इसी सप्ताह इसी सप्ताह से शुरू होगा वैक्सीनेशन , केंद्र से मिली 20 लाख गॉट पाक्स खरीद की स्वीकृति | Lumpy Skin Disease# Lumpy virus# Goat Pox # | Patrika News h3>
जयपुर।
प्रदेश में गौवंश को गॉट पॉक्स वैक्सीन लगाने की शुरुआत इसी सप्ताह से हो जाएगी। पहले चरण में पांच लाख वैक्सीन की खरीद की कर टीकाकरण शुरू किया जाएगा। जिससे लम्पी स्किन वायरस संक्रमण से अप्रभावित पशुओं में इसे फैलने से रोका जा सके। पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव पीसी किशन ने बताया कि गोशालाओं में अपने स्तर पर टीकाकरण पहले से ही किया जा रहा है। किशन ने यह जानकारी सोमवार को राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से लम्पी को लेकर की गई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से गोट पॉक्स की20 लाख डोज की खरीद की स्वीकृति मिल गई है।
गायों को लंपी वायरस संक्रमण से बचाने और रोग होने पर उसकी रोकथाम के लिए राज्य में युद्धस्तर पर प्रभावी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि जिन जिलों में संक्रमण अधिक है वहां गोट पॉक्स की वैक्सीन डोज दिए जाने, गौशालाओं को सेनेटाइज करने, गायों में इम्यून पावर बढ़ाने के किए समुचित पोषाहार आदि देने और इससे बचाने के लिए हर सम्भव कारगर उपाय अपनाए जाने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि वायरस से पशुओं की होने वाली मौतों के बाद मृत पशुओं के सही निस्तारण भी किया जाए जिससे इसके नुकसान से बचा जा सके।
जागरुकता फैलाने के निर्देश
राज्यपाल ने प्रदेश में गौशालाओं और गाय पालकों को स्वच्छता की पूरी तरह से पालना करने तथा घरों में गौदूध को उबालकर पीने के लिए गांव.शहरों में जागरुकता अभियान चलाए जाने का भी आह्वान किया। उन्होंने संक्रमण से बचाव और रोग की रोकथाम से सम्बंधित गाइड लाइन का भी सभी स्तरों पर प्रभावी प्रचार.प्रसार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारी और पशुधन सहायकों को सतर्क रहते हुए कार्यवाही करें और स्वास्थ्यवर्धक पशु आहार के बारे में भी पशुपालन विभाग को समय-समय पर सलाह जारी करे। उन्होंने कहा कि राजुवास अपने सम्बद्ध संस्थानों के इंटर्न छात्रों को पशुपालन विभाग के सहयोग के लिए उपलब्ध करवाए।
विवि ने तैयार किया पाउडर
राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सतीश कुमार गर्ग ने कहा कि भैंस आदि अन्य पशुओं में यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए उनका आइसोलेशन किया जाना चाहिए। उन्होंने मच्छरों के माध्यम से बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी सैनिटाइजेशन किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक पाउडर तैयार किया गया है, जिसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।