आदिपुरुष के डायलॉग सुन मनोज मुंतशिर पर भड़के रामानंद सागर के बेटे- ऐसे डायलॉग सोच भी कैसे लिए? h3>
ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर विवाद विकराल रूप लेता जा रहा है। लोगों के साथ-साथ कई हस्तियां इस फिल्म पर आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं। 80 के दशक में ‘रामायण’ सीरियल बनाने वाले रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने कुछ दिन पहले ‘आदिपुरुष’ पर काफी कुछ बोला था। उन्होंने कहा था कि फिल्म में महाकाव्य ‘रामायण’ को गलत ढंग से दिखाया गया है, और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। अब एक बार फिर प्रेम सागर ने रिएक्ट किया है। इस बार उन्होंने ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर पर गुस्सा निकाला है। प्रेम सागर ने कहा है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कोई ऐसे डायलॉग कैसे लिख सकता है?
16 जून को पैन इंडिया रिलीज हुई Adipurush में Prabhas, भगवान राम बने हैं, तो वहीं Kriti Sanon ने जानकी का किरदार निभाया है। फिल्म के कई सीन्स और संवादों के कारण फिल्म की आलोचना हो रही है। हनुमानजी के किरदार द्वारा बोले गए कई डायलॉग हैं, जिन्हें लोगों के लिए हजम कर पाना मुश्किल हो रहा है। वो सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ‘तेल तेरे बाप का जलेगी तेरे बाप की’, ‘मरेगा बेटे’, ‘बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया’, ‘उनकी लंका लगा देंगे’ जैसे कई ऐसे डायलॉग फिल्म में हैं, जिन्हें सुनकर अरुण गोविल से लेकर सुनील लहरी, मुकेश खन्ना और प्रेम सागर तक गुस्से से उबल पड़े।
‘मनोज मुंतशिर ने ऐसे संवाद सोचे भी कैसे?’
प्रेम सागर ने ‘एएनआई’ से बातचीत में कहा, ‘मनोज मुंतशिर हिंदू धर्म के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। मुझे समझ नहीं आता कि उन्होंने फिल्म में इस तरह के डायलॉग या संवादों की कल्पना कैसे की? यह एक गलत धारणा हो सकती है कि युवा पीढ़ी इसे पसंद करेगी। लेकिन आप दर्शकों के साथ ऐसा नहीं कर सकते। यह मत कहो कि यह ‘आदिपुरुष’ वाल्मीकि रामायण पर आधारित है, इसे कोई और नाम दें। इसे एक फैंटेसी फिल्म बनाएं। लेकिन अगर आप रामायण बना रहे हैं तो आप भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते। लोग इसे श्रद्धा से देखते हैं।’
प्रेम सागर नहीं देखना चाहते ‘आदिपुरुष’
Prem Sagar ने आगे कहा, ‘मैंने फिल्म के क्लिप देखे हैं और सुनील लहरी समेत कई लोगों से इस बारे मेंबात की। तो कुछ तो समस्या है। मैं फिल्म देखना भी नहीं चाहता। रावण बहुत ज्ञानी था और आप सोने की लंका (सोने की लंका) को काला कर रहे हैं। उसके पांच सिर ऊपर और 5 सिर नीचे लगा रहे हैं।’
‘हो सकता है कुदरत ऐसा कर दे बुद्धि भटक जाए’
वहीं अब ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स ने विवादित डायलॉग को बदलने का आश्वासन दिया है। जिन डायलॉग पर आपत्ति है, मेकर्स उन पर दोबारा काम कर रहे हैं, और यह फिल्म बदले गए संवाद के साथ कुछ ही दिनों में रिलीज की जाएगी। इस बारे में प्रेम सागर ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया। यह बड़ी बात है। मैं मनोज का दिल से सम्मान करता हूं, क्योंकि मैंने उनकी कई रील्स देखी हैं। वह अच्छा काम करते हैं। मुझे नहीं पता कि इस बार क्या हुआ। हो सकता है कि कभी-कभी कुदरत कुछ ऐसा भी कर दे कि बुद्धि को भटका दे।’
”आदिपुरुष’ को मार्वल बना दिया’
इससे पहले एक अन्य इंटरव्यू में प्रेम सागर ने ‘आदिपुरुष’ पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि इसे मार्वल की फिल्म बनाने की कोशिश की गई है। तब उन्होंने हनुमान जी का डायलॉग को ‘टपोरी’ बताते हुए कहा था कि उनके पिताजी रामानंद सागर ने भी ‘रामायण’ बनाते वक्त क्रिएटिव फ्रीडम ली थी, पर उन्होंने भगवान और सभी किरदारों को समझा था। उन्होंने कई ग्रंथों और रामायण के अन्य वर्जन को पढ़ा था, पर कभी भी तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं की। प्रेम सागर ने कहा था कि रावण जैसे परम ज्ञानी को खलनायक के रूप में दिखाना गलत है।
16 जून को पैन इंडिया रिलीज हुई Adipurush में Prabhas, भगवान राम बने हैं, तो वहीं Kriti Sanon ने जानकी का किरदार निभाया है। फिल्म के कई सीन्स और संवादों के कारण फिल्म की आलोचना हो रही है। हनुमानजी के किरदार द्वारा बोले गए कई डायलॉग हैं, जिन्हें लोगों के लिए हजम कर पाना मुश्किल हो रहा है। वो सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ‘तेल तेरे बाप का जलेगी तेरे बाप की’, ‘मरेगा बेटे’, ‘बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया’, ‘उनकी लंका लगा देंगे’ जैसे कई ऐसे डायलॉग फिल्म में हैं, जिन्हें सुनकर अरुण गोविल से लेकर सुनील लहरी, मुकेश खन्ना और प्रेम सागर तक गुस्से से उबल पड़े।
‘मनोज मुंतशिर ने ऐसे संवाद सोचे भी कैसे?’
प्रेम सागर ने ‘एएनआई’ से बातचीत में कहा, ‘मनोज मुंतशिर हिंदू धर्म के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। मुझे समझ नहीं आता कि उन्होंने फिल्म में इस तरह के डायलॉग या संवादों की कल्पना कैसे की? यह एक गलत धारणा हो सकती है कि युवा पीढ़ी इसे पसंद करेगी। लेकिन आप दर्शकों के साथ ऐसा नहीं कर सकते। यह मत कहो कि यह ‘आदिपुरुष’ वाल्मीकि रामायण पर आधारित है, इसे कोई और नाम दें। इसे एक फैंटेसी फिल्म बनाएं। लेकिन अगर आप रामायण बना रहे हैं तो आप भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते। लोग इसे श्रद्धा से देखते हैं।’
प्रेम सागर नहीं देखना चाहते ‘आदिपुरुष’
Prem Sagar ने आगे कहा, ‘मैंने फिल्म के क्लिप देखे हैं और सुनील लहरी समेत कई लोगों से इस बारे मेंबात की। तो कुछ तो समस्या है। मैं फिल्म देखना भी नहीं चाहता। रावण बहुत ज्ञानी था और आप सोने की लंका (सोने की लंका) को काला कर रहे हैं। उसके पांच सिर ऊपर और 5 सिर नीचे लगा रहे हैं।’
‘हो सकता है कुदरत ऐसा कर दे बुद्धि भटक जाए’
वहीं अब ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स ने विवादित डायलॉग को बदलने का आश्वासन दिया है। जिन डायलॉग पर आपत्ति है, मेकर्स उन पर दोबारा काम कर रहे हैं, और यह फिल्म बदले गए संवाद के साथ कुछ ही दिनों में रिलीज की जाएगी। इस बारे में प्रेम सागर ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया। यह बड़ी बात है। मैं मनोज का दिल से सम्मान करता हूं, क्योंकि मैंने उनकी कई रील्स देखी हैं। वह अच्छा काम करते हैं। मुझे नहीं पता कि इस बार क्या हुआ। हो सकता है कि कभी-कभी कुदरत कुछ ऐसा भी कर दे कि बुद्धि को भटका दे।’
”आदिपुरुष’ को मार्वल बना दिया’
इससे पहले एक अन्य इंटरव्यू में प्रेम सागर ने ‘आदिपुरुष’ पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि इसे मार्वल की फिल्म बनाने की कोशिश की गई है। तब उन्होंने हनुमान जी का डायलॉग को ‘टपोरी’ बताते हुए कहा था कि उनके पिताजी रामानंद सागर ने भी ‘रामायण’ बनाते वक्त क्रिएटिव फ्रीडम ली थी, पर उन्होंने भगवान और सभी किरदारों को समझा था। उन्होंने कई ग्रंथों और रामायण के अन्य वर्जन को पढ़ा था, पर कभी भी तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं की। प्रेम सागर ने कहा था कि रावण जैसे परम ज्ञानी को खलनायक के रूप में दिखाना गलत है।