आज कहां हैं 2003 विश्व कप फाइनल खेलने वाले खिलाड़ी, कोई बना बिजनसमैन तो कोई चला रहा है स्कूल
विश्व कप के फाइनल मैच में भारत के सामने 360 रनों का विशाल लक्ष्य था। गेंदबाजी के बाद अब बारी थी बल्लेबाजों की लेकिन वह उम्मीदों पर खड़े नहीं उतरे। टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करने उतरे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर सिर्फ चार बनाकर आउट हो गए। हालांकि वीरेंद्र सहवाग ने अकेले खूंटा गाड़े रखा और उन्होंने 88 रनों की पारी खेली, लेकिन उन्हें किसी अन्य बल्लेबाजों का साथ नहीं मिल सका। ऐसे में पूरी टीम 234 रन बनाकर सिमट गई। इस फाइनल में मिली हार को दो दशक बीत चुके हैं। ऐसे में आइए जानते हैं 2003 विश्व कप में हिस्सा लेने वाले उन खिलाड़ियों के मौजूदा स्थिति के बारे में कि अब कौन और क्या कर रहे हैं।
सचिन तेंदुलकर
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया। संन्यास के बाद सचिन ने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी की शुरुआत की, जिसका नाम एसआरके 10 है। इस कंपनी की शुरुआत उन्होंने साल 2016 में की जिसमें उनकी पत्नी अंजली भी उनकी साझेदार हैं। इसके अलावा सचिन भारत सरकार से जुड़े कई महीम के हिस्सा हैं। सचिन यूनिसेफ और बीएमडब्ल्यू के साथ जुड़कर अपना काम कर रहे हैं।
वीरेंद्र सहवाग
धाकड़ ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र ने भी क्रिकेट से संन्यास के बाद लीक से हटकर काम किया। सहवाग क्रिकेट में कमेंट्री करने के अलावा वह अपना एक सहवाग इंटरनेशनल स्कूल के नाम से शिक्षा संस्थान चलाते हैं। उन्होंने अपने स्कूल की शुरुआत 2011 में की थी जो कि एनसीआर के फरीदाबाद में स्थित है।
सौरव गांगुली
विश्व कप 2003 के कप्तान रहे सौरव गांगुली क्रिकेट से संन्यास के बाद प्रशासनिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। वह लंबे समय तक बंगाल क्रिकेट और बीसीसीआई के अध्यक्ष पर रहे। वहीं अब इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स के जुड़ गए हैं।
राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद अपनी दूसरी पारी की शुरुआत उन्होंने कोचिंग में की। शुरुआत में वह जूनियर क्रिकेटरों को संवारने का काम किया। इसके बाद वह कुछ समय के लिए आईपीएल में भी कोचिंग की और मौजूदा समय में वह टीम इंडिया के मुख्य कोच हैं।
युवराज सिंह
युवराज सिंह भी क्रिकेट से संन्यास के बाद बिजनेस में हाथ आजमाया है। युवराज सिंह यूवी कैन के नाम से संस्था एक चलाते हैं जो कि कैंसर पीड़ितों को मदद देती है। इसके अलावा वह विज्ञापन और क्रिकेट कमेंट्री से भी जुड़े हुए हैं।
दिनेश मोंगिया
2003 विश्व कप के सदस्य रहे दिनेश मोंगिया क्रिकेट से अलग होने के बाद अपने पिता के कारोबार को संभाल रहे हैं। मोंगिया हेल्थ केयर से जुड़ी कंपनी ऑनेस्ट सर्जिकल को. नाम की कंपनी को चलाते हैं। मोंगिया भारत के लिए 44 टेस्ट और 140 वनडे मैच खेल चुके हैं।
हरभजन सिंह
क्रिकेट से संन्यास के बाग हरभजन सिंह ने अपना करियर कमेंट्री में आगे बढ़ाया है। वह हिंदी के साथ अंग्रेजी कमेंट्री भी करते हैं।
जहीर खान
तेज गेंदबाज जहीर खान क्रिकेट से संन्यास के बाद खेल से ही जुड़े रहे हैं। जहीर आईपीएल की मुंबई इंडियंस के सपोर्टिंग स्टाफ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
जवागल श्रीनाथ
तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ भी संन्यास के बाद क्रिकेट से ही जुड़े रहे हैं। श्रीनाथ इंटरनेशनल मैचों में रेफरी की भूमिका निभाते हैं।
आशीष नेहरा
आशीष नेहरा ने भी संन्यास के बाद क्रिकेट में ही अपने करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया। पिछले साल ही नेहरा की कोचिंग में गुजरात टाइटंस की टीम ने इंडियन प्रीमियर लीग डेब्यू सीजन में ही खिताबी जीत हासिल की।