिली है। विभाग ने “ई-साक्ष्य ऐप” की भी शुरुआत की है। इस ऐप से विवेचक मुकदमों की जांच ऑनलाइन कर सकेंगे। डिजिटल व्यवस्था से जांच में तेजी आएगी
नई व्यवस्था से पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचकर तुरंत साक्ष्य एकत्रित कर सकेंगे। हत्या, लूट और डकैती जैसे गंभीर अपराधों में यह विशेष रूप से उपयोगी होगा। साक्ष्य डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे। विवेचकों को साक्ष्य जुटाने के लिए अलग-अलग जगह नहीं जाना पड़ेगा। इस डिजिटल व्यवस्था से जांच में तेजी आएगी। साक्ष्य नष्ट होने का जोखिम कम होगा। अपराधियों तक पहुंचना आसान होगा। पूरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित हो जाएगी। पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि उन्नाव पुलिस को डिजिटल करने का यह प्रयास राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि “अब विवेचना में तेजी आएगी और अपराधियों पर शिकंजा कसना और आसान हो जाएगा। डिजिटल उपकरणों का सही इस्तेमाल करने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।” रोकथाम और जांच पहले से अधिक प्रभावी होगी
एएसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग में तकनीकी संसाधनों के इस्तेमाल से अब अपराध की रोकथाम और जांच पहले से अधिक प्रभावी होगी। बीट सिपाहियों को भी मोबाइल फोन दिए गए हैं, जिससे वे अपने क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकें और तत्काल सूचना उच्च अधिकारियों को दे सकें। पुलिस विभाग ने तय किया है कि सभी अधिकारियों और विवेचकों को मोबाइल और टेबलेट के सही उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए जिले के पुलिस लाइन में विशेष वर्कशॉप आयोजित की जाएगी, जहां पुलिसकर्मियों को “ई-साक्ष्य ऐप” और अन्य डिजिटल टूल्स का उपयोग सिखाया जाएगा। डिजिटल विवेचना से होंगे ये बड़े फायदे:
1. ऑनलाइन सुरक्षित रहेंगे केस से जुड़े दस्तावेज – मुकदमों से जुड़ी सभी जानकारी डिजिटल रूप से संग्रहीत की जाएगी, जिससे कोई भी फाइल या सबूत खोने की संभावना नहीं रहेगी।
2. तेजी से होगी जांच प्रक्रिया – अब विवेचकों को अलग-अलग स्थानों पर जाकर साक्ष्य इकट्ठा करने की जरूरत नहीं होगी।
3. भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक – डिजिटल रिकॉर्डिंग से जांच पारदर्शी होगी और किसी भी तरह की हेरफेर की संभावना कम हो जाएगी।
4. अपराधियों तक जल्द पहुंचेगी पुलिस – घटनास्थल पर त्वरित साक्ष्य एकत्र करने से अपराधियों को पकड़ना आसान होगा। डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में बड़ा कदम
सीओ सोनम सिंह ने बताया कि “डिजिटल पुलिसिंग से अपराध नियंत्रण और विवेचना में पारदर्शिता आएगी। अब सभी विवेचक मौके पर ही सबूत एकत्र कर सकेंगे और उन्हें सुरक्षित डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड कर सकेंगे।”
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