इनमें से कई फेमस सितारों का बुरा बीता है बचपन, इंडस्ट्री में आने से पहले ऐसे जोड़ते थे घर चलाने के लिए पैसे

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इनमें से कई फेमस सितारों का बुरा बीता है बचपन, इंडस्ट्री में आने से पहले ऐसे जोड़ते थे घर चलाने के लिए पैसे


इनमें से कई फेमस सितारों का बुरा बीता है बचपन, इंडस्ट्री में आने से पहले ऐसे जोड़ते थे घर चलाने के लिए पैसे

बॉलिवुड में कई ऐसे नाम और फेमस चेहरे हैं, जिन्हें आज हम भले स्टार्स या सुपरस्टार्स के रूप में देखते हैं, लेकिन फिल्मों में आने से पहले वे भी आम लोगों की तरह थे। कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें उस जगह आखिरकार पहुंचा ही दिया, जिसके वे हकदार थे। यहां हम बात करते हैं वैसे कुछ फिल्मी सिलेब्रिटीज़ की, जो इस इंडस्ट्री में आने से पहले कुछ भी नहीं थे और फिर इंडस्ट्री उन्हें सारे शान-शौकत और एक आलीशान जहां दी। बात करते हैं ऐसे ही कुछ चुनिंदा सितारों की।

बमन ईरानी


बमन के जन्म से 6 महीने पहले ही उनके पिता चल बसे थे। बमन को मां ने ही पाला। उन्हें बचपन में dyslexic की समस्या थी। फिल्मों में आने से पहले बमन ने Taj Mahal Palace & Tower में वेटर का काम किया और दो साल तक इस प्रफेशन में रहे। इसके बाद बमन नमकीन और बेकरी शॉप चलाने लगे। इसके बाद ईरानी ने फोटोग्राफी का काम शुरू किया। ऐक्टिंग का पैशन बचपन से ही था और साल 2000 में वह ऐड करने लगे। हालांकि उन्हें पहचान मिली साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ से। इसके बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अरशद वारसी

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‘मुन्नाभाई’ के सर्किट फिल्मों में आने से पहले सेल्समैन का काम किया करते थे। 14 साल की उम्र में अरशद के सिर से मां-बाप का साया उठ गया था और फाइनैंशल दिक्कतों की वजह से उन्हें स्कूल छोड़कर जबरन सेल्समैन के काम में घुसना पड़ा। इसके अलावा उन्होंने फोटो लैब में भी काम किया। डांस और कोरियॉग्राफी में इंटरेस्ट उन्हें बॉलिवुड तक खींच लाया। बाद में उन्हें जया बच्चन ने ‘तेरे मेरे सपने’ में रोल ऑफर किया और फिर उनकी गाड़ी आगे निकल पड़ी।

फराह खान

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बॉलिवुड की नामचीन कोरियॉग्राफर फराह खान का बचपन काफी तकलीफ में बीता। बचपन के दिनों में उन्होंने मां-पापा के अलग होने का दर्द झेला और फिर पिता की मौत ने तोड़कर रख दिया। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी लाइफ को ट्रैक पर लाने का फैसला किया। उन्होंने कोरियग्राफी की दुनिया में कदम बढ़ाया और फिर निर्देशन में भी आगे बढ़ीं। आज फराह खान किसी परिचय की मोहताज नहीं रहीं।

रणवीर सिंह

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आज रणवीर सिंह डायरेक्टर्स के फेवरेट ऐक्टर में शुमार हैं। रणवीर के पास करोड़ों की सम्पत्ति है, जिसमें साउथ मुंबई वाला उनका घर और सी फेसिंग फ्लैट भी है। रणवीर फिल्मों में आने से पहले ऐड एजेंसी में काम करते थे। वह O&M और J. Walter Thompson जैसी कंपनियों के लिए बतौर कॉपीराइटर का काम करते थे। साल 2010 में रणवीर ने ‘बैंड बाजा बारात’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और फिर धीरे-धीरे सब बदल गया।

कंगना रनौत

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आज बॉलिवुड की टॉप ऐक्ट्रेसेस में शुमार कंगना ऐक्टिंग ही नहीं अपने डायरेक्शन के लिए भी जानी जाती हैं। ऐक्टिंग, मॉडलिंग और फिल्ममेकिंग की दुनिया में कड़ी मेहनत करने के बाद अब कंगना एक लग्ज़री लाइफ जीती हैं। फिल्मों से कमाई करने वाली कंगना का मनाली में शानदार घर है, जिसके बारे में बताया जाता है कि अपने हिसाब से तैयार करने में उनके 30 करोड़ रुपए खर्च हुए। पाली हिल्स में कंगना ने करीब 48 करोड़ में 3 मंजिली बिल्डिंग भी खरीदी थी, जिसमें उन्होंने अपना ऑफिस बनाया। बीएमसी के तोड़फोड़ को लेकर कंगना का यह ऑफिस साल 2020 में काफी सुर्खियों में भी रहा। इन सबके अलावा कंगना के पास मर्सिडीज-बेंज जीएलई-क्लास एसयूवी जैसी कई महंगी गाड़ियां हैं। यह वही कंगना हैं जिन्होंने कभी बताया था कि स्ट्रगल के दौरान वह ब्रेड/रोटी अचार तक खाकर वक्त बिताया, क्योंकि उन्हें अपना घर से कोई फाइनैंशल हेल्प नहीं मिली थी। दरअसल कंगना 12वीं क्लास में फेल हो गई थीं और मां-पापा से झगड़ा कर वह दिल्ली आ गई थीं। घर वालें उनके फिल्मी करियर के फैसले में उनके साथ नहीं थे।

नवाजुद्दीन सिद्दिकी

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बॉलिवुड के पॉप्युलर ऐक्टर्स में शामिल नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने फिल्मों में आने से पहले खेती से लेकर केमिस्ट और वॉचमैन तक का काम किया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, ‘मैं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक छोटे से टाउन, बुढ़ाना से ताल्लुक रखता हूं। मेरे दादा एक किसान थे और मेरे पिता भी। जब मैं 10 साल का था, तभी से मैंने खेतों में जाना शुरू कर दिया था। बुढ़ाना में अक्सर जागते ही मैं अपने खेतों की तरफ चला जाता था और खेतों की सिंचाई करता था। उस वक्त हमारे पास ट्रैक्टर नहीं था, इसलिए हम बैलों का प्रयोग करते हुए हल से खेत जोतते थे। खेतों में काम करने के बाद 10 बजे तक मैं स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाता था। खेतों का ज्यादातर काम सुबह निपटाने के बाद भी मैं शाम को वहां जाता था। दरअसल मुझे वहां मजा आता था। मैंने ज्यादातर चावल और गन्ने की फसलें उगाई थीं। मैंने 22 साल की उम्र तक खेती की और इसके बाद मैं अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए वड़ोदरा चला गया। वहां मैंने एक केमिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया।’



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