आयुक्त के खिलाफ साधारण सभा में आया निंदा प्रस्ताव…अधिकारियों ने किया बायकॉट | Condemnation motion against the commissioner general body Meeting | Patrika News h3>
जिसका अंदेशा था…आखिर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा में वही हुआ। आयुत यज्ञमित्र सिंह देव के खिलाफ भाजपा निंदा प्रस्ताव लाई और आयुक्त निगम अधिकारियों के साथ वॉकआउट कर गए। इसके बाद सर्वसम्मति से कांग्रेस और भाजपा के 100 पार्षदों ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई।
दरअसल, सुबह ही निंदा प्रस्ताव लाने पर सहमति बन गई थी। इस पूरी कार्ययोजना को गुप्त रखा गया था। हालांकि निगम आयुक्त को पहले से इसकी भनक थी। इसलिए पहले से अधिकारी बायकॉट को तैयार थे। जैसे ही सफाई और अस्थाई श्रमिकों का प्रस्ताव पास किया। भाजप पार्षद और चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली ने निंदा प्रस्ताव पढ़ा। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने इस समर्थन कर दिया। जैसे ही श्रीमाली ने निंदा प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया, उसी समय आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव अपने सभी कार्मिकों के साथ वॉकआउट कर गए।
कांग्रेस में दो फाड़ नजर आई
निंदा प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस में दो फाड़ नजर आई। ज्यादा पार्षद प्रस्ताव आते ही निकल लिए, लेकिन एक दर्जन पार्षदों ने इसका समर्थन किया। इन सभी पार्षदों ने अपने सीट से खड़े होकर निंदो प्रस्ताव का समर्थन किया। भाजप पार्षदों ने भी इसी तरह निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया।
उपायुक्त बोलीं…नौकरी छोड़ दूंगी
भाजपा पार्षद महेश सैनी ने जोन उपायुक्त ममता नागर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मेरे वार्ड के स्वीकृत सफाई कर्मचारी कहा हैं। उपायुक्त ने उन्हें अपने पास रखा है या भ्रष्टाचार करती हैं ? इस पर ममता नागर ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पार्षद आरोप सिद्ध करें नहीं तो सदस्यता से इस्तीफा दें। अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो मैं नौकरी छोड़ दूंगी।
मोदी-गहलोत के लगे नारे, सभा स्थगित
सफाई पर चर्चा के दौरान पार्षद हरीश शर्मा ने गहलोत सरकार पर कुछ कह दिया। इसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया। एक तरफ से नरेंद्र मोदी जिंदाबाद तो दूसरी तरफ से अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगे। हंगामा इतना बढ़ गया कि सभा को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
पार्षद को बोला टोपी वाला तो हो गई हाथापाई
भाजपा पार्षद विकास ने कांग्रेस पार्षद कैलाश खारड़ा को टोपी वाला कह दिया। इस बात को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस पार्षदों में हाथापाई भी हुई। मामला बढ़ा तो महापौर ने विकास को सदन से बाहर करवाया। हालांकि मामला शांत होने के बाद विकास वापस सदन में आ गए।