आचार संहिता का डरः दबाव में दी PTI चयनितों को नियुक्ति, सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा | Recruitment Before Code Of Conduct: PTI Recruitment Appointments Fake Degree Case | News 4 Social h3>
राज्य में प्रक्रियाधीन पीटीआई भर्ती में शिक्षा विभाग ने चयनितों को नियुक्ति दे दी है। आरोप है कि भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन हो गया है कि जो बैकडेट में डिग्री लेकर शामिल हुए। दरअसल, पीटीआई के लिए बीपीएड की डिग्री मान्य है।
विजय शर्मा/जयपुर. राज्य में प्रक्रियाधीन पीटीआई भर्ती में शिक्षा विभाग ने चयनितों को नियुक्ति दे दी है। आरोप है कि भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन हो गया है कि जो बैकडेट में डिग्री लेकर शामिल हुए। दरअसल, पीटीआई के लिए बीपीएड की डिग्री मान्य है। अधिकतर अभ्यर्थियों ने यूपी के शिकोहाबाद की बीपीएड की डिग्री लगाई है।
राजस्थान पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि अभ्यर्थियों ने भर्ती आवेदन के समय जानकारी दी कि बीपीएड का रिजल्ट नहीं आया है, लेकिन जब परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद दस्तावेज मांगे गए तो अभ्यर्थियों ने दो से तीन साल पुरानी डिग्री लाकर दे दी। ऐसे में इन डिग्रियों पर सवाल खड़े हो गए है। खास बात है कि ऐसे एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों केस सामने आए हैं।
सरकार का दबाव: अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लगने की संभावना है। ऐसे में सरकार का दबाव है कि इससे पहले अधिक से अधिक नियुक्तियां दे दी जाएं। इसी को देखते हुए अधिकारी भर्तियों में फर्जीवाड़े को भी नजरअंदाज कर रहे हैं। तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा हो या फिर पीटीआई… दोनों भर्तियों में आ रही शिकायतों को दबाया जा रहा है।
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ऐसे हो गए शामिल: दरअसल, बोर्ड की ओर से 2022 में भर्ती परीक्षा के आवेदन के समय हर दस्तावेज की जानकारी मांगी गई। इन अभ्यर्थियों ने उस समय बीपीएड डिग्री की जानकारी नहीं दी। इसमें बताया था कि उनका परिणाम अभी नहीं आया। बाद में जब परीक्षा पास कर ली तो अभ्यर्थियों ने बैकडेट में डिग्री तैयार करा ली।
बोर्ड ने दस्तावेज जांच के समय डिग्री मांगी तो अभ्यर्थियों ने 2019-2020 की डिग्री लाकर दिखा दी, लेकिन न तो शिक्षा विभाग और न ही चयन बोर्ड ने इन पर आपत्ति दर्ज कराई।
हमारे पास जो शिकायतें आ रही हैं, उनकी गहनता से जांच करवा रहे हैं। अगर जांच में दोषी मिला तो नियुक्ति रोक दी जाएगी।
– आलोक राज, चेयरमैन, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
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भर्ती में फर्जीवाड़े के साक्ष्य दे दिए, लेकिन अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
– रामरतनसिद्द, प्रदेशाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा संघर्ष समिति
बोर्ड ने लिखा था पत्र, सारण से मिला कनेक्शन
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर पीटीआई भर्ती में फर्जीवाड़े की आशंका जताई थी। इतना ही नहीं, बोर्ड ने विभाग को 13 यूनिवर्सिटी की सूची भेजी थी और बताया कि इन यूनिवर्सिटी की डिग्रियों की गहनता से जांच की जाए, लेकिन शिक्षा विभाग ने जांच के नाम पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया। गौरतलब है कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का सरगना भूपेन्द्र सारण ने भी राजस्थान में यूपी से बीपीएड की फर्जी डिग्रियां लाकर बेची थी।
ऐसे मामले सामने आए
पीटीआई भर्ती अभ्यर्थी बीकानेर निवासी सुमन ने आवेदन के समय 10वीं और 12वीं की जानकारी तो दे दी, लेकिन बीपीएड की जानकारी नहीं दे पाई। इसमें बताया कि परिणाम आने वाला है, लेकिन दस्तावेज जांच में 2019 की डिग्री लगाई, जो यूपी की है।
पीटीआई भर्ती के अभ्यर्थी महेन्द्र निवासी नागौर ने आवेदन के समय बीपीएड डिग्री की जानकारी नहीं दी। बताया कि परिणाम का इंतजार है, लेकिन दस्तावेज जांच में जो डिग्री दिखाई वह अगस्त 2019 को जारी हो गई।