इंडसइंड बैंक को एग्जीक्यूटिव्स की कमेटी लीड करेगी: RBI ने मंजूरी दी; कल बैंक के CEO और MD सुमंत कठपालिया इस्तीफा दिया था

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इंडसइंड बैंक को एग्जीक्यूटिव्स की कमेटी लीड करेगी:  RBI ने मंजूरी दी; कल बैंक के CEO और MD सुमंत कठपालिया इस्तीफा दिया था

इंडसइंड बैंक को एग्जीक्यूटिव्स की कमेटी लीड करेगी: RBI ने मंजूरी दी; कल बैंक के CEO और MD सुमंत कठपालिया इस्तीफा दिया था

मुंबई34 मिनट पहले

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कठपालिया 12 साल से बैंक की कोर मैनेजमेंट का हिस्सा रहे।

इंडसइंड बैंक के CEO सुमंत कठपालिया के इस्तीफे के बाद RBI ने बैंक को लीड करने के लिए एक अंतरिम कमेटी बनाई है।

यह कमेटी ऑफ एक्जीक्यूटिव्स नए CEO की नियुक्ति तक बैंक के रोजमर्रा के ऑपरेशन्स, ग्राहक सेवाएं और वित्तीय फैसले संभालेगी।

इस टीम में कंज्यूमर बैंकिंग प्रमुख सौमित्र सेन और चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर अनिल राव शामिल हैं, जो CEO के कार्यों को मिलकर संभालेंगे। RBI ने कहा कि यह कमेटी अधिकतम 3 महीने या नए CEO चयन तक ही रहेगी।

बैंक ने एक ओवरसाइट कमेटी भी बनाई है, जिसमें चेयरमैन समेत ऑडिट, रिस्क मैनेजमेंट और नियुक्ति समितियों के प्रमुख शामिल हैं। इसका मकसद अंतरिम टीम को रणनीतिक मार्गदर्शन देना और गवर्नेंस के स्टैंडर्ड को बनाए रखना है।

कठपालिया ने मंगलवार को इस्तीफा दिया था

इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुमंत कठपालिया ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह फैसला 29 अप्रैल से ही प्रभावी हो गया था। कठपालिया ने अपने इस्तीफे का कारण बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में 2.27% के नेटवर्थ घाटे से जुड़ी जिम्मेदारी को बताया।

उन्होंने कहा, मुझे जो गलतियां बताई गईं, उनकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पद छोड़ रहा हूं। कठपालिया 12 साल से बैंक की कोर मैनेजमेंट का हिस्सा रह चुके हैं।

RBI ने 1 साल का कार्यकाल बढ़ाया था

इससे पहले, मार्च में RBI ने कठपालिया के कार्यकाल को सिर्फ 1 साल के लिए बढ़ाया था, जबकि बैंक ने 3 साल का विस्तार मांगा था। अब बैंक ने RBI से अनुरोध किया था कि नया CEO चुने जाने तक एक कमेटी बैंक की कमान संभाले।

डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी के बाद दिया इस्तीफा

इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि इंटरनल रिव्यू में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग डिस्क्रिपेन्सी यानी गड़बड़ी का पता चला है। इसके चलते बैंक की कमाई में कमी आ सकती है और नेटवर्थ 2.35% तक गिर सकती है।

मामला क्या है, प्रभावित कौन होगा?

  • इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि बैंक ने पहले किए गए विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित हेजिंग कॉस्ट को कम करके आंका था। इस खुलासे के बाद बैंक ने माना कि इससे उसकी नेटवर्थ पर 1,600-2,000 करोड़ रुपए (2.35%) कम हो सकती है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा डेरिवेटिव्स पर अपडेट किए गए मास्टर निर्देशों के बाद सितंबर और अक्टूबर 2024 के बीच डिस्क्रिपेन्सी की पहचान की गई। बैंक ने बोर्ड मीटिंग के बाद 10 मार्च को अपने एक्सचेंज फाइलिंग में इस बारे में बताया।
  • इसका सबसे बड़ा असर इंडसइंड बैंक और उसके निवेशकों पर पड़ा है। पिछले एक साल में बैंक के शेयर में 56% की गिरावट आ चुकी है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि नई फाइंडिंग्स बैंक के इंटरनल कंट्रोल और कंप्लायंस के बारे में चिंता पैदा करते हैं।

डेरिवेटिव क्या है?

डेरिवेटिव दो पार्टियों के बीच एक फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स होता है। जिसकी वैल्यू एसेट और बेंचमार्क के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। ऑप्शन, स्वैप और फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट इसके उदाहरण हैं। इनका इस्तेमाल रिस्क हेजिंग या स्पेक्यूलेटिव जैसे काम के लिए किया जाता है।

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