आज का एक्सप्लेनर: 2029 में नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री का चेहरा, फिर 75वें जन्मदिन पर रिटायरमेंट की चर्चा क्यों; क्या संघ को उत्तराधिकारी की तलाश?

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आज का एक्सप्लेनर:  2029 में नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री का चेहरा, फिर 75वें जन्मदिन पर रिटायरमेंट की चर्चा क्यों; क्या संघ को उत्तराधिकारी की तलाश?

आज का एक्सप्लेनर: 2029 में नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री का चेहरा, फिर 75वें जन्मदिन पर रिटायरमेंट की चर्चा क्यों; क्या संघ को उत्तराधिकारी की तलाश?

8 अप्रैल को महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘PM मोदी के उत्तराधिकारी चुनने का यह सही समय नहीं है, क्योंकि 2029 में वो फिर से प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।’

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दरअसल, BJP में 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का अघोषित नियम है। हाल ही में संजय राउत के एक बयान से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस साल सितंबर में PM मोदी रिटायरमेंट ले लेंगे, क्योंकि 17 सितंबर को वो 75 साल के होने वाले हैं।

आखिर नरेंद्र मोदी के 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट की चर्चा कहां से छिड़ी, क्या मोदी इस बैरियर को तोड़कर राजनीति में बने रहेंगे और ये BJP के लिए क्यों जरूरी है; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: PM मोदी के रिटायरमेंट का मुद्दा कहां से उठा? जवाब: 30 मार्च को PM मोदी नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे थे। जहां वो संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिले। इसके बाद संजय राउत ने एक बयान दिया, जिस पर देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया। दोनों नेताओं के बयान सिलसिलेवार पढ़िए…

31 मार्च 2025: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने दावा किया कि PM मोदी अपने रिटायरमेंट प्लान पर चर्चा करने के लिए संघ मुख्यालय गए थे। उन्होंने कहा, ‘सिंतबर में रिटायरमेंट की एप्लिकेशन लिखने के लिए शायद वो (नरेंद्र मोदी) RSS मुख्यालय गए। अब मोदी जी का समय खत्म हो गया है और संघ देश के नेतृत्व में बदलाव चाहता है।’ राउत ने ये भी कहा कि PM मोदी का उत्तराधिकारी महाराष्ट्र से होगा।

कुछ ही घंटों बाद CM फडणवीस ने राउत के बयान पर पलटवार किया। फडणवीस ने कहा, ‘मोदी जी के उत्तराधिकारी को चुनने का कोई कारण नहीं है। मोदी जी हमारे नेता हैं। मैं चाहता हूं कि 2029 में भी मोदी जी प्रधानमंत्री हों। अभी इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है। हमारी भारतीय परंपरा में पिता के जीवित रहते उत्तराधिकार के बारे में नहीं सोचते हैं। ये मुगल परंपरा है।’

8 अप्रैल 2025: इंडिया ग्लोबल फोरम में CM देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया गया कि क्या PM मोदी का उत्तराधिकारी महाराष्ट्र से होगा, तो इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘यह सही समय नहीं है PM मोदी के उत्तराधिकारी चुनने का, क्योंकि 2029 में वो फिर से प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।’

सवाल-2: 75वें जन्मदिन पर PM मोदी के रिटायरमेंट की बातें क्यों उठ रही हैं? जवाब: BJP में बीते कुछ सालों से एक अनौपचारिक परम्परा या नीति की चर्चा रही है। इसके तहत 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को सक्रिय राजनीति या चुनावी भूमिकाओं से हटाकर मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया या किनारे कर दिया गया।

2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस अनौपचारिक नीति को सख्ती से लागू करने की बात सामने आई थी। खासकर जब आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर कर दिया और उनकी जगह नए नेताओं को मौका मिला। हालांकि, BJP के संविधान में 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट को लेकर कोई औपचारिक या लिखित नियम नहीं है।

26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे।

BJP नेताओं का तर्क है कि यह कोई संवैधानिक नियम नहीं, बल्कि यह फैसला परिस्थितियों और जरूरतों के आधार पर लिया जाता है। यह एक अघोषित और लचीली प्रथा रही है, जिसे पार्टी नेतृत्व अपनी समझ से लागू करती है।

राजनीति से रिटायर होने की कोई तय उम्र नहीं है। यह पार्टी या व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह रिटायर होना चाहता है या नहीं। ज्यादातर देशों में राजनेताओं के लिए रिटायरमेंट की कोई उम्र तय नहीं है। वे तब तक चुनाव लड़ सकते हैं, जब तक चुनाव लड़ने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हैं।

भारत में 75 साल से ज्यादा उम्र के कई नेता अभी भी एक्टिव हैं और बड़े पदों पर हैं। इनमें 84 साल के NCP (SP) अध्यक्ष शरद पवार, 82 साल के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, 91 साल के JD(S) अध्यक्ष और सांसद एचडी देवगौड़ा, 87 साल के फारूक अब्दुल्ला, 78 साल की सोनिया गांधी और 79 साल के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद जैसे कई नेता शामिल हैं।

सवाल-3: क्या BJP ने 75 साल की उम्र के बाद अपने नेताओं को रिटायर किया? जवाब: हां, इसके कई उदाहरण हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद BJP में इस तरह का ट्रेंड देखने को मिला था। पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में 75 साल से कम उम्र के नेताओं को ही जगह दी थी। यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, लालजी टंडन जैसे वरिष्ठ नेताओं को 75 प्लस की उम्र का होने के कारण शामिल नहीं किया था। लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी इलेक्टोरल पॉलिटिक्स से हटाकर मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया था।

मार्च, 2023 में भाजपा के एक कार्यक्रम में PM मोदी के साथ दीप जलाते मार्गदर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी। 2019 लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था।

2016 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तो उस समय उनकी उम्र भी 75 साल थी। इसी साल नजमा हेपतुल्लाह ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया, जिनकी उम्र 76 साल थी। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तब के BJP अध्यक्ष अमित शाह ने ‘द वीक’ मैगजीन से एक इंटरव्यू में कहा था कि 75 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है।

इस चुनाव में सुमित्रा महाजन और हुकुमदेव नारायण यादव जैसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी का टिकट 75 साल से ज्यादा उम्र की वजह से कट गया था।

सवाल-4: राजनीति से रिटायरमेंट को लेकर भारत का संविधान क्या कहता है? जवाब: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 में संसद सदस्य बनने के लिए जरूरी योग्यताओं के बारे में बताया गया है। लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 25 साल और राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 30 साल की उम्र होनी चाहिए। भारतीय संविधान में राजनीति से रिटायर होने की कोई तय उम्र सीमा नहीं है।

सांसद, विधायक, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि पदों पर काम कर रहे लोगों के लिए रिटायरमेंट की अधिकतम आयु सीमा नहीं है। कार्यकाल खत्म होने पर उनका पद चला जाता है, लेकिन चुनाव जीतकर वे फिर से इसी पद पर आ सकते हैं।

संविधान में इन पदों पर कितनी बार आ सकते हैं, इसको लेकर भी कोई नियम नहीं है। यानी कोई व्यक्ति कितनी भी बार चुनाव जीतकर अलग-अलग या उसी राजनीतिक पद पर बना रह सकता है।

सवाल-5: तो क्या संघ वाकई में PM नरेंद्र मोदी का उत्तराधिकारी तलाश रहा है? जवाब: पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई कहते हैं, ‘संजय राउत के बयान में सच्चाई नहीं है कि संघ नरेंद्र मोदी का उत्तराधिकारी तलाश रहा है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाए रखने की BJP के पास कई सारी वजहें हैं, जबकि उन्हें हटाने की एक भी नहीं। सिर्फ नरेंद्र मोदी ही इकलौते नेता हैं, जो 2029 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर BJP को जीत दिला सकते हैं। अगर नरेंद्र मोदी खुद से इस्तीफा देने का इरादा करें तो अलग बात है, फिर भी ऐसे कोई संकेत नहीं मिलते।’

सवाल-6: PM मोदी पर 75 साल की उम्र का बैरियर लागू क्यों नहीं होगा, क्या BJP 2029 का चुनाव भी मोदी की अगुआई में लड़ेगी? जवाब: कई मौकों पर BJP नेताओं ने कहा है कि 2029 लोकसभा चुनाव की अगुआई भी प्रधानमंत्री मोदी ही करेंगे।

  • 17 मई 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘’मैं BJP का वरिष्ठ नेता होने के नाते ये कहना चाहता हूं कि 2029 में भी वो (नरेंद्र मोदी) भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।’
  • मई 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘BJP 2029 में भी PM मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ेगी।’
  • 5 अगस्त 2024 को गृह मंत्री अमित शाह ने एक सभा में कहा, ‘NDA सरकार सिर्फ अपने पांच साल पूरे नहीं करेगी, बल्कि 2029 में भी केंद्र में सरकार बनाएगी और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।’

9 जून 2024 को नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने थे।

PM मोदी ने भी पिछले साल 30 अगस्त को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा,

यह ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का 5वां संस्करण है। मैं इसके 10वें संस्करण में भी आऊंगा।’

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इसके बाद से कयास लगाए गए कि 2029 के चुनाव में मोदी ही BJP की अनुआई करेंगे। ऐसे में मोदी पर 75 साल की उम्र का बैरियर लागू न होने की कई वजहें हैं।

रशीद किदवई बताते हैं, ‘BJP चाहेगी कि PM मोदी 2029 के चुनाव तक सक्रिय रहें क्योंकि पार्टी के पास PM मोदी जैसा कोई नेता नहीं, जो अपने दम पर चुनाव जिता दे। BJP के संविधान में 75 की उम्र के बाद रिटायर होने का कोई लिखित नियम नहीं है, लेकिन पार्लियामेंट्री बोर्ड और NDA के घटक दल सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर सकते हैं कि मोदी ही कंटिन्यू करें।’

इलेक्शन एनालिस्ट अमिताभ तिवारी कहते हैं, ‘पार्टी के अंदर भी मोदी को चैलेंज करने वाला कोई चाहिए। जब BJP के पास कोई बैकिंग फेस होगा तभी मोदी पर दबाव बनेगा। मोदी रिकॉर्डमैन हैं। अगर वे तीसरा टर्म पूरा कर भी लेते हैं तब भी कार्यकाल के हिसाब से नेहरू से पीछे रहेंगे। यही कारण है कि वे पद नहीं छोड़ना चाहेंगे। मोदी चाहेंगे कि नेहरू का सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड तोड़ा जाए।’

पॉलिटिकल एक्सपर्ट अविनाश कल्ला का भी यही मानना है। वे कहते हैं,

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BJP अभी ऐसा करने की पोजीशन में नहीं है। BJP के पास प्रधानमंत्री मोदी के अलावा कोई दूसरा चेहरा नहीं है, जो सबको बांधकर रख सके।

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सवाल-7: क्या कभी BJP ने 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को पद पर बहाली दी? जवाब: हां। 2022 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई। उस समय उनकी उम्र करीब 79 साल थी। ऐसा अगले साल 2023 में कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किया गया था। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। राज्य में इनकी आबादी करीब 17% है।

एक साल पहले ही उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने से पहले विधानसभा में उन्होंने BJP के केंद्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट किया था। उन्होंने कहा था, ‘मेरी उम्र 75 साल से ज्यादा हो जाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे पद पर बने रहने दिया।’

26 जुलाई 2021 को बतौर CM बीएस येदियुरप्पा ने तब के कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को अपना इस्तीफा सौंपा था।

येदियुरप्पा के साथ ही सत्यनारायण जटिया को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई थी। उनकी उम्र भी उस समय 76 साल थी। मध्य प्रदेश में दलित समुदाय को साधने के लिए BJP ने ऐसा किया था। इसके अलावा 2022 गुजरात चुनाव में 76 साल के योगेश पटेल को टिकट दिया था। वहीं, 2023 मध्य प्रदेश चुनाव में 80 साल के नागेंद्र सिंह और 75 साल के जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को चुनाव मैदान में उतारा गया था।

सवाल-8: क्या अमित शाह और योगी जैसे बड़े नेता प्रधानमंत्री पद के दावेदार बन सकते हैं? जवाब: रशीद किदवई कहते हैं, ‘ऐसे तो प्रधानमंत्री की रेस में अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह जैसे कई नेता मिल जाएंगे। लेकिन इन नेताओं का प्रधानमंत्री बनना तब तक मुश्किल है, जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। संघ सत्ता को लेकर हमेशा सजग रहा है और PM को हटाने की गलती कभी नहीं करेगा। वैसे भी अमित शाह देश में दूसरे नम्बर के नेता हैं। इसलिए कयास लग सकते हैं कि अगले प्रधानमंत्री वो हो सकते हैं, लेकिन अंतिम फैसला संघ और BJP का ही होगा। अब ऊंट किस करवट बैठेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।’

सवाल-9: दुनिया के किसी देश में राजनीति से रिटायरमेंट की क्या कोई उम्र फिक्स है? जवाब: नहीं, दुनिया के किसी भी देश में राजनीति से रिटायरमेंट की कोई उम्र तय नहीं है। हालांकि, तुर्कमेनिस्तान में सितंबर 2016 तक राष्ट्रपति पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 साल थी, लेकिन इस नियम को हटा दिया गया है।

इसके अलावा ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और रूस में कोई नेता दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता था, लेकिन साल 2016 में ताजिकिस्तान, 2020 में रूस और 2023 में उज्बेकिस्तान ने इस नियम को भी हटा दिया। हालांकि, अमेरिका में इस तरह का नियम अभी भी कायम है। अमेरिकी संविधान के अनुसार कोई व्यक्ति अधिकतम दो बार ही राष्ट्रपति पद पर रह सकता है, लेकिन इसके लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 81 साल की उम्र के बावजूद इस बार दोबारा चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन पार्टी के अंदर विरोध और आलोचना के बाद उन्होंने अपना इरादा बदला और कमला हैरिस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प भी 78 साल के हैं।

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रिसर्च सहयोग- अंकुल कुमार

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