आतंकियों का स्लीपर सेल है सूफा, 2012 में 40-45 युवकों ने मिलकर की शुरुआत, जानिए इसके बारे में सब कुछ

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आतंकियों का स्लीपर सेल है सूफा, 2012 में 40-45 युवकों ने मिलकर की शुरुआत, जानिए इसके बारे में सब कुछ

आतंकियों का स्लीपर सेल है सूफा, 2012 में 40-45 युवकों ने मिलकर की शुरुआत, जानिए इसके बारे में सब कुछ

रतलामः राजस्थान की जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड एमपी के रतलाम से पकड़ा गया। उसके अलावा दो अन्य लोग भी पकड़े गए। तीनों को शुक्रवार तड़के राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया गया। तीनों अल सूफा या सूफा (Sufa) से जुड़े हुए हैं। सूफा के सदस्यों के खिलाफ हत्या से लेकर देशद्रोह तक के मामले दर्ज हैं। यह संगठन आतंकियों के स्लीपर सेल की तरह काम करता है। संगठन के सदस्यों के खिलाफ सात साल पहले एनआईए भी रतलाम में कार्रवाई कर चुका है।

रतलाम और देवास से चलता है संगठन
सभी गिरफ्तार आतंकी जिस अल सूफा संगठन से जुड़े हैं, उसका संचालन मध्य प्रदेश के रतलाम और देवास के पास से होता है। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे मध्य प्रदेश की नंबर प्लेट वाली बोलेरो कार में जा रहे थे। सभी राजस्थान की राजधानी जयपुर जा रहे थे। पूछताछ के दौरान पता चला कि जयपुर में एक सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची गई थी और गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को विस्फोटक अपने समूह के अन्य सदस्यों को सौंपना था।

स्लीपर सेल की तरह काम करता है सूफा
सूफा कट्टरपंथी सोच वाला संगठन है। इसमें करीब 70 युवक शामिल हैं जो आतंकियों के स्लीपर सेल की तरह काम करते हैं। सूफा कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा और तौर-तरीकों का पक्षधर है। संगठन मुस्लिम समाज में शादी जैसे कार्यक्रमों का विरोधी है। वह इन्हें हिंदू रीति-रिवाज मानता है।

2012 के आसपास शुरुआत
बताया जाता है कि सूफा संगठन की शुरुआत रतलाम में वर्ष 2012 के आसपास हुई थी। 40-45 युवकों ने मिलकर इसकी शुरुआत की थी। धीरे-धीरे सदस्यों की संख्या बढ़ी। संगठन की शुरुआत में असजद और जुबेर की अहम भूमिका थी। शुरुआत में इनका उद्देश्य इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार कर मुस्लिम समाज में मौजूद लोगो को जोड़े रखना था, लेकिन बाद में वे युवाओं को धर्म के प्रति बहकाने का काम करने लगे।

सात साल पहले एनआईए ने पकड़े छह सदस्य
सूफा संगठन से जुड़े मुख्य लोग हत्या जैसे संगीन मामले के आरोपी हैं। इसके सदस्यों के खिलाफ देशद्रोह के मामले भी दर्ज हैं। साल 2015 में रतलाम में सूफा पर कार्रवाई करते हुए एनआईए ने दबिश दी थी। संगठन के सरगना असजद सहित छह लोगों को हिरासत में भी लिया था। इनके पास से आपत्तिजनक धार्मिक साहित्य और देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े कागजात मिले थे।

2017 में भी रहा चर्चा में
2017 में भी अल सूफा संगठन चर्चा में आया था। रतलाम के तरुण हत्याकांड में सूफा के आठ सदस्यों को पकड़ा था। इनमें जुबेर और अल्तमस भी शामिल थे। कई साल तक शांत रहने के बाद यह संगठन दोबारा आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इस बार पुलिस की सतर्कता से वे साजिश को अंजाम देने से पहले ही पकड़े गए।



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