‘उज्जवला योजना से फ्री में सिलेंडर मिला, 600 रुपये वृद्धा पेंशन मिलता है, गैस भरवा लिया तो खाऊंगी क्या’ h3>
भोपाल : प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गरीबों को सिलेंडर और चूल्हा दिया गया था। पहली बार गरीबों को सिलेंडर फ्री में दिया गया था। एक आंकड़े के मुताबिक 2021-22 में 90 लाख उज्जवला योजना के लाभुकों ने दूसरी बार सिलेंडर नहीं भरवाया। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने उज्जवला योजना के कुछ लाभुकों से बात की है। उन्होंने बताया है कि अगर हजार रुपये का सिलेंडर लूंगा तो खाउंगा क्या। भोपाल के रोशनपुरा स्लम एरिया में रहने वाली रामकली बाई को उज्जवला योजना (Ujjwala yojana beneficiaries pain) के तहत सिलेंडर मिला है। वह सिलेंडर को कोने में रख लकड़ी पर खाना पकाती हैं।
रामकली बाई ने कहा कि मुझे हर महीने छह सौ रुपये वृद्धा पेंशन मिलता है। क्या मुझे इतने पैसे में सिलेंडर मिल सकता है और मैं बिजली बिल भर सकती हूं। एक साल पहले मैंने एक बार गैस सिलेंडर भरवाया था। उन्होंने कहा कि सिलेंडर मुझे सरकार की तरफ से फ्री में मिला था लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मैं लकड़ी पर खाना बनाती हूं। अगर मैंने गैस सिलेंडर भरवाया तो मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं बचेगा।
यह कहानी अकेले रामकली की नहीं है। 90 लाख से अधिक उज्जवला योजना के लाभुकों ने पूरे देश में 2021-22 में अपना सिलेंडर नहीं भरवाया। वहीं, 1.08 करोड़ ऐसे लोग रहे हैं, जो पूरे फाइनेंसियल इयर में सिर्फ एक बार सिलेंडर भरवाया है। यह जानकारी आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने आरटीआई के तहत दी है। नीमच के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौर ने यह जानकारी मांगी थी। इसमें यह बताया कि मार्च 2021 तक जो कनेक्शन दिए गए थे, उनमें से 65 लाख लोगों ने 2021-22 में सिलेंडर नहीं भरवाया। आईओसीएल ने यह भी बताया कि इसी फाइनेंसियल इयर में 52 लाख लोगों ने एक ही बार सिलेंडर बरवाया है।
वहीं, इसी तरह से एचपीसीएल ने बताया कि 2021-22 में 27.58 लाख लोगों ने एक ही बार सिलेंडर भरवाया। साथ ही बीपीसीएल ने कहा कि 28.56 लाख लोगों ने ही साल 2021-22 में अपना सिलेंडर भरवाया। इसके साथ ही 15.96 लाख लोगों ने कोई सिलेंडर नहीं भरवाया। सरकारी क्षेत्र की कंपनियों ने जानकारी दी कि उज्जवला योजना के तहत 8.99 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें से 90 लाख लोगों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया।
वहीं, भोपाल की अनुपमा दुबे ने बताया कि मेरे पति और मैं सिंगर हूं। हमलोग एमपी पर्यटन निगम के रेस्टोरेंट में गाते थे। कोरोना काल के दौरान कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है। इस तरह से हमलोगों ने अपना जॉब खो दिया। कोविड के दौरान सारी चीजें महंगी हो रही थीं। पेट्रोल और एलपीजी की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हमें समस्या पता है कि मैं कैसे परिवार चला रही हूं।
अनिल योगी ने कहा कि सरकार पेट्रोल और एलपीजी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ करें। इनकी कीमतें बढ़ने से सारी चीजें महंगी हो गई हैं। धर्मेंद्र पटेल ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन वाले को इससे फर्क नहीं पड़ता है। मगर जिनके पास लिमिटेड इनकम हैं, वो महंगाई की बोझ तले दबे हैं।
उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News
रामकली बाई ने कहा कि मुझे हर महीने छह सौ रुपये वृद्धा पेंशन मिलता है। क्या मुझे इतने पैसे में सिलेंडर मिल सकता है और मैं बिजली बिल भर सकती हूं। एक साल पहले मैंने एक बार गैस सिलेंडर भरवाया था। उन्होंने कहा कि सिलेंडर मुझे सरकार की तरफ से फ्री में मिला था लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मैं लकड़ी पर खाना बनाती हूं। अगर मैंने गैस सिलेंडर भरवाया तो मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं बचेगा।
यह कहानी अकेले रामकली की नहीं है। 90 लाख से अधिक उज्जवला योजना के लाभुकों ने पूरे देश में 2021-22 में अपना सिलेंडर नहीं भरवाया। वहीं, 1.08 करोड़ ऐसे लोग रहे हैं, जो पूरे फाइनेंसियल इयर में सिर्फ एक बार सिलेंडर भरवाया है। यह जानकारी आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने आरटीआई के तहत दी है। नीमच के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौर ने यह जानकारी मांगी थी। इसमें यह बताया कि मार्च 2021 तक जो कनेक्शन दिए गए थे, उनमें से 65 लाख लोगों ने 2021-22 में सिलेंडर नहीं भरवाया। आईओसीएल ने यह भी बताया कि इसी फाइनेंसियल इयर में 52 लाख लोगों ने एक ही बार सिलेंडर बरवाया है।
वहीं, इसी तरह से एचपीसीएल ने बताया कि 2021-22 में 27.58 लाख लोगों ने एक ही बार सिलेंडर भरवाया। साथ ही बीपीसीएल ने कहा कि 28.56 लाख लोगों ने ही साल 2021-22 में अपना सिलेंडर भरवाया। इसके साथ ही 15.96 लाख लोगों ने कोई सिलेंडर नहीं भरवाया। सरकारी क्षेत्र की कंपनियों ने जानकारी दी कि उज्जवला योजना के तहत 8.99 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें से 90 लाख लोगों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया।
वहीं, भोपाल की अनुपमा दुबे ने बताया कि मेरे पति और मैं सिंगर हूं। हमलोग एमपी पर्यटन निगम के रेस्टोरेंट में गाते थे। कोरोना काल के दौरान कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है। इस तरह से हमलोगों ने अपना जॉब खो दिया। कोविड के दौरान सारी चीजें महंगी हो रही थीं। पेट्रोल और एलपीजी की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हमें समस्या पता है कि मैं कैसे परिवार चला रही हूं।
अनिल योगी ने कहा कि सरकार पेट्रोल और एलपीजी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ करें। इनकी कीमतें बढ़ने से सारी चीजें महंगी हो गई हैं। धर्मेंद्र पटेल ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन वाले को इससे फर्क नहीं पड़ता है। मगर जिनके पास लिमिटेड इनकम हैं, वो महंगाई की बोझ तले दबे हैं।