आज का एक्सप्लेनर: 17 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से मुंबई में गिर सकती है 300 फीट की चट्टान; कितनी तबाही की आशंका h3>
सबसे पहले नीचे की तस्वीर देखिए…कुछ ऐसा ही मंजर दिखेगा, अगर 22 दिसंबर 2032 को करीब 300 फीट का एस्टेरॉयड YR4 धरती से टकरा गया
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ये खौफनाक एनिमेशन यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के साइंटिस्ट डॉ. डेविड रैंकिन ने शेयर किया है। वैज्ञानिकों ने YR4 एस्टेरॉयड के गिरने का जो रास्ता कैलकुलेट किया है, उसमें भारत के मुंबई और कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहर भी शामिल हैं।
YR4 एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की कितनी आशंका, अगर टकराया तो कितनी तबाही मचेगी और क्या इसे आसमान में ही खत्म नहीं किया जा सकता; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…
सवाल-1: एस्टेरॉयड 2024 YR4 के बारे में वैज्ञानिकों को कैसे पता चला?
जवाब: दक्षिण अमेरिकी देश चिली में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का एक सेंटर है। इसे ‘द एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम’ यानी ATLAS कहते हैं। करीब 2 महीने पहले 27 दिसंबर 2024 को एस्ट्रोनॉमर्स ने ATLAS के टेलिस्कोप की मदद से पहली बार एक क्षुद्रग्रह को देखा। नाम दिया- 2024 YR4।
NASA द्वारा जारी इस इमेज में ATLAS की दूरबीन ने एस्टेरॉयड को स्पॉट किया है।
आगे की स्टडी से पता चला है कि यह 22 दिसंबर 2032 को हमारे ग्रह यानी पृथ्वी से टकरा सकता है। NASA ने इसे सेंट्री रिस्क टेबल में शामिल कर लिया। इस लिस्ट में पृथ्वी के पास के ऐसे एस्टेरॉयड को रखा जाता है, जिनसे आने वाले समय में पृथ्वी को किसी भी तरह का खतरा होने की आशंका होती है। तब से इसे लगातार ट्रैक किया जा रहा है।
सवाल-2: इस एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की आशंका कितनी है?
जवाब: 2024 YR4 एस्टेरॉयड एक जगह स्थिर नहीं है, बल्कि लगातार घूम रहा है। इसलिए धरती से टकराने की इसकी आशंका बदलती रहती है।
27 दिसंबर 2024 को जब ये एस्टेरॉयड पहली बार देखा गया था, तब इसके धरती से टकराने की आशंका 1.3% थी। 7 फरवरी 2025 को ये आशंका बढ़कर 2.3% हो गई।
18 फरवरी 2025 को ये आशंका बढ़कर 3.1% हो गई और 19 फरवरी को NASA ने लेटेस्ट डेटा के आधार पर बताया कि अब इसकी आशंका घटकर 1.5% रह गई है।
यानी हर 66 में से एक आशंका है कि ये एस्टेरॉयड 22 दिसंबर 2032 को धरती से टकराएगा। ये आशंका सुनने में भले ही कम लगे लेकिन अंतरिक्ष के लिहाज से ये बहुत अधिक है।
नासा के मुताबिक, अगले कुछ समय तक इसे दूरबीन सटीक तरह से देख सकती हैं। इसी दौरान यह पता करने की कोशिश की जाएगी कि यह हमारे सौरमंडल में किस ऑर्बिट यानी रास्ते पर ट्रैवल कर रहा है। जैसे-जैसे हम क्षुद्रग्रह का अधिक निरीक्षण करेंगे, टक्कर की आशंका ज्यादा सटीक पता चलेगी।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिसंबर 2028 में यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। तब इसकी पृथ्वी से दूरी करीब 80 लाख किलोमीटर होगी। तब वैज्ञानिकों को इसके साइज और ऑर्बिट के बारे में कुछ और सटीक जानकारियां मिल सकती हैं।
सवाल-3: अगर एस्टेरॉयड YR4 धरती से टकराया तो किस शहर में गिर सकता है?
जवाबः अमेरिका बेस्ड B612 एस्टेरॉयड इंस्टीट्यूट ने YR4 की स्टडी करके संभावित रास्ते बनाए हैं, जिसके आधार पर अमेरिकी फिजिसिस्ट एड लू ने इसका मैप बनाया है, जिसमें एस्टेरॉयड के टकराने के रास्ते में भारत भी शामिल है।
NASA ने भी वो क्षेत्र आइडेंटिफाई किए हैं जहां एस्टेरॉयड टकरा सकता है। इसमें ईस्टर्न पैसेफिक, नॉर्दर्न साउथ अमेरिका, एटलांटिक, अफ्रीका के कुछ हिस्से, अरब सागर और साउथ एशिया शामिल हैं। रिस्क जोन में मुंबई और कोलकाता जैसे भारतीय शहर भी शामिल हैं।
सवाल-4: एस्टेरॉयड मुंबई जैसे शहर से टकराया तो कितनी तबाही लाएगा?
जवाबः इस एस्टेरॉयड का साइज 40 से 100 मीटर के बीच है। इसके साइज की वजह से NASA ने इस एस्टेरॉयड को इम्पैक्ट हैजर्ड स्केल पर 10 में से 3 रेटिंग दी है। यानी इससे सिर्फ स्थानीय विनाश होगा। इसलिए इसे सिटी किलर कहा जा रहा है।
हालांकि ये कितनी बड़ी तबाही लाएगा, उसमें दो और अहम फैक्टर हैं- इसकी स्पीड और ये किन चीजों से बना है।
अगर 2032 में यह पृथ्वी से टकराएगा, उस समय इसकी स्पीड करीब 61,155 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह चट्टानों का बना है। ऐसे में पृथ्वी से टकराने पर ये पहले हवा में एक तेज विस्फोट करेगा। इससे पृथ्वी पर एक तेज शॉक-वेव डेवलप होगी। इससे मुंबई जितना बड़ा शहर तबाह हो सकता है।
ये धरती पर टकराते वक्त 8 मेगाटन TNT का फोर्स जनरेट कर सकता है। जो जापान के हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम से कई गुना ज्यादा ताकतवर होगा। हिरोशिमा विस्फोट में करीब 66 हजार लोग मारे गए थे।
साल 1908 में लगभग इसी साइज का एस्टेरॉयड साइबेरियन जंगलों से टकराया था, जिसने करीब 1287 किमी के एरिया में तबाही मचाई थी।
सवाल 6: अगर तय हो गया कि टक्कर होने वाली है तो ऐसे में क्या इसे रोका जा सकता है?
जवाब: पृथ्वी पर 3 अरब सालों से ज्यादा समय से जीवन मौजूद है। एस्ट्रोफिजिक्स के जानकार प्रोफेसर जोंटी हॉर्नर एक आर्टिकल में लिखते हैं, इन 3 अरब सालों में कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि जीवों को स्पेस से आने वाले किसी खतरे के बारे में पहले से पता चल गया हो। हालांकि, बीते कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर टकराने से पहले ही 11 एस्टेरॉयड खोजे हैं।’
इसके अलावा 2022 में नासा ने एक सफल टेस्ट किया है, जिसके जरिए पृथ्वी पर टकराने से पहले ही स्पेस में किसी एस्टेरॉयड का रास्ता बदला जा सकता है। इसे नासा का DART मिशन यानी ‘डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट’ कहा जाता है।
इसके तहत 24 नवंबर 2022 को नासा ने स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट लॉन्च किया था। ये रॉकेट एक 570 किलोग्राम के बॉक्स के आकार के स्पेसक्राफ्ट को स्पेस में लेकर गया था। नासा ने इस स्पेसक्राफ्ट की टक्कर 160 मीटर व्यास वाले ‘डिमोर्फोस’ नाम के एक एस्टेरॉयड से करवाई।
नासा के स्पेसक्राफ्ट के डिमोर्फोस से टकराने का विजुअल। सोर्स- ESA
इससे डिमोर्फोस की दिशा बदल गई और वह 22,530 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से एक अलग दिशा में चला गया। अगर यह एस्टेरॉयड भी पृथ्वी के नजदीक आया तो समय रहते नासा जैसे स्पेस एजेंसियां स्पेसक्राफ्ट से टक्कर करवाकर इसका रास्ता बदल सकती हैं।
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