आवास योजना के लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए वसूली: बेगूसराय के बछवाड़ा में PRS के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन, BDO और पंचायत रोजगार सेवक के खिलाफ नारेबाजी – Begusarai News h3>
बेगूसराय में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रतीक्षा सूची में नाम शामिल करने के लिए पंचायत रोजगार सेवक द्वारा चार से पांच हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। इससे आक्रोशित होकर बछवाड़ा प्रखंड के दादूपुर पंचायत के सैकड़ों लाभुकों ने आज प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्श
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प्रदर्शन की सूचना पर BDO अभिषेक राज ने प्रदर्शनकारियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने अश्वासन देते हुए कहा है कि पंचायत रोजगार सेवक (पीआरएस) पर लगे आरोप की जांच की जाएगी। जांचो में आरोप सत्य पाया गया तो विभागीय कार्यवाही की जाएगी। जो भी लाभुक छुटे हुए हैं उनका नाम प्रतिक्षा सूची में जुड़ेगा। प्रदर्शन के दौरान CPI नेता सरिता राय ने कहा कि बछवाड़ा हमेशा क्रांतिकारियों की धरती रही है। यहां किसी भी पदाधिकारी एवं कर्मी की मनमानी नहीं चली है और न ही चलने देंगे। आवास योजना गरीब लोगों को आसरा देने के लिए है, लेकिन जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी इसमें भी अपना आसरा ढूंढ लेते हैं। आवास और मनरेगा योजना में पूरे प्रखंड में धांधली किया जा रहा है, लेकिन वरीय पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
CPI नेता उमेश कुंवर कवि ने कहा कि बछवाड़ा में बीडीओ सबसे बड़े भ्रष्ट हैं, प्रतिनिधि और बिचौलिए के माध्यम से लुट मचा रखा है। पीआरएस राकेश कुमार द्वारा लाभुकों से बिना किसी डर भय के अपने और पत्नी के एकाउंट पर राशि लिया जा रहा है। जो लोग नजराना देने में सक्षम नहीं हैं, उनका नाम प्रतिक्षा सूची में नहीं जोड़ा जा रहा है।
आक्रोशित लोगों को समझाते BDO।
पांच हजार रुपए की अवैध उगाही का आरोप
पूर्व प्रमुख कमल पासवान ने कहा कि यह एक पंचायत का मामला नहीं, बल्कि पूरे प्रखंड में यही हाल है। गरीब नि:सहाय लोग राशि के अभाव में भटक रहे हैं, लेकिन आवास प्रतिक्षा सूची में नाम नहीं जोड़ा जा रहा है। जिनके पास पैसा है वह नजराना देकर अपना नाम जुड़वा रहे हैं। जब-जब पदाधिकारी के द्वारा सीमा लांघने की कोशिश की गई है, तब-तब यहां की क्रांतिकारी जनता ने वैसे भ्रष्ट पदाधिकारी को मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया है।
पैक्स अध्यक्ष दीपक कुमार राय ने कहा कि पीआरएस किसी भी लोगों की बात नहीं सुनता है। अपनी मनमर्जी चलाते हुए देर रात तक क्षेत्र में रहकर लाभुकों से अवैध राशि वसूली करने का काम करता है। प्रतिक्षा सूची में नाम जोड़ने के लिए चार से पांच हजार रुपए की अवैध उगाही की जा रही है तो आवास निर्गत करने में कितना राशि वसूली किया जाएगा कहना मुश्किल है। इसकी शिकायत बीडीओ से किया गया, प्रमाण भी दिया था।