इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को पहली बार एक करोड़ का अनुदान: इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी में शोध के लिए भारत सरकार ने दिया यह अनुदान – Prayagraj (Allahabad) News

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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को पहली बार एक करोड़ का अनुदान:  इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी में शोध के लिए भारत सरकार ने दिया यह अनुदान – Prayagraj (Allahabad) News

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को पहली बार एक करोड़ का अनुदान: इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी में शोध के लिए भारत सरकार ने दिया यह अनुदान – Prayagraj (Allahabad) News

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध और नवाचार की के क्षेत्र में एक और उपलब्धि मिली है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना-चरण 2 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी में उच्च कोटि के गुण

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इसके अंतर्गत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन विभाग के डॉ. नीलेश आनंद श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तवा के द्वारा नोडल ऑफिसर नामित किया गया था। उल्लेखनीय है, विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के तहत आवेदन के परीक्षणोपरांत, भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रथम बार इस योजना के अंतर्गत इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी में शोध को बढ़ावा देने के लिए डॉ नीलेश द्वारा तैयार किये गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 1.8 करोड़ अनुदान देने का आदेश दिया है।

डॉ. नीलेश आनंद श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

विश्वविद्यालय को मिली PHD की तीन सीटें

मंत्रालय ने छात्रों की फेलोशिप, एचआरए, लैब सेटअप, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा और संस्थान के ओवरहेड के खर्चों को कवर करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय को इस बजट परिव्यय की मंजूरी दी है। यह विश्वविद्यालय के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के मुख्य क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान में योगदान करने का एक सुनहरा अवसर है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन विभाग में, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं, वीएलएसआई, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग इत्यादि अत्याधुनिक शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जायेगा। खास बात यह है कि इसके अंतर्गत इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पीएचडी की तीन सीटें प्राप्त हुई हैं।

शोधार्थी को प्रतिमाह 38,750 रुपये की फेलोशिप

इसके तहत पहले 2 साल शोधार्थी को 38,750/- रुपये प्रति माह और अगले तीन साल के लिए 43,750/- रुपये प्रति माह की फ़ेलोशिप दी जाएगी। इसके साथ-साथ फेलोशिप राशि का 16% तक किराया प्रतिपूर्ति भी इस योजना के तहत उपलब्ध है। पीएचडी अवधि के दौरान अनुसंधान से संबंधित खर्चों के लिए प्रति वर्ष 1,20,000 भी नियमानुसार दिया जायेगा। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 1.5 लाख तक की वित्तीय सहायता।

इसके अतिरिक्त, इस योजना के तहत तीसरे वर्ष से सभी नामांकित पूर्णकालिक शोधार्थियों को 6 महीने के लिए ‘विदेश में प्रयोगशालाओं का दौरा’ करने का मौका दिया जायेगा। विदेश यात्रा के दौरान, 6 महीने के लिए शोधार्थियों की मासिक फेलोशिप 1.50 लाख रुपये होगी। एवं इसके अलावा, 1.50 लाख रुपये तक की यात्रा/वीज़ा लागत भी प्रदान की जाएगी।

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