आज अपराधियों की तरफ से लड्डू बंटेंगे… कार्यवाहक डीजीपी पर Akhilesh का तंज, आखिर क्या है सरकार की मजबूरी
अखिलेश ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘उप्र पुलिस को मिला फिर से एक नया ‘कार्यवाहक DGP’। जब क़ानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार का रवैया काम-चलाऊ होगा तो कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाया जाएगा। आज अपराधियों की तरफ़ से लड्डू बंटेंगे क्योंकि उप्र शासन-प्रशासन की ढिलाई की वजह से ये समय अपराधियों के लिए अमृत-काल जो है।’
इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि यूपी में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है, क्या कोई भी आईपीएस इस पद के योग्य नहीं है।
अखिलेश यादव ने सरकार पर खड़े किए थे सवाल
सपा मुखिया अखिलेश ने योगी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या कोई अनैतिक कार्य के लिए तैयार नहीं है या पुलिसिया पैंतरों से चुनाव जिताऊ फ़ॉर्मूला सीख चुके कार्यवाहक DGP को 31 मार्च के बाद भी बनाए रखना है। इसके साथ ही यह भी कहा कि वह राज्य में अपराध को कैसे नियंत्रित करेगी जब वह एक स्थायी डीजीपी नियुक्त करने में विफल रही है।
लेकिन लगता है कि अखिलेश के सवालों का कुछ खास असर नहीं पड़ा। कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद एक बार फिर यूपी की कमान
अस्थाई डीजीपी के रूप में आरके विश्वकर्मा को मिली है। हालांकि 2 महीने बाद यानी मई 2023 को वो भी रिटायर हो रहे हैं ऐसे में विपक्ष के पास यह मुद्दा अभी भी बना हुआ है।
इन आईपीएस अधिकारियों का चर्चा में था नाम
IPS राज कुमार विश्वकर्मा पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल के बाद दूसरे सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं। हालांकि, डीजीपी के पद को लेकर पिछले काफी समय कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम चर्चा में थे। 1988 बैच के ही चार अफसर डीजीपी पद की रेस में चल रहे थे। इनमें विजय कुमार की सेवानिवृत्ति जनवरी 2024 में है। वहीं डीजीपी की रेस में एक नाम आनंद कुमार का भी था। वह अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे। वहीं यूपी में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का कार्यभार संभालने वाले प्रशांत कुमार का नाम भी खूब चर्चा में रहा। क्योंकि वो सीएम योगी के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा वो कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
1 दिन के लिए प्रशांत कुमार भी बने थे डीजीपी
11 मई 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक उनके पद से हटा दिया था। इसके बाद 1 दिन के लिए एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के पास डीजीपी का चार्ज रहा था। इसके बाद 13 मई को शासन ने डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया। मुकुल गोयल को डीजीपी से हटाकर डीजी सिविल डिफेंस जैसे पद पर भेजा दिया गया था। सरकार की तरफ से कहा गया कि मुकुल गोयल ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने में शिथिलता बरती। इसलिए उन्हें हटाया गया।