आतंकवादियों ने घर में घुसकर पीटा, फिर भी नहीं मानी हार… अब WPL छक्के उड़ाएगी कश्मीर की बेटी
मुश्किल रही शुरुआत
जासिया ने आठ साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया। वह बताती हैं कि उनके इलाके में लड़कियों का बाहर निकलना मुश्किल है। हालांकि, उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए सपोर्ट किया। फिर वह अपने मौसेरे भाई के साथ खेलने लगीं। उन्होंने कहा, ‘मेरे क्षेत्र में छह से सात महीने बर्फ पड़ती है और दो महीने बारिश होती है। इसलिए हमें बाकी दिनों में क्रिकेट खेलने को मिलता है। कभी हम सड़कों पर खेलते थे, तो कभी पथरीले इलाकों में।’ जासिया के पिता सेब की खेती करते हैं। उनकी मां हाउस वाइफ हैं।
हरमनप्रीत ने की थी मदद
जासिया की आदर्श भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर हैं। साथ ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग से बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला है। जासिया ने बताया, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया तब क्रिकेट किट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब मैं 2012-13 में जम्मू-कश्मीर के लिए खेल रही थी, तब हरमनप्रीत ने ही मुझे बल्ला गिफ्ट किया था। मैंने उस बल्ले से चार साल तक क्रिकेट खेला। 2019 में मैंने वास्तव में क्रिकेट किट ली थी।’
तब और बुलंद हुए इरादे
जासिया बताती हैं कि 2006-07 में एक बार आतंकवादी उनके घर में घुस आए और उन्हें पीटा। उसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए क्रिकेट छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘उस घटना के बाद मेरे इरादे और मजबूत हो गए। साथ ही मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया। इसलिए मैं आज यहां पहुंच सकी हूं।’ उन्हें उम्मीद है कि उनकी तरह क्रिकेटर बनने का सपना पालने वाली कश्मीर की कई लड़कियों WPL प्रेरित करेगा।