इस साउथ सुपरस्टार का परिवार करता है सिनेमा पर हुकूमत, गिनीज रिकॉर्ड में दर्ज नाम – News4Social h3>
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इस साउथ सुपरस्टार का परिवार करता है सिनेमा पर हुकूमत
भारतीय सिनेमा के सबसे मशहूर चेहरों में से एक वो सुपरस्टार जिन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग और बेहतरीन फिल्मों से दर्शकों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है। इस अभिनेता के नाम तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा हिट फिल्में देने का रिकॉर्ड भी है। आज तक, उन्होंने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और पद्म विभूषण, पद्म भूषण, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं। जी हां, हम जिस मेगास्टार की बात कर रहे है वह कोई और नहीं बल्कि चिरंजीवी हैं।
साउथ मेगास्टार का 47 साल से है सिनेमा पर राज
चिरंजीवी का असली नाम कोनिडेला शिवशंकर वरप्रसाद राव था, जिनका जन्म 22 अगस्त, 1955 को आंध्र प्रदेश के मोगलथुर में हुआ था। उनके पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे, जिस कारण मेगास्टार चिरंजीवी ने अपना बचपन दादा-दादी के साथ ही बिताया था। वह एनसीसी कैडेट थे। कॉमर्स की डिग्री लेने के बाद, उन्होंने एक्टिंग में आगे बढ़ाने के लिए 1976 में मद्रास फिल्म संस्थान में एडमिशन लिया। 1980 में, उन्होंने दिग्गज अभिनेता अल्लू रामलिंगैया की बेटी सुरेखा से शादी की। उनके तीन बच्चे हैं, दो बेटियां सुष्मिता और श्रीजा वहीं एक बेटा राम चरण। उनके परिवार का सिनेमा से बहुत गहरा नाता है जो अपनी फिल्मों को लेकर छाए रहते हैं। चिरंजीवी के भाई नागेंद्र बाबू और पवन कल्याण भी साउथ में अपनी एक अलग जगह बना चुके हैं। वहीं चिरंजीवी अल्लू अर्जुन के फूफा हैं।
प्रदेश की राजनीति में भी रहा दबदबा
चिरंजीवी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत ‘पुनाधिरल्लू’ (1979) से शुरू की। हालांकि ‘प्रणाम खरीदु’ (1978) उनकी पहली रिलीज थी। उन्होंने ‘मन वूरी पांडावुलु’ (1978) में विलेन बन दर्शकों का दिल जीत लिया था, लेकिन उन्हें असली पहचान ‘खैदी’ (1983) से मिली। उसके बाद ‘चैलेंज’ (1984) और ‘विजेता’ (1985) जैसी हिट फिल्में दी। स्टार ने अपना पहला नंदी पुरस्कार ‘स्वयंकृषि’ (1987) के लिए जीता। उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। उन्हें इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के सबसे सफल स्टार के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अपने 47 साल के फिल्मी करियर में कई हिट देने के अलावा चिरंजीवी ने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी की स्थापना की और 2009 के चुनावों में इसने 18 सीटें जीतीं। 2011 में इसे कांग्रेस से मर्ज कर दिया गया। बाद में वे राज्यसभा सदस्य बने और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्य किया। 2014 के बाद, उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली, हालांकि उनकी वापसी की अफवाहें आ रही है।