ई-बाइक हादसा, पीड़ित परिवार को मिली आर्थिक मदद: तहसीलदार ने घर पहुंचकर 1 लाख का चेक दिया, 4 लाख खाते में जमा होंगे – Ratlam News

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ई-बाइक हादसा, पीड़ित परिवार को मिली आर्थिक मदद:  तहसीलदार ने घर पहुंचकर 1 लाख का चेक दिया, 4 लाख खाते में जमा होंगे – Ratlam News

ई-बाइक हादसा, पीड़ित परिवार को मिली आर्थिक मदद: तहसीलदार ने घर पहुंचकर 1 लाख का चेक दिया, 4 लाख खाते में जमा होंगे – Ratlam News

रतलाम शहर के पीएनटी कॉलोनी में ई-बाइक हादसे में मृतका के परिजनों को कलेक्टर राजेश बाथम ने शनिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत कर दी। यह राशि सीधे मृतका के बैंक खाते में जमा होगी। रेडक्रास की तरफ से 1 लाख रुपए सहायता राशि का चेक शाम के

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बता दें कि 3 जनवरी की रात पीएनटी कॉलोनी निवासी भागवत मोरे के घर में ई-बाइक में ब्लास्ट हो गया था। घर में आग लग गई थी। हादसे में भागवत मोरे की नातिन अंतरा पिता दीपक चौधरी निवासी वड़ोदरा गुजरात की मौत हो गई थी। भागवत मोरे भी झुलस गए थे। मृतका अंतरा विंटर वेकेशन की छुट्टियां मनाने अपने नाना भागवत मोरे के यहां आई थी।

ई-बाइक की बैटरी में ब्लास्ट की वजह से घर क्षतिग्रस्त हो गया।

एफएसएल टीम जांच में जुटी इस घटनाक्रम की जांच पुलिस व एफएसएल टीम कर रही है। एफएसएल टीम यह जानने में लगी है बैटरी में कैसे ब्लास्ट हुआ? एफएसएल टीम ने कुछ पाइंट बनाए हैं उनके आधार पर जांच होगी। जो पाइंट बनाए हैं उनमें बैटरी ओवर चार्जिंग से बर्स्ट हुई या अन्य कोई कारण रहा है। बैटरी को चार्ज करते समय कितना करंट चाहिए। कितने घंटे बैटरी को चार्ज करना चाहिए, आदि पाइंट की जानकारी अलग-अलग ई-बाइक कंपनी के टेक्नीशियन से ले रही है।

एफएसएल अधिकारी अतुल मित्तल ने बताया कि अलग-अलग टेक्नीशियन से बैटरी से जुड़ी चीजों का बायलॉज लिया जा रहा है। जिससे पता चल सकेगा बैटरी में ब्लास्ट का क्या कारण रहा होगा। प्राथमिक जांच में बैटरी में ही ब्लास्ट से आग लगने का कारण सामने आ रहा है।

हादसे में 11 साल की बच्ची अंतरा की मौत हुई थी।

NEWS4SOCIALने उठाया था मुद्दा बता दें कि 10 जनवरी को दैनिक NEWS4SOCIALने ‘जिस घर में ई-बाइक ब्लास्ट से मौत, उसमें रहना छोड़ा: रतलाम में टेंट में रह रहा परिवार; पड़ोसी करा रहे घर की मरम्मत’ शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। परिजनों ने घटना के चार दिन बाद भी जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की सहायता नहीं करने की बात कही थी। खबर का असर यह हुआ कि दो दिन में ही कलेक्टर राजेश बाथम ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की।

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