आजमगढ़ कमिश्नर के निरीक्षण में खुली अनियमिताओं की पोल: बच्चों के दूध फल कॉपी बैग, साबुन पर डाका डाल रहे अधिकारी, लिपिक बर्खास्त हटेंगे प्राचार्य – Azamgarh News

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आजमगढ़ कमिश्नर के निरीक्षण में खुली अनियमिताओं की पोल:  बच्चों के दूध फल कॉपी बैग, साबुन पर डाका डाल रहे अधिकारी, लिपिक बर्खास्त हटेंगे प्राचार्य – Azamgarh News

आजमगढ़ कमिश्नर के निरीक्षण में खुली अनियमिताओं की पोल: बच्चों के दूध फल कॉपी बैग, साबुन पर डाका डाल रहे अधिकारी, लिपिक बर्खास्त हटेंगे प्राचार्य – Azamgarh News

आजमगढ़ कमिश्नर विवेक के निरीक्षण में खुली अनियमिताओं की पोल, खाने के लिए लाइन में लगे बच्चे।

आजमगढ़ कमिश्नर विवेक के निरीक्षण ने सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। इस निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने यूपी श्रम आयुक्त श्रम प्रवर्तन अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। इसके साथ ही सहायक श्रम आयुक्त के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने प्रधानाचार्य को हटाने की

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आजमगढ़ कमिश्नर ने चेक किए बच्चों के खाने।

अनियमितताओं पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उप श्रमायुक्त राजेश कुमार एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारी देवेन्द्र सिंह को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही विद्यालय के नोडल अधिकारी सहायक श्रमायुक्त पवन कुमार सोनकर के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किए जाने तथा प्रधानाचार्य ब्रज किशोर नरायन सिंह को विद्यालय से हटाने की संस्तुति प्रेषित किए जाने का निर्देश दिया। इसके अलावा विद्यालय में तैनात एक लिपिक आशुतोष राय जिसे लाइब्रेरियन का भी दायित्व सौंपा गया था, के विरुद्ध कई गंभीर शिकायतें मिलने पर मण्डलायुक्त ने उसकी सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाने का भी निर्देश दिया।

आजमगढ़ कमिश्नर ने बच्चों से किया संवाद।

कमिश्नर ने किया छात्रछात्राओं से संवाद

कमिश्नर विवेक ने विद्यालय में छात्र छात्राओं से सीधे संवाद कर पठन पाठन, आवासीय सुविधाओं, भोजन, हास्टल में मिलने वाली सुविधाओं, पाठ्य सामग्री की उपलब्धता, खेलकूल, स्टेशनरी, विद्यालय और हास्टल की साफ सफाई आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली। बच्चों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें एक साल में 12 कापियॉं तथा दो कलम ही दिये गये हैं। इसके अलावा जो बैग दिये गये थे वे फट गये हैं। पीने के लिए आरओ का पानी उपलब्ध नहीं होता है। खेल के मैदान में जमीन से काफी कंकड़ निकल रहे हैं, जिससे खेलने में प्रायः चोट लग जाती है। छात्र छात्राओं द्वारा यह भी बताया गया कि हास्टल की हफ्ते में दो तीन बार ही सफाई होती है, जबकि प्रतिदिन सफाई होनी चाहिए।

यह भी बताया गया कि साफ सफाई के लिए झाड़ू, नहाने के लिए साबुन, शैम्पू तथा तेल, ब्रश, टूथपेस्ट आदि भी नहीं दिया जा रहा है। छात्राओं द्वारा बताया गया कि भण्डार पाल द्वारा पहले उन्हें 6-6 साबुन दिये गये थे, परन्तु बाद में 2-2 साबुन वापस ले लिए गये गये। इसके अलावा छात्र छात्राओं द्वारा भोजन मीनू के अनुसार नहीं दिये जाने तथा भोजन की क्वालिटी अत्यन्त खराब होने आदि सहित कई अन्य शिकायतें की गयी।

आजमगढ़ कमिश्नर ने बच्चों से लिया फीडबैक।

समीक्षा में पाई गई कई कमियां

कमिश्नर ने छात्र, छात्राओं से प्राप्त शिकायतों की पुष्टि के लिए पूरे टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को प्रिन्सिपल के चैम्बर में एकत्र कर सम्पादित कार्यों की समीक्षा किया तो कई अनियमिततायें प्रकाश में आईं तथा छात्र छात्राओं द्वारा की कई अधिकांश शिकायतों की पुष्टि हुई। उन्होंने भोजन के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में मेस में जाकर भोजन की गुणवत्ता को स्वयं परखा तो पाया कि चावल अत्यन्त खराब क्वालिटी का पकाया गया है, जिससे खराब महक आ रही थी तथा उसमें काफी मात्र में कंकर पत्थर भी पाये गये। इसी प्रकार सब्जी और दाल में बहुत अधिक पानी मिलाकर बिल्कुल पतला बनाया गया है।

आजमगढ कमिश्नर ने बच्चों से ली सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को मिलने की जानकारी, बच्चे बोले नहीं मिलता दूध और न ही फल।

भोजन की लाइन में बच्चों से भोजन के सम्बन्ध में जानकारी करने पर बताया गया कि मीनू में फल, दही, सलाद, पनीर, दूध आदि कई प्रकार की खाद्य सामग्री का प्राविधान है, परन्तु उन्हें मीनू के अनुसार भोजन कभी नहीं मिलता है। फल के नाम पर कभी कभी उन लोगों को केवल केला ही दिया जाता है,।

अन्य कोई फल नहीं दिया जाता है। सुबह जो चाय दी जाती है। उसमें केवल पानी और चीनी ही रहती है। दूध और चाय पत्ती नाम मात्र की होती है। यह भी विदित हुआ कि लन्च का टाइम 1.40 बजे का है परन्तु निरीक्षण के समय बच्चे 2.25 बजे अर्थात आधा घण्टा से अधिक समय से लाइन में खड़े पाये गये।

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