उनसे मिलने की खुशी में घबराहट होने लगी… पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी कहानी सुनाने वाली सुनीता आदिवासी कौन? h3>
श्योपुर: एमपी के कराहल में पीएम नरेंद्र मोदी ने सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी के मंच पर आकर सेल्फ हेल्प ग्रुप की दो महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी सुनाई थी। इनमें से एक सहरिया आदिवासी सुनीता (sheopur sunita adiwasi success story) भी थी। सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़कर सुनीता और उसके परिवार की तकदीर बदल गई है। पीएम मोदी के मंच से सफलता की कहानी सुनाने वाली सुनीता सहरिया ने नवभारत टाइम्स.कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। उन्होंने बताया है कि कैसे कभी दूसरे के घरों में वह 30 रुपये की मजदूरी करती थी।
सुनीता आदिवासी ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने की खुशी में पहले तो मैं डर गई थी। पहली बार हम इतने बड़े नेता और देश के मुखिया से मिल रहे थे। खुशी के मारे में मुझे घबराहट होने लगी थी। उनसे बात करने में थोड़ा मुझे डर लग रहा था। सुनीता उस इलाके में सेल्फ हेल्प ग्रुप का संचालन करती हैं। अपने साथ-साथ वह कई महिलाओं की जिंदगी संवार रही हैं। सुनीता आदिवासी ने कहा कि हमारी महीने की कमाई 70-85 हजार रुपये तक है। पहले मैं दूसरे के घरों में सिर्फ 30 रुपये हर दिन की मजदूरी करती थी।
उन्होंने कहा है कि मैं पहले एक सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी। वहां से मैंने काम करने का तरीखा सीखा। इसके बाद महिलाओं का एक समूह बनाया और काम करना शुरू कर दिया। आज मैं अपने क्षेत्र की महिलाओं को खुद के पैर पर खड़े करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। वहीं, प्रधानमंत्री के सामने आने के लिए आपने कोई तैयारी की। इस पर सुनीता आदिवासी ने कहा कि मैंने कोई तैयारी नहीं की। यह तो मेरा हर दिन का काम है। मुझे पहले तो बताया भी नहीं गया है।
सुनीता आदिवासी ने कहा कि कराहल में जब पीएम मोदी का कार्यक्रम तय हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने बिना पूछे मेरा नाम दे दिया। मुझे दो दिन बाद बताया गया कि मुझे प्रधानमंत्री के सामने बोलना है। सुनीता कहा कि अब पति भी सर्विस में हैं। साथ ही बच्चा भी सर्विस करता है और बच्ची अभी पढ़ाई कर रही है। अब मैं दूसरी महिलाओं को भी मोटिवेट कर रही हूं।
फोर व्हीलर से घूमती है सुनीता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सफलता की कहानी सुनाने वाली सुनीता कभी पाई-पाई के लिए मोहताज रहती थी। आज वह कार से घूमती है। सुनीता ने बताया कि वह सेल्फ हेल्फ ग्रुप से 2014 में जुड़ी थी। इसके बाद से लगातार आगे बढ़ रही है। पहले सुनीता ने लोन लेकर आटा चक्की लगाया था। इसके बाद उसे लौटा दिया। फिर लोन लेकर बोर करवाया और खेती शुरू कर दी। आज सुनीता के पास अमरूद का बगान है।
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सुनीता आदिवासी ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने की खुशी में पहले तो मैं डर गई थी। पहली बार हम इतने बड़े नेता और देश के मुखिया से मिल रहे थे। खुशी के मारे में मुझे घबराहट होने लगी थी। उनसे बात करने में थोड़ा मुझे डर लग रहा था। सुनीता उस इलाके में सेल्फ हेल्प ग्रुप का संचालन करती हैं। अपने साथ-साथ वह कई महिलाओं की जिंदगी संवार रही हैं। सुनीता आदिवासी ने कहा कि हमारी महीने की कमाई 70-85 हजार रुपये तक है। पहले मैं दूसरे के घरों में सिर्फ 30 रुपये हर दिन की मजदूरी करती थी।
उन्होंने कहा है कि मैं पहले एक सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी। वहां से मैंने काम करने का तरीखा सीखा। इसके बाद महिलाओं का एक समूह बनाया और काम करना शुरू कर दिया। आज मैं अपने क्षेत्र की महिलाओं को खुद के पैर पर खड़े करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। वहीं, प्रधानमंत्री के सामने आने के लिए आपने कोई तैयारी की। इस पर सुनीता आदिवासी ने कहा कि मैंने कोई तैयारी नहीं की। यह तो मेरा हर दिन का काम है। मुझे पहले तो बताया भी नहीं गया है।
सुनीता आदिवासी ने कहा कि कराहल में जब पीएम मोदी का कार्यक्रम तय हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने बिना पूछे मेरा नाम दे दिया। मुझे दो दिन बाद बताया गया कि मुझे प्रधानमंत्री के सामने बोलना है। सुनीता कहा कि अब पति भी सर्विस में हैं। साथ ही बच्चा भी सर्विस करता है और बच्ची अभी पढ़ाई कर रही है। अब मैं दूसरी महिलाओं को भी मोटिवेट कर रही हूं।
फोर व्हीलर से घूमती है सुनीता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सफलता की कहानी सुनाने वाली सुनीता कभी पाई-पाई के लिए मोहताज रहती थी। आज वह कार से घूमती है। सुनीता ने बताया कि वह सेल्फ हेल्फ ग्रुप से 2014 में जुड़ी थी। इसके बाद से लगातार आगे बढ़ रही है। पहले सुनीता ने लोन लेकर आटा चक्की लगाया था। इसके बाद उसे लौटा दिया। फिर लोन लेकर बोर करवाया और खेती शुरू कर दी। आज सुनीता के पास अमरूद का बगान है।
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