आधी रात मुंबई से दिल्ली पहुंचे महाराष्ट्र के CM, अजित पवार के आने से एकनाथ शिंदे गुट में क्यों मची खलबली? h3>
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बीती रात अचानक दिल्ली पहुंचे हैं। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस बार देवेंद्र फडणवीस या अजित पवार के साथ दिल्ली नहीं आए हैं। बल्कि इस बार वो अपने परिवार के साथ दिल्ली की यात्रा पर हैं। माना जा रहा है कि शिंदे दो दिन तक दिल्ली में रहेंगे। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे की वजह स्पष्ट नहीं है। हालांकि, शिंदे के रात में अचानक दिल्ली पहुंचने से कोई बड़ी सियासी हलचल होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रात करीब 1:30 बजे दिल्ली पहुंचे। पीएम मोदी और अमित शाह के साथ इस बैठक में एकनाथ शिंदे क्या चर्चा करते हैं और क्या फैसला लेते हैं? इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। दूसरी तरफ महाराष्ट्र की सियासत में यह खबर भी तेजी से सामने आ रही है कि अजित पवार को जल्द ही महाराष्ट्र का सीएम बनाया जायेगा। शायद इसी वजह से एकनाथ शिंदे दिल्ली गए हैं।
इस बारे में संजय राउत ने कहा है कि आने वाले कुछ ही दिनों में अजित पवार महाराष्ट्र के सीएम बन जायेंगे और एकनाथ शिंदे की छुट्टी हो जाएगी। अब सवाल यह भी है कि आखिर अजित पवार के आने से शिंदे गुट में खलबली क्यों मची है? क्या वाकई में महाराष्ट्र में कोई नया फेरबदल होने जा रहा है?
बढ़ रहा है अजीत पवार का दबदबा?
अजित पवार के महाराष्ट्र की सरकार में शामिल होने के बाद से ही एकनाथ शिंदे गुट में नाराजगी है। उनके विधायक इस बात को खुलेआम कह चुके हैं। शिंदे के एक विधायक ने यह कहा था कि पहले आधी रोटी मिलती थी अब उसकी आधी से काम चलाना पड़ेगा। इसके बाद अजित पवार को वित्त मंत्रलाय न मिले इसके लिए शिंदे गुट ने भी जमकर प्रयास किया था। हालांकि, दिल्ली तक दौड़ लगाने के बाद भी शिंदे गुट सिवाय मायूसी के और कुछ भी हाथ नहीं लगा। आखिरकार जब विभागों का बंटवारा हुआ तो अजित पवार को उनकी पसंद का वित्त मंत्रालय दे दिया गया। शिंदे गुट का कहना था कि पिछली सरकार में अजित पवार ने शिवसेना के विधायकों को फंड नहीं दिया था। लेकिन शिंदे गुट की तमा दलीलों को बीजेपी आलाकमान ने ख़ारिज कर दिया। शिंदे गुट में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि जो विभाग शिंदे गुट के थे वो भी अजित पवार के गुट को दे दिए गए।
इससे मुख्यमंत्री की सिरदर्दी बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि शिंदे इस बैठक में उस पर भी चर्चा करेंगे। जब अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब भी एकनाथ शिंदे के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था। दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे और उनके पंद्रह विधायकों पर अपात्र होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में बीजेपी सरकार को किसी भी कीमत पर खतरे मेंनहीं लाना चाहती है। इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच भी एक अघोषित शीतयुद्ध की खबर है।
दरअसल बीते दिनों एकनाथ शिंदे ने एक विज्ञापन दिया था। जिसमें देश में मोदी और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे। इस विज्ञापन पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद कई सार्वजानिक कार्यक्रम में शिंदे और फडणवीस के रिश्ते सामान्य नजर नहीं आए।
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इस बारे में संजय राउत ने कहा है कि आने वाले कुछ ही दिनों में अजित पवार महाराष्ट्र के सीएम बन जायेंगे और एकनाथ शिंदे की छुट्टी हो जाएगी। अब सवाल यह भी है कि आखिर अजित पवार के आने से शिंदे गुट में खलबली क्यों मची है? क्या वाकई में महाराष्ट्र में कोई नया फेरबदल होने जा रहा है?
बढ़ रहा है अजीत पवार का दबदबा?
अजित पवार के महाराष्ट्र की सरकार में शामिल होने के बाद से ही एकनाथ शिंदे गुट में नाराजगी है। उनके विधायक इस बात को खुलेआम कह चुके हैं। शिंदे के एक विधायक ने यह कहा था कि पहले आधी रोटी मिलती थी अब उसकी आधी से काम चलाना पड़ेगा। इसके बाद अजित पवार को वित्त मंत्रलाय न मिले इसके लिए शिंदे गुट ने भी जमकर प्रयास किया था। हालांकि, दिल्ली तक दौड़ लगाने के बाद भी शिंदे गुट सिवाय मायूसी के और कुछ भी हाथ नहीं लगा। आखिरकार जब विभागों का बंटवारा हुआ तो अजित पवार को उनकी पसंद का वित्त मंत्रालय दे दिया गया। शिंदे गुट का कहना था कि पिछली सरकार में अजित पवार ने शिवसेना के विधायकों को फंड नहीं दिया था। लेकिन शिंदे गुट की तमा दलीलों को बीजेपी आलाकमान ने ख़ारिज कर दिया। शिंदे गुट में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि जो विभाग शिंदे गुट के थे वो भी अजित पवार के गुट को दे दिए गए।
इससे मुख्यमंत्री की सिरदर्दी बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि शिंदे इस बैठक में उस पर भी चर्चा करेंगे। जब अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब भी एकनाथ शिंदे के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था। दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे और उनके पंद्रह विधायकों पर अपात्र होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में बीजेपी सरकार को किसी भी कीमत पर खतरे मेंनहीं लाना चाहती है। इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच भी एक अघोषित शीतयुद्ध की खबर है।
दरअसल बीते दिनों एकनाथ शिंदे ने एक विज्ञापन दिया था। जिसमें देश में मोदी और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे। इस विज्ञापन पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद कई सार्वजानिक कार्यक्रम में शिंदे और फडणवीस के रिश्ते सामान्य नजर नहीं आए।
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