आरजेडी ने दी भाजपा नेताओं को चश्मे का नंबर बदलने की सलाह
धार्मिक उन्माद फैलाने का काम करते हैं बीजेपी के नेता: आरजेडी
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि जो लोग समाज में नफरत, घृणा और उन्माद पैदा कर धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं। वे लोग ही इफ्तार पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि इफ्तार साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र के साथ ही सामाजिक न्याय का भी संदेश देता है। चितरंजन गगन ने कहा कि काफी पहले से यह परंपरा चली आ रही है कि इफ्तार में रोजदारों के साथ सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग शामिल होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी के नेता भी ऐसे आयोजन में शामिल होते रहे हैं। आरजेडी प्रवक्ता ने उदाहरण देते हुए कहा कि शनिवार को भी केन्द्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर नई दिल्ली स्थित अरब दूतावास द्वारा आयोजित इफ्तार में शामिल हुए थे।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है लेकिन बीजेपी एक संप्रदाय के खिलाफ
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर संवैधानिक पद पर बैठे हुए नेता प्रतिपक्ष द्वारा एक धर्म विशेष के खिलाफ दिया जा रहा बयान संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ है। क्योंकि भारतीय संविधान के प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इसलिए नेता प्रतिपक्ष को किसी धर्म विशेष के पक्ष या विपक्ष में बयान देने के पहले उन्हें नेता पद के साथ ही विधानमंडल की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से सीखना चाहिए। जो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और उनके धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि रामनवमी के दिन शोभायात्रा में तो नीतीश कुमार के साथ दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष खुद उपस्थित थे। इसके बावजूद भी यदि उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है तो निश्चित रूप से उन्हें अपना चश्मा बदलवा लेना चाहिए।
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