इंटरनेशनल एयरलाइंस ने पाकिस्तानी एयरस्पेस से दूरी बनाई: भारत-पाक तनाव का असर, लुफ्थांसा और ब्रिटिश एयरवेज जैसी एयरलाइंस ने फ्लाइट रूट बदला h3>
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने पाकिस्तानी एयर स्पेस इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया है।
एयरलाइन्स के बयानों और फ्लाइट ट्रैकर डेटा के अनुसार, पाकिस्तान के एयरस्पेस से बचने वाली प्रमुख एयरलाइन कंपनियों में एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस, UAE की अमीरात, इटली की ITA, पोलैंड की LOT और जर्मनी की लुफ्थांसा शामिल हैं।
दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने की खबरों के बाद एयरलाइन्स कंपनियों अपने एयर रूट में बदलाव करने का फैसला ले रही हैं।
भारत-पाक ने एक-दूसरे की एयरलाइंस पर बैन लगाया
22 मार्च को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 4 आतंकियों ने पर्यटकों पर फायरिंग की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ग्रुप ने जिम्मेदारी ली थी।
हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भी भारतीय स्वामित्व वाले या संचालित विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से जाने पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने पर प्रतिबंध के कारण भारतीय एयरलाइंस कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। फ्लाइट को अरब और अन्य देशों तक पहुंचने में भी ज्यादा समय लग रहा है। वहीं, कई प्रमुख पश्चिमी एयरलाइंस अपनी स्वेच्छा से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। हालांकि उन्हें इस तरह के प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स और एमिरेट्स की कुछ फ्लाइट्स भी पाकिस्तानी एयरस्पेस से बच रही हैं।
कौन सी एयरलाइंस पाक एयरस्पेस से बच रही हैं
फ्लाइटराडार-24 के फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि फ्रैंकफर्ट से नई दिल्ली के लिए लुफ्थांसा की फ्लाइट LH760 ने रविवार को लगभग एक घंटे ज्यादा उड़ान भरी। क्योंकि इसे अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ा।
- समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए गए एक बयान में एयरलाइन ने कहा कि लुफ्थांसा ग्रुप अगले अपडेट तक पाकिस्तानी एयरस्पेस से बच रहा है। एयरलाइन ने कहा कि वह इस क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर नजर रख रही है और अपने रूट को उसके हिसाब से अपडेट करेगी।
- भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनाव बढ़ने का हवाला देते हुए एयर फ्रांस ने एक बयान में कहा कि उसने अगले अपडेट तक पाकिस्तान के ऊपर से फ्लाइट्स को सस्पेंड करने का फैसला किया है। एयरलाइन ने कहा कि वह दिल्ली, बैंकॉक और हो-ची-मिन्ह जैसे डेस्टिनेशंस के साथ अपने फ्लाइट शेड्यूल और प्लान्स में बदलाव कर रही है, जिससे फ्लाइट का समय बढ़ जाएगा।
- फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स और एमिरेट्स की कुछ फ्लाइट्स भी अरब सागर से गुजरने के बाद पाकिस्तानी एयरस्पेस से बचने के लिए उत्तर में दिल्ली की ओर मुड़ रही थीं।
- अब तक ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स और एमिरेट्स ने कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया है। लेकिन उनकी फ्लाइट्स के रूट में बदलाव एयरलाइनों के लिए लंबी दूरी और हायर फ्यूल कॉस्ट के बावजूद इंडस्ट्री की सावधानी को दर्शाता है।
पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा?
फ्लाइट रूट में बदलाव से पाकिस्तान की ओवरफ्लाइट फीस से होने वाली कमाई में कमी आएगी, जो विमान के वजन और तय की गई दूरी के आधार पर प्रति उड़ान सैकड़ों डॉलर तक हो सकती है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक के पास पाकिस्तान का 10.2 बिलियन डॉलर रिजर्व है, जो मुश्किल से दो महीने के इंपोर्ट को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने पाकिस्तानी एयर स्पेस इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया है।
एयरलाइन्स के बयानों और फ्लाइट ट्रैकर डेटा के अनुसार, पाकिस्तान के एयरस्पेस से बचने वाली प्रमुख एयरलाइन कंपनियों में एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस, UAE की अमीरात, इटली की ITA, पोलैंड की LOT और जर्मनी की लुफ्थांसा शामिल हैं।
दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने की खबरों के बाद एयरलाइन्स कंपनियों अपने एयर रूट में बदलाव करने का फैसला ले रही हैं।
भारत-पाक ने एक-दूसरे की एयरलाइंस पर बैन लगाया
22 मार्च को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 4 आतंकियों ने पर्यटकों पर फायरिंग की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ग्रुप ने जिम्मेदारी ली थी।
हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भी भारतीय स्वामित्व वाले या संचालित विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से जाने पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने पर प्रतिबंध के कारण भारतीय एयरलाइंस कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। फ्लाइट को अरब और अन्य देशों तक पहुंचने में भी ज्यादा समय लग रहा है। वहीं, कई प्रमुख पश्चिमी एयरलाइंस अपनी स्वेच्छा से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। हालांकि उन्हें इस तरह के प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स और एमिरेट्स की कुछ फ्लाइट्स भी पाकिस्तानी एयरस्पेस से बच रही हैं।
कौन सी एयरलाइंस पाक एयरस्पेस से बच रही हैं
फ्लाइटराडार-24 के फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि फ्रैंकफर्ट से नई दिल्ली के लिए लुफ्थांसा की फ्लाइट LH760 ने रविवार को लगभग एक घंटे ज्यादा उड़ान भरी। क्योंकि इसे अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ा।
- समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए गए एक बयान में एयरलाइन ने कहा कि लुफ्थांसा ग्रुप अगले अपडेट तक पाकिस्तानी एयरस्पेस से बच रहा है। एयरलाइन ने कहा कि वह इस क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर नजर रख रही है और अपने रूट को उसके हिसाब से अपडेट करेगी।
- भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनाव बढ़ने का हवाला देते हुए एयर फ्रांस ने एक बयान में कहा कि उसने अगले अपडेट तक पाकिस्तान के ऊपर से फ्लाइट्स को सस्पेंड करने का फैसला किया है। एयरलाइन ने कहा कि वह दिल्ली, बैंकॉक और हो-ची-मिन्ह जैसे डेस्टिनेशंस के साथ अपने फ्लाइट शेड्यूल और प्लान्स में बदलाव कर रही है, जिससे फ्लाइट का समय बढ़ जाएगा।
- फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स और एमिरेट्स की कुछ फ्लाइट्स भी अरब सागर से गुजरने के बाद पाकिस्तानी एयरस्पेस से बचने के लिए उत्तर में दिल्ली की ओर मुड़ रही थीं।
- अब तक ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स और एमिरेट्स ने कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया है। लेकिन उनकी फ्लाइट्स के रूट में बदलाव एयरलाइनों के लिए लंबी दूरी और हायर फ्यूल कॉस्ट के बावजूद इंडस्ट्री की सावधानी को दर्शाता है।
पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा?
फ्लाइट रूट में बदलाव से पाकिस्तान की ओवरफ्लाइट फीस से होने वाली कमाई में कमी आएगी, जो विमान के वजन और तय की गई दूरी के आधार पर प्रति उड़ान सैकड़ों डॉलर तक हो सकती है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक के पास पाकिस्तान का 10.2 बिलियन डॉलर रिजर्व है, जो मुश्किल से दो महीने के इंपोर्ट को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
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