उत्तर रेलवे के लखनऊ समेत 11 मंडलों में टेंडरिंग प्रक्रिया में ई-आक्शन कार्यप्रणाली लागू | E-auction system implemented in railways | Patrika News

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उत्तर रेलवे के लखनऊ समेत 11 मंडलों में टेंडरिंग प्रक्रिया में ई-आक्शन कार्यप्रणाली लागू | E-auction system implemented in railways | Patrika News

उत्तर रेलवे के लखनऊ समेत 11 मंडलों में टेंडरिंग प्रक्रिया में ई-आक्शन कार्यप्रणाली लागू | E-auction system implemented in railways | Patrika News

उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल की वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया के लाभों के अंतर्गत विक्रेता अपने क्रेताओं को ऑनलाइन माध्यम से बोली के लिए आमंत्रित करेगा। इससे प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि न्यूनतम समय में आक्शन कार्य संपन्न किया जा सकेगा और पारदर्शिता होने के कारण आपसी विश्वास बढेगा।

लखनऊ

Published: April 18, 2022 09:21:28 pm

आधुनिकीकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही भारतीय रेल के परिप्रेक्ष्य में उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने एक नयी पहल करते हुए वाणिज्य विभाग द्वारा किसी निर्धारित कार्य का ठेका देने की प्रक्रिया को अब ई-आक्शन (E-Auction) प्रणाली के तहत प्रारंभ किया जाएगा I यह प्रणाली पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में भारतीय रेल के 11 मंडलों मुम्बई, आसनसोल, दिल्ली, लखनऊ (उत्तर रेलवे), लखनऊ (पूर्वोत्तर रेलवे), वाराणसी, चेन्नई, सिकंदराबाद, चक्रधरपुर, बेंगलूरू तथा अहमदाबाद में लागू की जा रही हैI

www.IREPS.gov.in पर लॉगिन करें उत्तर रेलवे की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत ई-आक्शन में भाग लेने के लिए संभावित बोलीदाता या पार्टी को www.IREPS.gov.in पर जाकर स्वयं को ई-आक्शन मॉडयूल में पंजीकृत कराना होगा। उन्होंने बताया कि यह मॉड्यूल के लिए पहले से हैं,उन्हें भी अपने आप को वाणिज्यिक नीलामी मॉड्यूल(Commercial Auction Module) के लिए नामांकन कराना होगा।

10 हजार शुल्क+GST जमा करना होगा

वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि ई-आक्शन के पंजीकरण के लिए एक मुश्त पंजीकरण शुल्क 10 हजार रुपए और साथ में जीएसटी भी जमा कराना होगा। जिसकी धन वापसी नहीं होगी। ऑनलाइन करना होगा भुगतान
पंजीकरण शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा I पंजीकरण हो जाने के बाद, वेंडर किसी भी ज़ोन के ई-आक्शन ठेके के लिए बोली लगा सकता है। इस प्रक्रिया के द्वारा पार्किंग, लीजिंग एवं पब्लिसिटी ठेके के ई-आक्शन किये जायेंगे।

क्लाउड बेस आधारित है प्रक्रिया
वाणिज्य प्रबंधक ने बताया कि यह प्रक्रिया क्लाउड बेस पर आधारित है। अतः इससे सम्बंधित समस्त सूचनाओं को अधिक सुरक्षित एवं गोपनीय रखा जा सकेगा, वेंडर किसी भी स्थान से बिना किसी अतिरिक्त माध्यम के सीधा अपने विक्रेता के संपर्क में रहेगा साथ ही इस प्रक्रिया के द्वारा रेल-राजस्व में भी वृद्धि होगी I

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